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हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों को कर रही मालामाल, सरकार दे रही विशेष अनुदान - हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर अनुदान

आजकल ड्रैगन फ्रूट की खेती बेहद फायदेमद साबित हो रही है. हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती (Grant on Dragon Fruit Cultivation) को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान भी देती है. सरकार का कहना है कि ड्रैगन फ्रूट की डिमांड बाजार में बहुत है इसलिए किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती
हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती
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Published : Sep 10, 2022, 7:47 PM IST

करनाल: बागवानी विभाग के उपनिदेशक और इंडो इजरायल फल उत्कृष्ट केंद्र लाडवा कुरुक्षेत्र के डायरेक्टर डॉक्टर बिल्लू यादव ने कहा कि सरकार द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती पर अुनदान ( Grant on Dragon Fruit Cultivation in haryana) दिया जाता है. ड्रैगन फ्रूट की बाजार में काफी मांग है. जिससे किसान इस फल की खेती करके अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. ड्रैगन फ्रूट के बाग के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के अनुदान का प्रावधान है. जिसमें पौधारोपण के लिए 50 हजार रुपए और ट्रैलिसिंग सिस्टम (जाल प्रणाली) के लिए 70 हजार रुपए प्रति एकड़ है.

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर अनुदान- अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है. अनुदान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा. किसान बागवानी विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. बिल्लू यादव ने कहा कि पौधारोपण के लिए 50 हजार रुपये का अनुदान तीन किश्तों में दिया जाता है. प्रथम वर्ष 30 हजार रुपए, दूसरे वर्ष 10 हजार रुपए व तीसरे वर्ष 10 हजार रुपए दिये जाएंगे. उन्होंने बताया कि किसान अधिक से अधिक विभिन्न फलों के बाग लगाकर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. बागों की स्थापना से जहां पानी की बचत है, वहीं फलों के बाग किसानों की आय में इजाफा करने में सहायक हैं. इस योजना के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक अनुदान की सुविधा का लाभ ले सकता है.

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर अनुदान.
ड्रैगन फ्रूट की खेती फायदेमंद सौदा साबित हो सकता है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे होती है- ड्रैगन फ्रूट का सम्बन्ध कैक्टस प्रजाति से है. इसे मैक्सिको और मध्य एशिया में खूब खाया जाता है. इसका स्वाद काफी हद तक तरबूज की तरह मीठा होता है. भारत में इसे पिताया और कमलम के नाम से भी जाना जाता है. हल्का लाल या गुलाबी रंग के इस फल पर बाहर से स्पाइक्स निकले होते हैं, लेकिन भीतर सफेद गूदा होता है. ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए इसके बीज का अच्छे किस्म का होना जरूरी है.

ड्रैगन फ्रूट खेती की तकनीक- ड्रैगन फ्रूट का पौधा यदि ग्राफ्टिंग तकनीक से विकसित हुआ हो तो ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि इसे परिपक्व होकर फल देने में कम वक्त लगता है. इसे मार्च से जुलाई के बीच कभी भी बोया जा सकता है. पौधे लगाने के बाद करीब एक साल में ड्रैगन फ्रूट का पेड़ तैयार हो जाता है और जुलाई से अक्टूबर तक फल देता है. ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती करने से उत्पाद बेहतर होगा. खेत की जुताई के बाद आप ड्रैगन फ्रूट के पौधे को खेत में लगाएं. इसे लगाने से पहले 6 फुट लंबी आरसीसी पोल लगाने होंगे. हर पौधे के बीच कम से कम 6 फीट दूरी रखनी जरूरी है.

ड्रैगन फ्रूट के लिए खास मिट्टी की जरूरत- ड्रैगन फ्रूट के पेड़ों के लिए किसी खास किस्म की मिट्टी की जरूरत नहीं होती. इसे किसी भी तरह की जमीन पर उगा सकते हैं. फिर भी दोमट, रेतिली दोमट मिट्टी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है. तेजी से जल निकासी वाली ढालदार जमीन पर भी ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा सकती है. इसके पेड़ को ढंग से फलने-फूलने के लिए तापमान को 10 से कम 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होना चाहिए. ड्रैगन फ्रूट को नियमित कल्टीवेशन और ट्रीटमेंट की जरूरत होती है.

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती
हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती

ड्रैगन फ्रूट की खेती से कितनी कमाई- कैक्टस प्रजाति का होने की वजह से ड्रैगन फ्रूट को कम पानी की ही जरूरत पड़ती है. ड्रिप इरीगेशन विधि से तो पानी और कम लगता है. इसके चरने या कीड़े लगने का जोखिम भी नहीं रहता. ड्रैगन फ्रूट की एक एकड़ में करीब ढाई से तीन लाख की शुरुआती लागत आती है. बाद में सिर्फ सामान्य देखरेख पर खर्च होता है. जबकि इससे 25 साल तक ड्रैगन फ्रूट की पैदावार मिल सकती है. इसकी खेती से प्रति एकड़ 10 टन ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन होता है. इससे 6 से 7 लाख रुपये की कमाई हो जाती है.

ड्रैगन फ्रूट के फायदे- ड्रैगन फ्रूट इम्युनिटी बढ़ाने, कॉलेस्ट्रॉल घटाने, हीमोग्लोबिन बढ़ाने, हृदय रोगियों के लिए, स्वस्थ बालों और त्वचा के लिए, वजन घटाने के लिए, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों के मामलों में बहुत फायदेमंद बताया जाता है. इतने सारे गुणों की वजह से ड्रैगन फ्रूट को सुपरफ्रूट भी कहा जाता है. ये देखने में आकर्षक होते हैं.

