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जींद: खुशनुमा माहौल में मनाया गया भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भाईदूज का त्योहार

भाईदूज पर्व को लेकर सुबह से ही भाई बहनों में खासा उत्साह देखने को मिला. छोटे भाई बहनों ने भी ये त्यौहार धूम-धाम से मनाया. बहनों ने भाईयों के लिए तरह-तरह के पकवान बनाकर भोज कराया गया.

bhaiya dooj festival celebrated in jind
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Published : Oct 29, 2019, 11:54 PM IST

जींद: मंगलवार को जींद में भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक भाईदूज का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. इस पर्व पर बहनों ने भाईयों की लंबी उम्र की कामना की.

भाईदूज पर्व को लेकर सुबह से ही भाई बहनों में खासा उत्साह देखने को मिला. छोटे भाई बहनों ने भी ये त्यौहार धूम-धाम से मनाया. बहनों ने भाईयों के लिए तरह-तरह के पकवान बनाकर भोज कराया. वहीं बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए भगवान से दुआएं मांगी. भाइयों ने बहनों की हर तरह की सुख सुविधा देने की वचनबद्धता को दोहराया.

जींद में मनाया गया भाईदूज का त्यौहार, देखें वीडियो

शास्त्रों के अनुसार बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी दीर्घायु और सुख समृद्धि की कामना करती है और भाई बहन कि हर प्रकार से सुरक्षा का वचन देता है. बहनें-भाइयों को अपने घर पर आमंत्रित कर उसे तिलक लगाती हैं और भोजन कराती हैं विधान के अनुरूप मांगलिक कार्य करती हैं.

ये है भाईदूज के पीछे की कहानी

इस बारे में एक पुरानी मानता है कि सूर्य की पुत्री यमुना और पुत्र यमराज आपस में एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे. एक बार किसी कारणवश यमुना अपने भाई के घर नहीं जा सकी तो अचानक यमराज उसके घर आ गए.

यमुना ने उनका आदर सत्कार किया और उनके मस्तक पर तिलक लगाया और उन्हें कुछ भेंट प्रदान की. वरदान स्वरूप यमराज ने हर वर्ष भाईदूज के दिन कार्तिक शुक्ल की द्वितीय को उसके घर आकर उसका आतिथ्य स्वीकार करने का वचन दिया. तब से ये प्रथा चली आ रही है. निश्चित रूप से भाईदूज पर्व में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की सोंधी खुशबू समाहित है.

ये भी पढ़ें- फतेहाबाद: बीजेपी के 'बंदूकबाज नेताजी', दिवाली पर की हवाई फायरिंग, वीडियो वायरल

जींद: मंगलवार को जींद में भाई बहनों के प्रेम का प्रतीक भाईदूज का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. इस पर्व पर बहनों ने भाईयों की लंबी उम्र की कामना की.

भाईदूज पर्व को लेकर सुबह से ही भाई बहनों में खासा उत्साह देखने को मिला. छोटे भाई बहनों ने भी ये त्यौहार धूम-धाम से मनाया. बहनों ने भाईयों के लिए तरह-तरह के पकवान बनाकर भोज कराया. वहीं बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए भगवान से दुआएं मांगी. भाइयों ने बहनों की हर तरह की सुख सुविधा देने की वचनबद्धता को दोहराया.

जींद में मनाया गया भाईदूज का त्यौहार, देखें वीडियो

शास्त्रों के अनुसार बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी दीर्घायु और सुख समृद्धि की कामना करती है और भाई बहन कि हर प्रकार से सुरक्षा का वचन देता है. बहनें-भाइयों को अपने घर पर आमंत्रित कर उसे तिलक लगाती हैं और भोजन कराती हैं विधान के अनुरूप मांगलिक कार्य करती हैं.

ये है भाईदूज के पीछे की कहानी

इस बारे में एक पुरानी मानता है कि सूर्य की पुत्री यमुना और पुत्र यमराज आपस में एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे. एक बार किसी कारणवश यमुना अपने भाई के घर नहीं जा सकी तो अचानक यमराज उसके घर आ गए.

यमुना ने उनका आदर सत्कार किया और उनके मस्तक पर तिलक लगाया और उन्हें कुछ भेंट प्रदान की. वरदान स्वरूप यमराज ने हर वर्ष भाईदूज के दिन कार्तिक शुक्ल की द्वितीय को उसके घर आकर उसका आतिथ्य स्वीकार करने का वचन दिया. तब से ये प्रथा चली आ रही है. निश्चित रूप से भाईदूज पर्व में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की सोंधी खुशबू समाहित है.

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Intro:Body:जींद के जुलाना में मनाया गया भैया दूज का त्यौहार, बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए भगवान से दुआएं मांगी , भाइयों ने बहनों की हर तरह की सुख सुविधा देने की वचनबद्धता को दोहराया

भैया दूज का त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूती देता है जोकि आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है शास्त्रों के अनुसार बहन भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी दीर्घायु और सुख समृद्धि की कामना करती है और भाई बहन कि हर प्रकार से सुरक्षा का वचन देता है बहनें भाइयों को अपने घर पर आमंत्रित कर उसे तिलक लगाती हैं और भोजन कराती हैं विधान के अनुरूप मांगलिक कार्य करती हैं इस बारे में एक पुरानी कहावत है कि सूर्य की पुत्री यमुना और पुत्र यमराज आपस में एक दूसरे का बहुत सम्मान करते थे एक बार किसी
कारणवश यमुना अपने भाई के घर नहीं जा सकी तो अचानक यमराज उसके घर आ गए यमुना ने उनका आदर सत्कार किया और उनके मस्तक पर तिलक लगाया और उन्हें कुछ भेंट प्रदान की वरदान स्वरूप यमराज ने हर वर्ष भैया दूज के दिन कार्तिक शुक्ल की द्वितीय को उसके घर आकर उसका आतिथ्य स्वीकार करने का वचन दिया तब से यह प्रथा चली आ रही है निश्चित रूप से भैया दूज पर्व में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की सोंधी खुशबू समाहित है

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