हिसार: लाडवा गांव के 46 वर्षीय व्यक्ति जगदीश की हत्या के मामले में मंगलवार से काफी संख्या में ग्रामीणों ने सिविल अस्पताल हिसार में धरना दिया हुआ था. साथ ही मृतक का अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्णय लिया था. ग्रामीण दो दिन तक धरने पर जमे रहे.
इन मांगों को लेकर ग्रामीणों ने दिया धरना
ग्रामीण शमशेर सिंह के अनुसार ग्रामीणों की मांग थी कि जब तक हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक शव नहीं उठायेंगे. साथ ही उनकी मांग थी कि मृतक के बड़े भाई व भतीजे को हथियार का लाइसेंस दिया जाये और मृतक की पत्नी को नौकरी दी जाये.
दो दिन से सिविल अस्पताल में ही धरना देने के कारण जिला पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. आखिर में पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों की मांगें मानने का आश्वासन दिया तो उन्होंने धरना समाप्त किया और मृतक का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए.
रविवार को हुई थी हत्या
बता दें कि, रविवार सुबह लाडवा निवासी जगदीश अपने घर से खेत जाने के लिए निकला था. रास्ते में दो गाड़ियों में आये कुछ लोगों ने उस पर लाठी, डंडों और लोहे की रॉड से हमला करके उसे घायल कर दिया. बाद में जगदीश की मौत हो गई. परिवार वालों और ग्रामीणों के अनुसार ये हत्या जताई गांव निवासी आत्माराम ने अपने साथियों के साथ मिलकर की क्योंकि आठ साल पहले आत्माराम और जगदीश में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था.
बदला लेने के लिए की गई हत्या!
उसी झगड़े का बदला लेने के लिए ये हत्या की गयी है. इस मामले में सदर थाना पुलिस ने लाडवा वासी सतबीर की शिकायत पर उसके भाई की पीटकर हत्या करने के आरोप में जताई वासी आत्माराम, अनिल, नवीन, कुलदीप सहित अन्य पर केस दर्ज किया था. वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने से खफा ग्रामीणों ने दो दिन तक सिविल अस्पताल हिसार में धरना दिया.
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