जींद: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मालिक ने आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को खुली धमकी देते हुए कहा कि सरकार ने 22 फरवरी तक सभी 5 मांगे नहीं मानी तो 22 को बड़ा आंदोलन कर सकते हैं. आरक्षण को लेकर हरियाणा सरकार के साथ-साथ मोदी और शाह ने जाटों के साथ वादा खिलाफी की है.
यशपाल मलिक एक बार फिर जाट आंदोलन शुरू करने की तैयारी में हैं. इसको लेकर यशपाल गुट के नेताओ ने जींद में बैठक कर 22 फरवरी को सोनीपत के लाठजौली गांव में होने वाली शहीद रैली को लेकर रणनीति बनाई. यशपाल मालिक ने जींद में हुई महापंचायत में कैप्टन अभिमन्यु परिवार द्वारा आरोपियों को माफ करने के मामले को लेकर कहा कि कैप्टन अभिमन्यु के केस में बच्चों बड़ी दिक्क्त थी जो अब हल हो गयी है.
यशपाल मलिक ने बताया कि ये उनकी प्रमुख 5 मांगे हैं
1. BCB में आरक्षण की मांग
2. धरनों पर हुई मौतों के मामलो में परिवारों को नौकरी देना
3. केस वापसी को लेकर सरकार कोर्ट में रखे अपना पक्ष
4. SBC केंडिडेट की ज्वाइनिंग
5. इकोनॉमिक बैकवर्ड रिजर्वेशन में उम्र में छूट
सीएए पर सरकार को घेरा
यशपाल मालिक ने CAA -NRC को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा- CAA के साथ NRC को जोड़ना गलत है, NRC में नॉन लेंड होलडिंग वाली जातियों को बड़ी दिक्कत होगी जो जातियां मजदूरी के लिए माइग्रेट, हुई है वो अपना रिकॉर्ड कहां से देगीं. सरकार पर आरोप लगाते हुए मलिक ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि 5 साल सत्ता भोगने के बाद भी बीजेपी ये पता नहीं लगा पाई की देश में कितने आदमी बाहर के रहते हैं.
जाट आरक्षण को लेकर अब समुदाय कई गुटों में बंट गया है. यशपाल गुट समेत कई ऐसे गुट हैं. जो अब आरक्षण के मामले को लेकर सक्रिय हैं. हालांकि सरकार को आंदोलन की चेतावनी अभी तक सिर्फ यशपाल गुट ने ही दी है .ऐसे में सरकार पर दबाव बनाने के लिए दूसरे गुट भी सामने आ सकते हैं.
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