करनाल: किसानों के ऐलाने जंग के बाद करनाल में तनाव है. प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता इंतजाम के साथ मैदान में डटा है. लेकिन इस बार किसानों की महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) में कुछ तस्वीर बदली हुई दिख रही है. प्रशासन की मानें तो महापंचायत काफी लोग झंडे में लट्ठ लगाकर पहुंचे हैं. यही नहीं प्रशासन का कहना है कि महापंचायत में अराजक तत्व (Anti-social elements in Mahapanchayat) भी शामिल हैं.
करनाल प्रशासन ने इस मामले में एडवायजरी जारी की है. प्रशासन के मुताबिक करनाल में किसान महापंचायत के संदर्भ में, आज 07 सितंबर 2021 को ग्राउंड इंटेलीजेंस रिपोर्टों से संकेत मिला है कि लाठी, जेली, लोहे की रॉड आदि से लैस कुछ तत्व रंभा से, कुछ निसिंग से और कुछ अन्य स्थानों से अनाज मंडी पहुंचे हैं. उनकी ओर से अच्छे इरादे नहीं दिखते हैं. पुलिस और प्रशासन ने उन किसान नेताओं से बात की है जिन्होंने ऐसे तत्वों को कार्यक्रम स्थल छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वे अपने नेताओं की एक नहीं सुन रहे हैं. करनाल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दी जा रही है. ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा.
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इस मामले में गृहमंत्री अनिन विज ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि प्रशासन किसी भी अव्यवस्था से निपटने के लिए तैयार है. किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जायेगा. अनिल विज ने किसानों से भी अपील की है कि वो अपना प्रदर्शन शांतिपूर्वक करें.
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The state administration has made all arrangements (for Kisan Mahapanchayat). No one will be allowed to take the law into their hands. We appeal to our farmer brothers to peacefully conduct their public meeting: Haryana Home Minister Anil Vij pic.twitter.com/3JMon7nmI8
— ANI (@ANI) September 7, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 7, 2021The state administration has made all arrangements (for Kisan Mahapanchayat). No one will be allowed to take the law into their hands. We appeal to our farmer brothers to peacefully conduct their public meeting: Haryana Home Minister Anil Vij pic.twitter.com/3JMon7nmI8
— ANI (@ANI) September 7, 2021
दरअसल 28 अगस्लात को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तीन मांगें सरकार के सामने रखी थी. पहली मांग ये है कि एसडीएम सहित जिन सरकारी अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया था उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो. दूसरी मांग ये है कि जिस किसान की मौत हुई है, उसके परिवार को 25 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए. तीसरी मांग ये है कि पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुए सभी किसानों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए. इन तीनों मांगों को मानने के लिए किसानों ने सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था. लेकिन सरकार ने इन मांगों को मांनने से साफ इनकार कर दिया.
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