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हरियाणा में अग्निपथ के खिलाफ लड़ाई में कूदी खापें, 24 जून को पूरे प्रदेश में प्रदर्शन का ऐलान

अग्निपथ को लेकर चल रहा विरोध अब बड़ा रूप ले सकता है. हरियाणा की खाप पंचायतों (Haryana Khap against Agneepath) ने भी इस विरोध को समर्थन करने का फैसला किया है. बुधवार को जींद में अग्निपथ योजना को लेकर पंचायत हुई. इस पंचायत में हरियाणा की सभी खापें, पूर्व सैनिकों के संगठन और किसान दल शामिल हुए. सभी संगठनों ने लामबंध होकर अग्निपथ योजना के विरोध में एक साथ लड़ने का ऐलान किया.

Khap Panchayat in jind on Agneepath
Khap Panchayat in jind on Agneepath
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Published : Jun 21, 2022, 8:08 PM IST

Updated : Jun 21, 2022, 8:58 PM IST

जींद: अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे हरियाणा में चल रहा विरोध जारी है. इसी विरोध को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने के लिए मंगलवार को जींद की जाट धर्मशाला में पूरे हरियाणा की खापें, पूर्व सैनिक संगठन और किसान संगठनों की अहम बैठक हुई. इस बैठक में सभी संगठनों ने युवाओ को पूर्ण समर्थन देते हुए अग्निपथ योजना के विरोध (Haryana Khap against Agneepath) का समर्थन किया. बैठक में ये फैसला किया गया कि विरोध प्रदर्शन में पूरी एकजुटता से शामिल होकर यह योजना रद्द करवानी है.

इसी मामले पर एक बैठक बुधवार को रोहतक में भी होगी. रोहतक बैठक में इस कमेटी के 10 सदस्य शामिल होंगे. बुधवार को करीब 7 घंटे तक चली पंचायत में 9 प्रस्ताव पारित किये गए. ये प्रस्ताव थे कि अग्निपथ स्कीम रद्द हो, सेना में स्थाई भर्तियां बहाल हो, जिन युवाओं का मेडिकल और लिखित परीक्षा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उनकी सेना में भर्ती की जाए. 24 जून को जिला और तहसील स्तर पर युवाओं के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किये जायेंगे. 27 जून से भिवानी के तालु गांव से पैदल यात्रा शुरू कर जींद के लजवाना कलां गांव में समापन किया जाएगा. उसके बाद एक पंचायत का आयोजन उसी दिन होगा.

इस पंचायत के बाद सेना के पूर्व अधिकारी कैप्टन चांद राम ने कहा कि इस फैसले से सेना और देश कमजोर होगा. सेना के तीनों अध्यक्ष दबाव में है और वह सरकार की भाषा बोल रहे हैं. 5 साल में जाकर एक जवान पूरी तरह तैयार होता है. कारगिल में सबसे ज्यादा युवाओं की शहादत हुई थी क्योंकि काफी जवान पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं थे. पूरी तरह प्रशिक्षित होने के लिए कम से कम 5 साल एक जवान को लगते हैं. इस योजना के तहत जो बच्चे ट्रेंड किए जा रहे हैं वो बाद में अडानी अंबानी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में सिक्योरिटी गार्ड का काम करेंगे.

किसान नेता इंद्रजीत ने बताया कि इस बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि यह आंदोलन युवाओं के नेतृत्व में चलाया जाएगा. तिरंगे झंडे के नीचे ये पूरी लड़ाई लड़ी जायेगी. बैठक में फैसला लिया गया है कि 23 जून को भिवानी के तालू गांव से पैदल यात्रा शुरू करके जींद के लिजवाना गांव में समापन किया जाएगा. इसी दिन एक बड़ी बैठक होगी और उसमें आगामी रणनीति को लेकर फैसला लिया जाएगा.

जींद: अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे हरियाणा में चल रहा विरोध जारी है. इसी विरोध को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने के लिए मंगलवार को जींद की जाट धर्मशाला में पूरे हरियाणा की खापें, पूर्व सैनिक संगठन और किसान संगठनों की अहम बैठक हुई. इस बैठक में सभी संगठनों ने युवाओ को पूर्ण समर्थन देते हुए अग्निपथ योजना के विरोध (Haryana Khap against Agneepath) का समर्थन किया. बैठक में ये फैसला किया गया कि विरोध प्रदर्शन में पूरी एकजुटता से शामिल होकर यह योजना रद्द करवानी है.

इसी मामले पर एक बैठक बुधवार को रोहतक में भी होगी. रोहतक बैठक में इस कमेटी के 10 सदस्य शामिल होंगे. बुधवार को करीब 7 घंटे तक चली पंचायत में 9 प्रस्ताव पारित किये गए. ये प्रस्ताव थे कि अग्निपथ स्कीम रद्द हो, सेना में स्थाई भर्तियां बहाल हो, जिन युवाओं का मेडिकल और लिखित परीक्षा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है उनकी सेना में भर्ती की जाए. 24 जून को जिला और तहसील स्तर पर युवाओं के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किये जायेंगे. 27 जून से भिवानी के तालु गांव से पैदल यात्रा शुरू कर जींद के लजवाना कलां गांव में समापन किया जाएगा. उसके बाद एक पंचायत का आयोजन उसी दिन होगा.

इस पंचायत के बाद सेना के पूर्व अधिकारी कैप्टन चांद राम ने कहा कि इस फैसले से सेना और देश कमजोर होगा. सेना के तीनों अध्यक्ष दबाव में है और वह सरकार की भाषा बोल रहे हैं. 5 साल में जाकर एक जवान पूरी तरह तैयार होता है. कारगिल में सबसे ज्यादा युवाओं की शहादत हुई थी क्योंकि काफी जवान पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं थे. पूरी तरह प्रशिक्षित होने के लिए कम से कम 5 साल एक जवान को लगते हैं. इस योजना के तहत जो बच्चे ट्रेंड किए जा रहे हैं वो बाद में अडानी अंबानी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों में सिक्योरिटी गार्ड का काम करेंगे.

किसान नेता इंद्रजीत ने बताया कि इस बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि यह आंदोलन युवाओं के नेतृत्व में चलाया जाएगा. तिरंगे झंडे के नीचे ये पूरी लड़ाई लड़ी जायेगी. बैठक में फैसला लिया गया है कि 23 जून को भिवानी के तालू गांव से पैदल यात्रा शुरू करके जींद के लिजवाना गांव में समापन किया जाएगा. इसी दिन एक बड़ी बैठक होगी और उसमें आगामी रणनीति को लेकर फैसला लिया जाएगा.

Last Updated : Jun 21, 2022, 8:58 PM IST
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