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प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन से होती हैं ज्यादा डिलीवरी, जानिए क्या हैं सरकारी अस्पताल की हालत

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Published : Feb 17, 2021, 8:06 PM IST

Updated : Feb 18, 2021, 12:24 PM IST

बच्चे के जन्म के दौरान प्राइवेट अस्पताल ऑपरेशन से ज्यादा डिलीवरी करते हैं. वहीं नॉर्मल डिलीवरी और ऑपरेशन से डिलीवरी यानि सिजेरियन डिलीवरी को लेकर सरकारी अस्पताल में क्या प्रतिशत रहता है, और ऑपरेशन से डिलीवरी के क्या हैं मुख्य कारण, जानिए इस रिपोर्ट में बताएंगे.

karnal Caesarian delivery government hospitals
karnal Caesarian delivery government hospitals

करनाल: मौजूदा समय में बच्चे के जन्म के वक्त नॉर्मल डिलीवरी और ऑपरेशन से डिलीवरी यानि सिजेरियन डिलीवरी को लेकर काफी चर्चा होती है. प्राइवेट हॉस्पिटल में ज्यादातर डिलीवरी ऑपरेशन से ही होती हैं. वहीं लोगों का ये भी आरोप रहता है कि प्राइवेट हॉस्पिटल जानबूझकर और पैसा कमाने के लिए ऑपरेशन से डिलीवरी करते हैं.

वहीं ऑपरेशन के बाद महिला को ताउम्र कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. वहीं इस मामले में सरकारी अस्पताल कहां ठहरते हैं, और सरकारी अस्पताल में नार्मल और ऑपरेशनल डिलीवरी का क्या प्रतिशत ये हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे.

प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन से होती हैं ज्यादा डिलीवरी, क्या हैं सरकारी अस्पताल के आंकड़े? देखिए

हम बात कर रहे हैं सीएम सिटी करनाल की. नॉर्मल और ऑपरेशनल डिलीवरी के आंकड़े और कारण जानने के लिए हमने जिले के पीएमओ डॉ. पीयूष शर्मा से बात की. जिन्होंने बताया कि यहां के अस्पताल में करनाल के साथ-साथ पड़ोसी जिलों के लोग भी आते हैं, और यहां के डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी कराने के लिए ज्यादा मेहनत करते हैं. बेहद गंभीर मामले में ही डिलीवरी ऑपरेशन से की जाती है.

करनाल में पिछले 4 महीनों के दौरान सरकारी अस्पताल में हुई डिलीवरी के आंकड़ों पर नजर डालते हैं-

  • अक्टूबर के महीने में यहां कुल 748 डिलीवरी हुई जिसमें 548 नॉर्मल और 200 ऑपरेशन के साथ हुई
  • नवंबर में कुल 753 डिलीवरी हुई जिसमें 581 नॉर्मल और 172 ऑपरेशन से की गई
  • दिसंबर में कुल 783 डिलीवरी हुई जिसमें 571 नॉर्मल और 212 ऑपरेशन के साथ की गई
  • वहीं जनवरी में कुल 720 डिलीवरी हुई जिसमें 508 नॉर्मल व 212 ऑपरेशन के साथ हुई
  • कुल मिलाकर पिछले 4 महीनों में 2208 नॉर्मल डिलीवरी हुई जबकि 796 ऑपरेशन से

ऑपरेशन से डिलीवरी के ये हैं मुख्य कारण

करनाल के अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका अग्रवाल ने बताया कि ऑपरेशन से डिलीवरी करने के कई कारण होते हैं. जैसे महिला की बच्चेदानी का मुंह सही तरीके से नहीं खुलना. बच्चों को गर्भ में किसी तरह की समस्या या बच्चे का उल्टा होना. मां और पेट में पल रहे बच्चे का कमजोर होना. साथ ही अगर किसी महिला को पहला बच्चा ऑपरेशन से हुआ है तो ज्यादातर चांस होते हैं कि उसका दूसरा बच्चा भी ऑपरेशन से ही होता है.

