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करनाल में भीख मांगता बचपन, सीडब्ल्यूसी ने 15 बच्चे किए रेस्क्यू - करनाल बच्चे भीख समस्या

सीएम सिटी करनाल में बच्चों के द्वारा भीख मांगने की समस्या बढ़ती जा रही है. बाल कल्याण समिति ने पिछले तीन महीनों में 15 बच्चों को रेस्क्यू भी किया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने करनाल में ऐसे कई स्थानों का दौरा कर जायजा लिया जहां पर भीख मांगते हुए बच्चे और उनके अभिभावक दिखे.

begging children rescued karnal
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Published : Jan 3, 2021, 5:10 PM IST

करनाल: यूं तो भीख मांगना कानूनन अपराध है, लेकिन करनाल शहर में ही नहीं बल्कि पूरे जिले में भिखारियों की अच्छीखासी तादाद नजर आती है. इन भीख मांगने वालों में जब 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे नजर आते हैं तो सहसा एक ही सवाल उठता है कि स्कूल जाने की जगह ये बच्चे भीख क्यों मांग रहे हैं. क्या इन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा गया है.

बात करें करनाल शहर की तो यहां बस स्टैंड, सनातन धर्म मंदिर, देवी मंदिर, शनि मंदिर, साईं मंदिर और कालरा मार्केट ऐसे स्थान हैं जिन्हें भीख मांगने वाले पॉइंट कहे तो ऐतराज नहीं होगा. यहां सुबह, दोपहर के अलावा शाम को सबसे ज्यादा भीख मांगने वाले बच्चों का जमघट लगा रहता है.

करनाल में भीख मांगता बचपन, सीडब्ल्यूसी ने 15 बच्चे किए रेस्क्यू

कई औरतें यहां अपने बच्चों को साथ लेकर आती हैं. जब हमने इन महिलाओं से सवाल किया तो ये कहने लगी कि मंदिर पर प्रसाद लेने आते हैं. बच्चे जिद करके साथ में आ जाते हैं. इनका कहना था कि ये सिर्फ खाने के चक्कर में मंदिर आते हैं और बच्चे भी पीछे-पीछे चले आते हैं.

बाल कल्याण समिति यानि सीडब्ल्यूसी ने इसी के मद्देनजर शहर में भीख ना मांगे बचपन के नाम से अभियान भी चलाया है. करनाल जिले में सीडब्ल्यूसी की टीम द्वारा पिछले 3 महीनों में 15 बच्चों का रेस्क्यू कर एमडीबी बाल भवन में पहुंचाया गया है.

ये भी पढ़ें- करनाल में उज्ज्वला योजना ने बदली महिलाओं की दशा, पीएम मोदी का जताया आभार

सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उमेश चानना ने बताया कि पिछले 3 महीनों में उनकी टीम द्वारा 15 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. उनके मां-बाप को बुलाकर कड़े निर्देश भी दिए गए हैं. बच्चों को पढ़ाई के लिए उनकी काउंसलिंग भी की गई है और उन्हें करनाल स्थित एमडी बाल भवन में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि बच्चों को ऐसे काम पर लगााकर ना केवल उनका भविष्य खराब किया जा रहा है बल्कि पूरे देश का भविष्य खराब किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करनाल में ये अभियान लगातार ऐसे ही जारी रहेगा.

भीख मांगना या बच्चों से भीख मंगवाना अपराध. करनाल शहर में भीख मांगने पर रोकथाम के लिए बाल कल्याण समिति लगातार काम कर रही है, लेकिन यहां शहर वासियों के सहयोग की भी जरूरत है. इसलिए शहरवासी किसी को भीख ना दें और जहां भी उन्हें भीख मांगते हुए बच्चे दिखाई दें तो तुरंत पुलिस या सीडब्ल्यूसी के सूचना दें. आपकी थोड़ी सी सतर्कता से उस बच्चे का भविष्य और कहीं ना कहीं देश का भविष्य बेहतर और खुशहाल होगा.

ये भी पढ़ें- करनालः हरियाणा का ये पहला सरकारी अस्पताल जो ऑक्सीजन के मामले में बनेगा आत्मनिर्भर

करनाल: यूं तो भीख मांगना कानूनन अपराध है, लेकिन करनाल शहर में ही नहीं बल्कि पूरे जिले में भिखारियों की अच्छीखासी तादाद नजर आती है. इन भीख मांगने वालों में जब 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चे नजर आते हैं तो सहसा एक ही सवाल उठता है कि स्कूल जाने की जगह ये बच्चे भीख क्यों मांग रहे हैं. क्या इन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा गया है.

बात करें करनाल शहर की तो यहां बस स्टैंड, सनातन धर्म मंदिर, देवी मंदिर, शनि मंदिर, साईं मंदिर और कालरा मार्केट ऐसे स्थान हैं जिन्हें भीख मांगने वाले पॉइंट कहे तो ऐतराज नहीं होगा. यहां सुबह, दोपहर के अलावा शाम को सबसे ज्यादा भीख मांगने वाले बच्चों का जमघट लगा रहता है.

करनाल में भीख मांगता बचपन, सीडब्ल्यूसी ने 15 बच्चे किए रेस्क्यू

कई औरतें यहां अपने बच्चों को साथ लेकर आती हैं. जब हमने इन महिलाओं से सवाल किया तो ये कहने लगी कि मंदिर पर प्रसाद लेने आते हैं. बच्चे जिद करके साथ में आ जाते हैं. इनका कहना था कि ये सिर्फ खाने के चक्कर में मंदिर आते हैं और बच्चे भी पीछे-पीछे चले आते हैं.

बाल कल्याण समिति यानि सीडब्ल्यूसी ने इसी के मद्देनजर शहर में भीख ना मांगे बचपन के नाम से अभियान भी चलाया है. करनाल जिले में सीडब्ल्यूसी की टीम द्वारा पिछले 3 महीनों में 15 बच्चों का रेस्क्यू कर एमडीबी बाल भवन में पहुंचाया गया है.

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सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उमेश चानना ने बताया कि पिछले 3 महीनों में उनकी टीम द्वारा 15 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. उनके मां-बाप को बुलाकर कड़े निर्देश भी दिए गए हैं. बच्चों को पढ़ाई के लिए उनकी काउंसलिंग भी की गई है और उन्हें करनाल स्थित एमडी बाल भवन में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि बच्चों को ऐसे काम पर लगााकर ना केवल उनका भविष्य खराब किया जा रहा है बल्कि पूरे देश का भविष्य खराब किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करनाल में ये अभियान लगातार ऐसे ही जारी रहेगा.

भीख मांगना या बच्चों से भीख मंगवाना अपराध. करनाल शहर में भीख मांगने पर रोकथाम के लिए बाल कल्याण समिति लगातार काम कर रही है, लेकिन यहां शहर वासियों के सहयोग की भी जरूरत है. इसलिए शहरवासी किसी को भीख ना दें और जहां भी उन्हें भीख मांगते हुए बच्चे दिखाई दें तो तुरंत पुलिस या सीडब्ल्यूसी के सूचना दें. आपकी थोड़ी सी सतर्कता से उस बच्चे का भविष्य और कहीं ना कहीं देश का भविष्य बेहतर और खुशहाल होगा.

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