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इंद्री विधानसभा सीट: 2014 में पहली बार खिला था यहां कमल, जानिए क्या हैं इस बार समीकरण - indri 2014 election vote percentage

ये है ईटीवी भारत की खास पेशकश 'चौधर की जंग'. इस कार्यक्रम में हम आपको हरियाणा की हर विधानसभा सीट का लेखा-जोखा बता रहे हैं. इस बार हम बात करेंगे इंद्री विधानसभा सीट की.

indri assembly constituency
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Published : Oct 14, 2019, 5:22 PM IST

करनाल: इंद्री विधानसभा सीट करनाल जिले का हिस्‍सा है और ये क्षेत्र करनाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां पहली बार कमल खिला था जब बीजेपी के कर्णदेव कंबोज ने जीत दर्ज की थी. बाद में कर्णदेव कंबोज को हरियाणा सरकार में मंत्री भी बनाया गया था.

करनाल
फाइल फोटो.

2014 से पहले यहां से निर्दलीय, इनेलो और कांग्रेस के उम्मीदवार ही जीतते आ रहे थे. 2014 में पहली यहां बीजेपी ने जीत का स्वाद चखा था. यहां ज्यादातर विधायक जाट, पंजाबी या कंबोज समुदाय से ही बनते रहे हैं. 2014 में ये भी उन सीटों में से एक थी जहां मोदी लहर ने सबका सूपड़ा साफ कर दिया था.

इंद्री यमुना
यमुना नदी के किनारे बसा है इंद्री.

इंद्री की खासियत
ये इलाका यमुना नदी से सटा हुआ है. कर्ण की नगरी में आने वाला ये क्षेत्र धार्मिक रूप से खास महत्व रखता है. यहां का देवी मंदिर, हनुमान मंदिर, गीता मंदिर, गुरु रविदास मंदिर समेत कई ऐसे मंदिर हैं, जहां बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां पर कमाई का सबसे बड़ा स्रोत कृषि है. इस क्षेत्र में गेहूं, चावल और गन्‍ने की उपज भारी मात्रा में की जाती है. यहां की राइस एक्‍सपोर्ट मिल के जरिए चावल और गेहूं का निर्यात पूरे भारत में किया जाता है. 2008 में स्‍थापित किए गए हर्बल पार्क के जरिए देश भर के लोगों को पुरानी चिकित्‍सा प‍द्धति से अवगत कराया जाता है. यहां बड़ी संख्‍या में लोग अपना इलाज भी कराने पहुंचते हैं.

कर्ण देव कंबोज.
कर्ण देव कंबोज.

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम
2014 के चुनाव में इंद्री में कुल 1,76,573 मतदाता थे जिसमें से 1,40,484 लोगों ने मतदान किया था. इंद्री में कुल 79.56 प्रतिशत मतदान हुआ था. यहां बीजेपी उम्मीदवार कर्णदेव कंबोज ने इनेलो उम्मीदवार उषा कश्यप को हराया था. कर्णदेव कंबोज को 45,756 वोट मिले थे और उषा कश्यप को 21,881 वोट प्राप्त हुए थे. हजकां उम्मीदवार राकेश कम्बोज 18,892 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी भीम सेन मेहता 18,550 वोट लेकर चौथे नंबर पर रहे थे.

डॉ. नवजोत कश्यप
डॉ. नवजोत कश्यप. (कांग्रेस उम्मीदवार)

इस बार मात्र एक महिला उम्मीदवार मैदान में
इंद्री विधानसभा सीट से 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से मात्र एक ही महिला कैंडिडेट हैं. हालांकि यहां से 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें से 3 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हुए और एक ने नाम वापस ले लिया था.

कर्ण देव कंबोज.
सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ कर्ण देव कंबोज.

