हिसार: मार्च 2020 में आई कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की पहली लहर ने दुनियाभर में व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया था और लॉकडाउन (lockdown) की वजह से कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. वहीं डेढ़ साल गुजर जाने बाद भी हालात लगभग वैसे ही है. लेकिन कुछ व्यापारी ऐसे भी है जिन्होंने व्यापार करने के तरीकों में बदलाव कर आगे बढ़ने की सोच ली है. हम बात कर रहे हैं हिसार के एक व्यापारी की जिनकी रेडीमेड गारमेंट्स और जूते बेचने की दूकान है.
इस हाईटेक जमाने में इंटरनेट का सही इस्तेमाल करते हुए ये दुकानदार फेसबुक (facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) और व्हाट्सएप (Whatsapp) की मदद से ग्राहकों को सामान बेच रहे हैं. दुकान के मालिक का कहना है कि ऑनलाइन (online marketing) सामान बेचने में ज्यादा फायदा है. क्योंकि न कोरोना की चपेट में आने की टेंशन और न ही कोई उधार का झंझट. दुकानदारों का कहना है कि पिछले लंबे समय से लॉक डाउन की वजह से दुकानें बंद थी. कोरोना के चलते लोग भी बाजारों में आने से कतराते हैं. विशेष तौर पर रेडीमेड गारमेंट व्यवसाय के ज्यादातर ग्राहक युवा हैं.
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ग्रामीण इलाकों से आने वाले छात्र जो कि स्कूल कॉलेज बंद होने की वजह से नहीं आ रहे हैं.अब उन्हें इंटरनेट के जरिए सामान बेचा जा रहा है. वहीं दुकानदारों का कहना है कि होलसेल के डीलर भी हमें कपड़ों के वीडियो और फोटो बना कर भेज देते हैं. दुकानदारों ने बताया कि उन्होंने अपने ग्राहकों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं साथ ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी पेज बनाकर लोगों को जोड़ा गया है. जैसे ही कोई नया स्टॉक या नए स्टाइल के कपड़े मार्केट में आते हैं उसके फोटो और वीडियो के साथ आकर्षक गाने लगाकर उन्हें इन प्लेटफॉर्म्स पर डाल दिया जाता है.
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जो लोग उसे देख कर रेट और साइज पूछते हैं तो उन्हें ऑनलाइन ही जवाब दिया जाता है. जिसके बाद जो लोग फोन नंबर के जरिए उनसे संपर्क कर सकते हैं. जो आसपास के कस्टमर होते हैं वो दुकान पर आकर कपड़े ले जाते हैं और दूरदराज के कस्टमर को कोरियर के जरिए भेज दिया जाता है.
वहीं दुकान पर कपड़े खरीदने आए एक ग्राहक का कहना था कि ऑनलाइन से ज्यादा ऑफलाइन कपड़े खरीदने का फायदा है. क्योंकि उन्हें दुकान पर आकर कपड़े की क्वालिटी का भी पता चलता है और साइज का भी कोई मसला नहीं रहता. हालांकि दुकानदार ऑनलाइन व्यापार करना चाहते हैं. क्योंकि उन्हें सामान लेने के लिए शहर से बाहर भी नहीं जाना पड़ता और सामान बेचते समय उधार की भी कोई समस्या नहीं रहती क्योंकि ऑनलाईन के जरिए पेमेंट सीधा उनके अकाउंट में आती है.