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कभी इस तालाब में खुफिया सुरंग के रास्ते नहाने आती थीं महारानी, अब अपनी बदहाली पर बहा रहा आंसू

अमृतसर के गोल्डन टेम्पल की तर्ज पर जींद रियासत के राजा द्वारा बनवाए गए, इस तालाब में 2016 में करीब दस साल बाद पानी देखने को मिला था और ये पानी भी अब इतना गंदा हो गया है कि इस पानी से बदबू आने लगी है जिसके चलते लोग अब वोटिंग करने भी नहीं आते.

rani talab of jind
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Published : Nov 20, 2019, 12:58 PM IST

जींद: हरियाणा की राजनीतिक राजधानी जींद का दिल यानि ऐतिहासिक स्थल रानी तालाब अपने हालात पर आंसू बहा रहा है. एक समय था जब यह तालाब फिल्म मेकर्स और टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करता था. 1970 में फिल्म 'पवित्र-पापी' का एक गाना भी यहां शूट किया गया था लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं और प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

राजा रघुबीर सिंह ने करवाया था निर्माण
जींद रियासत के राजा रघुबीर सिंह ने श्री हरि कैलाश मंदिर यानि भूतेश्वर मंदिर का निर्माण अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर करवाया था. रघुबीर सिंह ने 1864 से 1880 तक राज किया था. 1887 में उनकी मृत्यु हो गई थी. रानी तालाब के निर्माण की सही तिथि किसी किताब में नहीं है.

जींद के रानी तालाब की बदहाली पर देखिए ये रिपोर्ट.

तालाब में बनी सुरंग से नहाने आती थीं रानी
कहा जाता है राजा ने यहां एक सुरंग भी बनवाई थी, जो तालाब को महल से जोड़ती थी. इसको बनाने के पीछे कारण ये था कि रानी स्नान कर लोगों की नजरों में आए बिना सीधे महल में जा सके. महारानी अपने महल से इस तालाब में सुरंग के रास्ते से नहाने और पूजा करने आती थी. इसी कारण इसे बाद में रानी तालाब कहा जाने लगा. इसे शाही परिवार का पूल भी कहा जाता था. सुरंग के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें: छुक-छुक सुनने के लिए यहां के बच्चे भी हो गए बुजुर्ग, लेकिन आज भी नहीं बिछी पटरियां

कैसे पड़ा भूतेश्वर मंदिर नाम?
इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की भी कई मूर्तियां भी हैं. तालाब में भगवान शिव का मंदिर है जिसे कैलाश मंदिर और भूतेश्वर मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर का नाम भूतेश्वर मंदिर इसलिए पड़ा, क्योंकि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां भूतनाथ कहा जाता है. भूतनाथ, भूतों एवं आत्माओं के स्वामी हैं.

अब बदहाली के आंसू बहा रहा तालाब
स्थानीय निवासी और समाजसेवी संजय शर्मा ने बताया कि फिलहाल रानी तालाब के हालात बहुत बुरे हैं. यहां प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए लाइटें तो लगवाई थीं, लेकिन कुछ लाइटें खराब हो गई तो कुछ को चोरों ने चुरा लिया. पूरे दिन रानी तालाब पर बंदरों का आतंक रहता है जिसकी वजह से यहां लोगों का आना भी बहुत कम हो गया है. जो लोग यहां घूमने आते हैं वो अव्यवस्थाओं के चलते परेशान होकर वापस लौट जाते हैं.

रानी तालाब पर काफी समय पहले टूरिज्म को बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा बोटिंग की व्यवस्था करवाई गई थी. लेकिन अब यहां पानी इतना गंदा हो गया है कि इस पानी से बदबू आने लगी है जिसके चलते लोग अब वोटिंग करने भी नहीं आते. जींद के लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही प्रशासन इस ओर ध्यान देगा और रानी तालाब का फिर से अपने पुराने रंग में लौट आएगा.

ये भी पढ़ें: हरियाणा: भारत की बॉक्सर फैक्ट्री 'बीबीसी', जहां से मुक्केबाज नहीं 'मेडलबाज' निकलते हैं

जींद: हरियाणा की राजनीतिक राजधानी जींद का दिल यानि ऐतिहासिक स्थल रानी तालाब अपने हालात पर आंसू बहा रहा है. एक समय था जब यह तालाब फिल्म मेकर्स और टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करता था. 1970 में फिल्म 'पवित्र-पापी' का एक गाना भी यहां शूट किया गया था लेकिन अब हालात बद से बदतर हो गए हैं और प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

राजा रघुबीर सिंह ने करवाया था निर्माण
जींद रियासत के राजा रघुबीर सिंह ने श्री हरि कैलाश मंदिर यानि भूतेश्वर मंदिर का निर्माण अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर करवाया था. रघुबीर सिंह ने 1864 से 1880 तक राज किया था. 1887 में उनकी मृत्यु हो गई थी. रानी तालाब के निर्माण की सही तिथि किसी किताब में नहीं है.

जींद के रानी तालाब की बदहाली पर देखिए ये रिपोर्ट.

तालाब में बनी सुरंग से नहाने आती थीं रानी
कहा जाता है राजा ने यहां एक सुरंग भी बनवाई थी, जो तालाब को महल से जोड़ती थी. इसको बनाने के पीछे कारण ये था कि रानी स्नान कर लोगों की नजरों में आए बिना सीधे महल में जा सके. महारानी अपने महल से इस तालाब में सुरंग के रास्ते से नहाने और पूजा करने आती थी. इसी कारण इसे बाद में रानी तालाब कहा जाने लगा. इसे शाही परिवार का पूल भी कहा जाता था. सुरंग के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं.

