करनाल: कोरोना से जंग लड़ रहे डाक्टर्स को सरकार ने डबल वेतन देने का ऐलान किया है लेकिन कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने अपनी सेवा के बदले सरकार से डबल वेतन लेने से इंकार करके एक बार फिर देश में पहल कर करनाल के कर्णनगरी नाम को भी साकार किया है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखे पत्र में डाक्टर्स ने कहा है कि डाक्टर्स को डबल वेतन देने के बजाय इस धनराशि को कोरोना से जंग के लिए मेडिकल उपकरण खरीदने में लगाया जाना चाहिए. अकेले कल्पना चावला के 30 डॉक्टर्स का अतिरिक्त वेतन करीब 50 लाख रुपये प्रतिमाह बनता है.
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कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के निदेशक जगदीश दुरेजा ने बताया कि कॉलेज के सभी डॉक्टर्स ने मिलकर निर्णय लिया कि वे अतिरिक्त वेतन नहीं लेंगे. इस वेतन से मेडिकल कॉलेज के लिए जरूरी उपकरण खरीदे जाएं ताकि कोरोना के खिलाफ जंग को मजबूत किया जा सके.
सभी डाक्टर नियमित वेतन में ही पूरी सेवाएं देते रहेंगे. जब तक कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म नहीं होता तब तक ना तो हम थकेंगे और ना ही रुकेंगे. हम फ्रंट लाइन में रहकर काम करेंगे यदि जरूरत पड़ी तो बिना वेतन के भी काम करेंगे.
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