करनाल: करनाल में किसानों का धरना चौथे दिन भी जारी है. ना सरकार मान रही और ना ही किसान, ऐसे में पुलिस और सीआरपीएफ कंपनी के जवान मुस्तैदी से ड्यूटी पर तैनात हैं. हालांकि शुक्रवार को खबर आई है कि तीन दिन के बाद प्रशासन ने करनाल जिले में इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया है. आज करनाल में पिछले तीन दिन से बंद इंटरनेट चल रहा है.
करनाल लघु सचिवालय के बाहर बेमियादी धरने के चौथे दिन किसान डटे हुए हैं. करनाल लघु सचिवालय के बाहर सिंघु बॉर्डर जैसा माहौल देखने को मिल रहा है. कुछ किसान राष्ट्रगान करते हुए दिखाई दिए, तो कई किसानों ने डांस करके अपना समय बिताया. इसी बीच किसानों ने प्रशासन को अब 11 सितम्बर तक का अल्टीमेटम दिया है. किसान नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा.
आपको बता दें कि 11 सितंबर (शनिवार) को करनाल में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक कर आंदोलन तेज करने का फैसला लिया जाएगा. उधर, धरनास्थल पर मौजूद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सुरेश कौथ ने कहा कि अफसरों ने कई बिंदुओं पर नरमी बरती थी, लेकिन मांगों पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं लिया जा रहा. लाठीचार्ज में शामिल अफसर और पुलिस कर्मियों के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी. सरकार मृतक किसान के आश्रितों को मुआवजा नहीं भी देगी तो किसान स्वयं मिलकर इस पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद करेंगे.
करनाल लघु सचिवालय के बाहर धरना दे रहे किसानों का कहना है कि पिछले साल आज ही के दिन कुरुक्षेत्र के पिपली में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया था. उस घटना को एक साल का वक्त बीत चुका है, मतलब किसानों को पुलिस की लाठियां खाते हुए एक साल पूरा हो गया. इस मौके पर किसानों ने राष्ट्रीय गान गाकर लाठीचार्ज में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान धरने में मौजूद किसानों का कहना है कि आज सरकार दोपहर तक सरकार एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय ले सकती है.