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कैसे पड़ा भूतेश्वर मंदिर नाम?
इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की भी कई मूर्तियां भी हैं. तालाब में भगवान शिव का मंदिर है जिसे कैलाश मंदिर और भूतेश्वर मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर का नाम भूतेश्वर मंदिर इसलिए पड़ा, क्योंकि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां भूतनाथ कहा जाता है. भूतनाथ, भूतों एवं आत्माओं के स्वामी हैं.

अब बदहाली के आंसू बहा रहा तालाब
स्थानीय निवासी और समाजसेवी संजय शर्मा ने बताया कि फिलहाल रानी तालाब के हालात बहुत बुरे हैं. यहां प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए लाइटें तो लगवाई थीं, लेकिन कुछ लाइटें खराब हो गई तो कुछ को चोरों ने चुरा लिया. पूरे दिन रानी तालाब पर बंदरों का आतंक रहता है जिसकी वजह से यहां लोगों का आना भी बहुत कम हो गया है. जो लोग यहां घूमने आते हैं वो अव्यवस्थाओं के चलते परेशान होकर वापस लौट जाते हैं.

रानी तालाब पर काफी समय पहले टूरिज्म को बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा बोटिंग की व्यवस्था करवाई गई थी. लेकिन अब यहां पानी इतना गंदा हो गया है कि इस पानी से बदबू आने लगी है जिसके चलते लोग अब वोटिंग करने भी नहीं आते. जींद के लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही प्रशासन इस ओर ध्यान देगा और रानी तालाब का फिर से अपने पुराने रंग में लौट आएगा.

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Intro:जींद. हरियाणा की राजनीतिक राजधानी जींद का दिल यानी ऐतिहासिक स्थल रानी तालाब अपने हालात पर आंसू बहा रहा है। अमृतसर के गोल्डन टेम्पल की तर्ज पर जींद रियासत के राजा द्वारा बनवाया गया यह तालाब । एक समय था जब यह तलाब फिल्म मेकर्स और टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करता था। 1970 मेंफिल्म 'पवित्र-पापी' का एक गाना भी यहा शूट किया गया था। 
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रानी तलाब क्यों पड़ा इस तलाब का नाम... - जींद रियासत के राजा रघुबीर सिंह ने श्रीहरि कैलाश मंदिर यानि भूतेश्वर मंदिर का निर्माण अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर करवाया था। - रघुबीर सिंह ने 1864 से 1880 तक राज किया था।1887 में उनकी मृत्यु हो गई थी। रानी तालाब के निर्माण की सही तिथि किसी किताब में नहीं है। - कहा जाता है राजा ने यहां एक सुरंग भी बनवाया था, जो तालाब को महल से जोड़ती थी। इसको बनाने के पीछे कारण ये था कि रानी स्नान कर लोगों की नजरों में आए बिना सीधे महल में जा सके। - महारानी अपने महल से इस तालाब में सुरंग के रास्ते से नहाने और पूजा करने आती थी। इसी कारण इसे बाद में रानी तालाब कहा जाने लगा। इसे शाही परिवार का पूल भी कहा जाता था। - सुरंग के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। इस मंदिर में अन्य देवी देवताओं की भी कई मूर्तियां भी हैं। -तालाब में भगवान शिव का मंदिर है जिसे कैलाश मंदिर और भूतेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। - इस मंदिर का नाम भूतेश्वर मंदिर इसलिए पड़ा, क्योंकि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां भूतनाथ कहा जाता है। भूतनाथ, भूतों एवं आत्माओं के स्वामी हैं। 


फिलहाल रानी तालाब के हालात बहुत बुरे हैं यहां प्रशासन ने फिलहाल रानी तालाब के हालात बहुत बुरे हैं यहां शासन ने लोगों की सुविधा के लिए लाइटें तो लगवाई थी लेकिन कुछ लाइटें बंद होने तोड़ती तो कुछ चोरों ने चोरी कर ली, पूरे दिन रानी तालाब पर बंदरों का आतंक रहता है जिसकी वजह से यहां लोगों का आना भी बहुत कम हो गया है शाम के समय पूरे दिन रानी तालाब पर बंदरों का आतंक रहता है जिसकी वजह से यहां लोगों का आना भी बहुत कम हो गया है श्याम के समय बहुत से लोग यहां घूमने आते हैं लेकिन लाइट की प्रॉपर व्यवस्था के नए चलते बड़ी परेशानी का सामना उन्हें करना पड़ता है

बाइट - संजय शर्मा , वरिष्ट पत्रकार व सामाजिक चिंतक

रानी तालाब पर पिछले समय से रानी तालाब पर पिछले समय से टूरिज्म को बढ़ाने के लिए प्रशासन द्वारा यहां बोटिंग की व्यवस्था करवाई गई थी लेकिन अब यहां पानी इतना गंदा हो गया है कि इस पानी से बदबू आने लगी है जिसके चलते लोग अब वोटिंग करने भी नहीं आते जींद के लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही प्रशासन इस ओर ध्यान देगा और रानी तालाब का उद्धार होगा
Conclusion:
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