करनाल: इसके साथ ही आईटीआई में नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो हर सप्ताह विद्यार्थियों के पासपोर्ट बनने की रिपोर्ट विभाग व सरकार को देगा. आईटीआई में पढ़ रहा कोई भी विद्यार्थी बिना पासपोर्ट के नहीं रहेगा.
आजकल जापान व हंगरी में स्किल डेवलपमेंट व इंडस्ट्रियल लेबर की बहुत मांग है. उन देशों में इनकी भारी कमी देखी जा रही है जिसके चलते भारत, जापान और हंगरी के आपस में हुए समझौते के चलते भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों से बच्चों को स्किल डेवलपमेंट, इंडस्ट्रियल की ट्रेनिंग देकर विदेशों में रोजगार के अवसर प्रदान होंगे.
विद्यार्थियों के पासपोर्ट बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को विदेशी कंपनियों की ओर से स्किल डेवलपमेंट एवं इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग पर ले जाने के लिए पासपोर्ट ना होने की समस्या आती है. पासपोर्ट बनने के बाद यह समस्या नहीं रहेगी.
ये भी पढ़ेंः- हरियाणा में 2024 तक हर जिले में होगा ओल्ड एज होम, सरकार ने HC में दी जानकारी
विभाग की रिपोर्ट से पता चला है कि विद्यार्थी विदेशी कंपनियों की विभिन्न स्किल ट्रेनिंग लेना चाहते हैं लेकिन विद्यार्थियों के पास पासपोर्ट व बैंक अकाउंट डॉक्यूमेंट ना होने के कारण उन्हें काफी परेशानी आती थी लेकिन अब आईटीआई के अधिकारी युवाओं को पासपोर्ट के लिए जागरूक व सहायता करेंगे.
जिले में 13 प्राइवेट 6 राजकीय प्रशिक्षण संस्थान हैं जहां हजारों विद्यार्थी विभिन्न स्किल के कोर्स कर रहे हैं. देश व विदेश की कंपनियां हर साल विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देकर रोजगार के अवसर प्रदान करती है. अब सरकार विद्यार्थियों को विदेश की कंपनियों में ट्रेनिंग दिलाने के लिए युवाओं के पासपोर्ट बनाएगी.
ये भी पढ़ेंः- शाहीन बाग और टुकड़े-टुकड़े गैंग AAP और कांग्रेस का ज्वाइंट वेंचर- अनिल विज