करनाल: बागवानी विभाग के उपनिदेशक और इंडो इजरायल फल उत्कृष्ट केंद्र लाडवा कुरुक्षेत्र के डायरेक्टर डॉक्टर बिल्लू यादव ने कहा कि सरकार द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती पर अुनदान ( Grant on Dragon Fruit Cultivation in haryana) दिया जाता है. ड्रैगन फ्रूट की बाजार में काफी मांग है. जिससे किसान इस फल की खेती करके अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. ड्रैगन फ्रूट के बाग के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के अनुदान का प्रावधान है. जिसमें पौधारोपण के लिए 50 हजार रुपए और ट्रैलिसिंग सिस्टम (जाल प्रणाली) के लिए 70 हजार रुपए प्रति एकड़ है.

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर अनुदान- अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है. अनुदान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा. किसान बागवानी विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. बिल्लू यादव ने कहा कि पौधारोपण के लिए 50 हजार रुपये का अनुदान तीन किश्तों में दिया जाता है. प्रथम वर्ष 30 हजार रुपए, दूसरे वर्ष 10 हजार रुपए व तीसरे वर्ष 10 हजार रुपए दिये जाएंगे. उन्होंने बताया कि किसान अधिक से अधिक विभिन्न फलों के बाग लगाकर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. बागों की स्थापना से जहां पानी की बचत है, वहीं फलों के बाग किसानों की आय में इजाफा करने में सहायक हैं. इस योजना के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक अनुदान की सुविधा का लाभ ले सकता है.

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर अनुदान.
ड्रैगन फ्रूट की खेती फायदेमंद सौदा साबित हो सकता है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे होती है- ड्रैगन फ्रूट का सम्बन्ध कैक्टस प्रजाति से है. इसे मैक्सिको और मध्य एशिया में खूब खाया जाता है. इसका स्वाद काफी हद तक तरबूज की तरह मीठा होता है. भारत में इसे पिताया और कमलम के नाम से भी जाना जाता है. हल्का लाल या गुलाबी रंग के इस फल पर बाहर से स्पाइक्स निकले होते हैं, लेकिन भीतर सफेद गूदा होता है. ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए इसके बीज का अच्छे किस्म का होना जरूरी है.

ड्रैगन फ्रूट खेती की तकनीक- ड्रैगन फ्रूट का पौधा यदि ग्राफ्टिंग तकनीक से विकसित हुआ हो तो ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि इसे परिपक्व होकर फल देने में कम वक्त लगता है. इसे मार्च से जुलाई के बीच कभी भी बोया जा सकता है. पौधे लगाने के बाद करीब एक साल में ड्रैगन फ्रूट का पेड़ तैयार हो जाता है और जुलाई से अक्टूबर तक फल देता है. ड्रैगन फ्रूट की जैविक खेती करने से उत्पाद बेहतर होगा. खेत की जुताई के बाद आप ड्रैगन फ्रूट के पौधे को खेत में लगाएं. इसे लगाने से पहले 6 फुट लंबी आरसीसी पोल लगाने होंगे. हर पौधे के बीच कम से कम 6 फीट दूरी रखनी जरूरी है.

ड्रैगन फ्रूट के लिए खास मिट्टी की जरूरत- ड्रैगन फ्रूट के पेड़ों के लिए किसी खास किस्म की मिट्टी की जरूरत नहीं होती. इसे किसी भी तरह की जमीन पर उगा सकते हैं. फिर भी दोमट, रेतिली दोमट मिट्टी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है. तेजी से जल निकासी वाली ढालदार जमीन पर भी ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा सकती है. इसके पेड़ को ढंग से फलने-फूलने के लिए तापमान को 10 से कम 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होना चाहिए. ड्रैगन फ्रूट को नियमित कल्टीवेशन और ट्रीटमेंट की जरूरत होती है.

हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती
हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती

ड्रैगन फ्रूट की खेती से कितनी कमाई- कैक्टस प्रजाति का होने की वजह से ड्रैगन फ्रूट को कम पानी की ही जरूरत पड़ती है. ड्रिप इरीगेशन विधि से तो पानी और कम लगता है. इसके चरने या कीड़े लगने का जोखिम भी नहीं रहता. ड्रैगन फ्रूट की एक एकड़ में करीब ढाई से तीन लाख की शुरुआती लागत आती है. बाद में सिर्फ सामान्य देखरेख पर खर्च होता है. जबकि इससे 25 साल तक ड्रैगन फ्रूट की पैदावार मिल सकती है. इसकी खेती से प्रति एकड़ 10 टन ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन होता है. इससे 6 से 7 लाख रुपये की कमाई हो जाती है.

ड्रैगन फ्रूट के फायदे- ड्रैगन फ्रूट इम्युनिटी बढ़ाने, कॉलेस्ट्रॉल घटाने, हीमोग्लोबिन बढ़ाने, हृदय रोगियों के लिए, स्वस्थ बालों और त्वचा के लिए, वजन घटाने के लिए, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों के मामलों में बहुत फायदेमंद बताया जाता है. इतने सारे गुणों की वजह से ड्रैगन फ्रूट को सुपरफ्रूट भी कहा जाता है. ये देखने में आकर्षक होते हैं.

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