2019 में क्या हैं समीकरण?
इस बार चुनाव में राजनीतिक विशेषज्ञ यहां से अभी तक बीजेपी को हो आगे मानकर चल रहे हैं. हालांकि बीजेपी ने इस बार यहां से मौजूदा विधायक कर्णदेव कंबोज को टिकट नहीं दी है. कर्णदेव कंबोज को इस बार रादौर से टिकट दिया गया है. बीजेपी ने इस बार इंद्री से राम कुमार को टिकट दी है. वहीं कांग्रेस ने डॉ. नवजोत कश्यप और इनेलो ने प्रदीप कंबोज को मैदान में उतारा है. सभी पार्टियों ने जातीय समीकरण ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को मिली लीड ने विधानसभा चुनाव में यहां फिर से कमल खिलने की ओर इशारा किया है.

मतदान
कांसेप्ट इमेज.

2019 में मतदाता

  • कुल मतदाता- 1,97,245
  • पुरुष- 1,04,542
  • महिला- 92,699
  • ट्रांसजेंडर- 4

2019 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी

  • कांग्रेस- डॉ. नवजोत कश्यप
  • बीजेपी- राम कुमार
  • इनेलो- प्रदीप कंबोज
  • जजपा- गुरदेव सिंह

कब कौन रहा विधायक?

  • 1967 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी
  • 1968 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी
  • 1972 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी
  • 1977 में जनता पार्टी से देशराज
  • 1982 में लोकदल से लछमन सिंह
  • 1987 में लोकदल से लछमन सिंह
  • 1991 में हरियाणा विकास पार्टी से जानकी देवी
  • 1996 में निर्दलीय भीम सेन
  • 2000 में निर्दलीय भीम सेन
  • 2005 में कांग्रेस के राकेश कुमार
  • 2009 में इनेलो से अशोक कश्यप
  • 2014 में बीजेपी से कर्ण देव कंबोज

करनाल: इंद्री विधानसभा सीट करनाल जिले का हिस्‍सा है और ये क्षेत्र करनाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां पहली बार कमल खिला था जब बीजेपी के कर्णदेव कंबोज ने जीत दर्ज की थी. बाद में कर्णदेव कंबोज को हरियाणा सरकार में मंत्री भी बनाया गया था.

करनाल
फाइल फोटो.

2014 से पहले यहां से निर्दलीय, इनेलो और कांग्रेस के उम्मीदवार ही जीतते आ रहे थे. 2014 में पहली यहां बीजेपी ने जीत का स्वाद चखा था. यहां ज्यादातर विधायक जाट, पंजाबी या कंबोज समुदाय से ही बनते रहे हैं. 2014 में ये भी उन सीटों में से एक थी जहां मोदी लहर ने सबका सूपड़ा साफ कर दिया था.

इंद्री यमुना
यमुना नदी के किनारे बसा है इंद्री.

इंद्री की खासियत
ये इलाका यमुना नदी से सटा हुआ है. कर्ण की नगरी में आने वाला ये क्षेत्र धार्मिक रूप से खास महत्व रखता है. यहां का देवी मंदिर, हनुमान मंदिर, गीता मंदिर, गुरु रविदास मंदिर समेत कई ऐसे मंदिर हैं, जहां बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां पर कमाई का सबसे बड़ा स्रोत कृषि है. इस क्षेत्र में गेहूं, चावल और गन्‍ने की उपज भारी मात्रा में की जाती है. यहां की राइस एक्‍सपोर्ट मिल के जरिए चावल और गेहूं का निर्यात पूरे भारत में किया जाता है. 2008 में स्‍थापित किए गए हर्बल पार्क के जरिए देश भर के लोगों को पुरानी चिकित्‍सा प‍द्धति से अवगत कराया जाता है. यहां बड़ी संख्‍या में लोग अपना इलाज भी कराने पहुंचते हैं.

कर्ण देव कंबोज.
कर्ण देव कंबोज.