कुल मिलाकर करनाल के सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी बहुत कम की जाती है और यहां नॉर्मल डिलीवरी ज्यादा करवाई जाती हैं. इसलिए करनाल के लोगों को भी चाहिए कि वो सरकारी अस्पताल में डिलीवरी कराएं ताकि उन पर पैसों का अतिरिक्त भार भी ना पड़े और महिला को भी सिजेरियन कट ना लगे.

ये भी पढ़ें- ये देश का पहला ऐसा गांव जिसे अंग्रेजों के जमाने में नक्शे से किया गया था स्थापित

करनाल: मौजूदा समय में बच्चे के जन्म के वक्त नॉर्मल डिलीवरी और ऑपरेशन से डिलीवरी यानि सिजेरियन डिलीवरी को लेकर काफी चर्चा होती है. प्राइवेट हॉस्पिटल में ज्यादातर डिलीवरी ऑपरेशन से ही होती हैं. वहीं लोगों का ये भी आरोप रहता है कि प्राइवेट हॉस्पिटल जानबूझकर और पैसा कमाने के लिए ऑपरेशन से डिलीवरी करते हैं.

वहीं ऑपरेशन के बाद महिला को ताउम्र कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. वहीं इस मामले में सरकारी अस्पताल कहां ठहरते हैं, और सरकारी अस्पताल में नार्मल और ऑपरेशनल डिलीवरी का क्या प्रतिशत ये हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे.

प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन से होती हैं ज्यादा डिलीवरी, क्या हैं सरकारी अस्पताल के आंकड़े? देखिए

हम बात कर रहे हैं सीएम सिटी करनाल की. नॉर्मल और ऑपरेशनल डिलीवरी के आंकड़े और कारण जानने के लिए हमने जिले के पीएमओ डॉ. पीयूष शर्मा से बात की. जिन्होंने बताया कि यहां के अस्पताल में करनाल के साथ-साथ पड़ोसी जिलों के लोग भी आते हैं, और यहां के डॉक्टर नॉर्मल डिलीवरी कराने के लिए ज्यादा मेहनत करते हैं. बेहद गंभीर मामले में ही डिलीवरी ऑपरेशन से की जाती है.

करनाल में पिछले 4 महीनों के दौरान सरकारी अस्पताल में हुई डिलीवरी के आंकड़ों पर नजर डालते हैं-

  • अक्टूबर के महीने में यहां कुल 748 डिलीवरी हुई जिसमें 548 नॉर्मल और 200 ऑपरेशन के साथ हुई
  • नवंबर में कुल 753 डिलीवरी हुई जिसमें 581 नॉर्मल और 172 ऑपरेशन से की गई
  • दिसंबर में कुल 783 डिलीवरी हुई जिसमें 571 नॉर्मल और 212 ऑपरेशन के साथ की गई
  • वहीं जनवरी में कुल 720 डिलीवरी हुई जिसमें 508 नॉर्मल व 212 ऑपरेशन के साथ हुई
  • कुल मिलाकर पिछले 4 महीनों में 2208 नॉर्मल डिलीवरी हुई जबकि 796 ऑपरेशन से

ऑपरेशन से डिलीवरी के ये हैं मुख्य कारण

करनाल के अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका अग्रवाल ने बताया कि ऑपरेशन से डिलीवरी करने के कई कारण होते हैं. जैसे महिला की बच्चेदानी का मुंह सही तरीके से नहीं खुलना. बच्चों को गर्भ में किसी तरह की समस्या या बच्चे का उल्टा होना. मां और पेट में पल रहे बच्चे का कमजोर होना. साथ ही अगर किसी महिला को पहला बच्चा ऑपरेशन से हुआ है तो ज्यादातर चांस होते हैं कि उसका दूसरा बच्चा भी ऑपरेशन से ही होता है.

कुल मिलाकर करनाल के सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी बहुत कम की जाती है और यहां नॉर्मल डिलीवरी ज्यादा करवाई जाती हैं. इसलिए करनाल के लोगों को भी चाहिए कि वो सरकारी अस्पताल में डिलीवरी कराएं ताकि उन पर पैसों का अतिरिक्त भार भी ना पड़े और महिला को भी सिजेरियन कट ना लगे.

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Last Updated : Feb 18, 2021, 12:24 PM IST
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