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम
2014 के चुनाव में इंद्री में कुल 1,76,573 मतदाता थे जिसमें से 1,40,484 लोगों ने मतदान किया था. इंद्री में कुल 79.56 प्रतिशत मतदान हुआ था. यहां बीजेपी उम्मीदवार कर्णदेव कंबोज ने इनेलो उम्मीदवार उषा कश्यप को हराया था. कर्णदेव कंबोज को 45,756 वोट मिले थे और उषा कश्यप को 21,881 वोट प्राप्त हुए थे. हजकां उम्मीदवार राकेश कम्बोज 18,892 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी भीम सेन मेहता 18,550 वोट लेकर चौथे नंबर पर रहे थे.

डॉ. नवजोत कश्यप
डॉ. नवजोत कश्यप. (कांग्रेस उम्मीदवार)

इस बार मात्र एक महिला उम्मीदवार मैदान में
इंद्री विधानसभा सीट से 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से मात्र एक ही महिला कैंडिडेट हैं. हालांकि यहां से 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें से 3 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हुए और एक ने नाम वापस ले लिया था.

कर्ण देव कंबोज.
सीएम मनोहर लाल खट्टर के साथ कर्ण देव कंबोज.

2019 में क्या हैं समीकरण?
इस बार चुनाव में राजनीतिक विशेषज्ञ यहां से अभी तक बीजेपी को हो आगे मानकर चल रहे हैं. हालांकि बीजेपी ने इस बार यहां से मौजूदा विधायक कर्णदेव कंबोज को टिकट नहीं दी है. कर्णदेव कंबोज को इस बार रादौर से टिकट दिया गया है. बीजेपी ने इस बार इंद्री से राम कुमार को टिकट दी है. वहीं कांग्रेस ने डॉ. नवजोत कश्यप और इनेलो ने प्रदीप कंबोज को मैदान में उतारा है. सभी पार्टियों ने जातीय समीकरण ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को मिली लीड ने विधानसभा चुनाव में यहां फिर से कमल खिलने की ओर इशारा किया है.

मतदान
कांसेप्ट इमेज.

2019 में मतदाता

  • कुल मतदाता- 1,97,245
  • पुरुष- 1,04,542
  • महिला- 92,699
  • ट्रांसजेंडर- 4

2019 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी

  • कांग्रेस- डॉ. नवजोत कश्यप
  • बीजेपी- राम कुमार
  • इनेलो- प्रदीप कंबोज
  • जजपा- गुरदेव सिंह

कब कौन रहा विधायक?

  • 1967 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी
  • 1968 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी
  • 1972 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी
  • 1977 में जनता पार्टी से देशराज
  • 1982 में लोकदल से लछमन सिंह
  • 1987 में लोकदल से लछमन सिंह
  • 1991 में हरियाणा विकास पार्टी से जानकी देवी
  • 1996 में निर्दलीय भीम सेन
  • 2000 में निर्दलीय भीम सेन
  • 2005 में कांग्रेस के राकेश कुमार
  • 2009 में इनेलो से अशोक कश्यप
  • 2014 में बीजेपी से कर्ण देव कंबोज
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ये है ईटीवी भारत की खास पेशकश 'चौधर की जंग'. इस कार्यक्रम में हम आपको हरियाणा की हर विधानसभा सीट का लेखा-जोखा बता रहे हैं. इस बार हम बात करेंगे इंद्री विधानसभा सीट की.

करनाल: इंद्री विधानसभा सीट करनाल जिले का हिस्‍सा है और ये क्षेत्र करनाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां पहली बार कमल खिला था जब बीजेपी के कर्णदेव कंबोज ने जीत दर्ज की थी. बाद में कर्णदेव कंबोज को हरियाणा सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. 

2014 से पहले यहां से निर्दलीय, इनेलो और कांग्रेस के उम्मीदवार ही जीतते आ रहे थे. 2014 में पहली यहां बीजेपी ने जीत का स्वाद चखा था. यहां ज्यादातर विधायक जाट, पंजाबी या कंबोज समुदाय से ही बनते रहे हैं. 2014 में ये भी उन सीटों में से एक थी जहां मोदी लहर ने सबका सूफड़ा साफ कर दिया था.

इंद्री की खासियत

ये इलाका यमुना नदी से सटा हुआ है. कर्ण की नगरी में आने वाला ये क्षेत्र धार्मिक रूप से खास महत्व रखता है. यहां का देवी मंदिर, हनुमान मंदिर, गीता मंदिर, गुरु रविदास मंदिर समेत कई ऐसे मंदिर हैं, जहां बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां पर कमाई का सबसे बड़ा स्रोत कृषि है. इस क्षेत्र में गेहूं, चावल और गन्‍ने की उपज भारी मात्रा में की जाती है. यहां की राइस एक्‍सपोर्ट मिल के जरिए चावल और गेहूं का निर्यात पूरे भारत में किया जाता है. 2008 में स्‍थापित किए गए हर्बल पार्क के जरिए देश भर के लोगों को पुरानी चिकित्‍सा प‍द्धति से अवगत कराया जाता है. यहां बड़ी संख्‍या में लोग अपना इलाज भी कराने पहुंचते हैं. 

इस बार मात्र एक महिला उम्मीदवार मैदान में

इंद्री विधानसभा सीट से 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से मात्र एक ही महिला कैंडिडेट हैं. हालांकि यहां से 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें से 3 उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हुए और एक ने नाम वापस ले लिया था.

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम

2014 के चुनाव में इंद्री में कुल 1,76,573 मतदाता थे जिसमें से 1,40,484 लोगों ने मतदान किया था. इंद्री में कुल 79.56 प्रतिशत मतदान हुआ था. यहां बीजेपी उम्मीदवार कर्णदेव कंबोज ने इनेलो उम्मीदवार उषा कश्यप को हराया था. कर्णदेव कंबोज को 45,756 वोट मिले थे और उषा कश्यप को 21,881 वोट प्राप्त हुए थे. हजकां उम्मीदवार राकेश कम्बोज 18,892 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी भीम सेन मेहता 18,550 वोट लेकर चौथे नंबर पर रहे थे.

2019 में क्या हैं समीकरण?

इस बार चुनाव में राजनीतिक विशेषज्ञ यहां से अभी तक बीजेपी को हो आगे मानकर चल रहे हैं. हालांकि बीजेपी ने इस बार यहां से मौजूदा विधायक कर्णदेव कंबोज को टिकट नहीं दी है. कर्णदेव कंबोज को इस बार रादौर से टिकट दिया गया है. बीजेपी ने इस बार इंद्री से राम कुमार को टिकट दी है. वहीं कांग्रेस ने डॉ. नवजोत कश्यप और इनेलो ने प्रदीप कंबोज को मैदान में उतारा है. सभी पार्टियों ने जातीय समीकरण ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को मिली लीड ने विधानसभा चुनाव में यहां फिर से कमल खिलने की ओर इशारा किया है.

2019 में मतदाता 

कुल मतदाता- 1,97,245

पुरुष- 1,04,542

महिला- 92,699

ट्रांसजेंडर- 4

2019 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी

कांग्रेस- डॉ. नवजोत कश्यप

बीजेपी- राम कुमार

इनेलो- प्रदीप कंबोज

जजपा- गुरदेव सिंह

कब कौन रहा विधायक?

1967 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी

1968 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी

1972 में कांग्रेस से प्रसन्नी देवी

1977 में जनता पार्टी से देशराज

1982 में लोकदल से लछमन सिंह

1987 में लोकदल से लछमन सिंह

1991 में हरियाणा विकास पार्टी से जानकी देवी

1996  में निर्दलीय भीम सेन

2000 में निर्दलीय भीम सेन

2005 में कांग्रेस के राकेश कुमार

2009 में इनेलो से अशोक कश्यप

2014 में बीजेपी से कर्ण देव कंबोज

 


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