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हिसार एयरपोर्ट से हवाई रास्ते के बजाए सड़कों से जा रहे हैं विमान, आखिर क्या है माजरा? - pinnacle airplane

सरकार की हिसार को इंटीग्रेटेड एविएशन हब के रूप में विकसित करने की योजना है. हिसार एयरपोर्ट का पहले चरण का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है लेकिन एक भी कंपनी ने यहां से विमान उड़ाने की इच्छा जाहिर नहीं की.

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Published : Jun 27, 2019, 7:41 PM IST

हिसार: 15 अगस्त 2018 को हिसार एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया था. कुल 3 चरणों में एयरपोर्ट को तैयार करने की योजना है जिसमें से पहले चरण का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा होने वाला है लेकिन उड़ान का लाइसेंस मिलने के बाद भी किसी कंपनी ने यहां से विमान उड़ाने की इच्छा जाहिर नहीं की.

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हिसार एयरपोर्ट से हवाई रास्ते के बजाए सड़कों से जा रहे हैं विमान.

वहीं बुधवार को पिनाकल कंपनी का डायमंड एयरक्राफ्ट जो हिसार एयरपोर्ट पर उड़ान के लिए लाया गया था वो अब ट्रक पर लादकर सड़क मार्ग से जयपुर के लिए रवाना करना पड़ा. वहीं 4 दिन पहले सार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का हेलीकॉप्टर भी इसी तरह ट्रक पर हिसार एयरपोर्ट से गया है. इसका कारण हिसार एयरपोर्ट से 40 वर्ष पुरानी मेंटेनेंस कंपनी सूर्या का अपना सामान समेट कर वापस जाना बताया जा रहा है.

हरियाणा सरकार की तरफ से पिनाकल कंपनी के साथ हिसार से दिल्ली व चंडीगढ़ के लिए एमओयू साइन हुआ था. जिसके बाद पिनाकल कंपनी की योजना थी कि 4 सीटर इस विमान की मेंटेनेंस के बाद इसे हिसार एयरपोर्ट से उड़ाया जाएगा. 2 साल से एयरपोर्ट पर विमान खड़ा रहने के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं हो पाई जिसके बाद कंपनी को मजबूरन इसे ट्रक पर लादकर जयपुर ले जाना पड़ा, जिससे कंपनी को लगभग 2 साल में 2 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है.

हिसार: 15 अगस्त 2018 को हिसार एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया था. कुल 3 चरणों में एयरपोर्ट को तैयार करने की योजना है जिसमें से पहले चरण का निर्माण कार्य भी लगभग पूरा होने वाला है लेकिन उड़ान का लाइसेंस मिलने के बाद भी किसी कंपनी ने यहां से विमान उड़ाने की इच्छा जाहिर नहीं की.

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हिसार एयरपोर्ट से हवाई रास्ते के बजाए सड़कों से जा रहे हैं विमान.

वहीं बुधवार को पिनाकल कंपनी का डायमंड एयरक्राफ्ट जो हिसार एयरपोर्ट पर उड़ान के लिए लाया गया था वो अब ट्रक पर लादकर सड़क मार्ग से जयपुर के लिए रवाना करना पड़ा. वहीं 4 दिन पहले सार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का हेलीकॉप्टर भी इसी तरह ट्रक पर हिसार एयरपोर्ट से गया है. इसका कारण हिसार एयरपोर्ट से 40 वर्ष पुरानी मेंटेनेंस कंपनी सूर्या का अपना सामान समेट कर वापस जाना बताया जा रहा है.

हरियाणा सरकार की तरफ से पिनाकल कंपनी के साथ हिसार से दिल्ली व चंडीगढ़ के लिए एमओयू साइन हुआ था. जिसके बाद पिनाकल कंपनी की योजना थी कि 4 सीटर इस विमान की मेंटेनेंस के बाद इसे हिसार एयरपोर्ट से उड़ाया जाएगा. 2 साल से एयरपोर्ट पर विमान खड़ा रहने के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं हो पाई जिसके बाद कंपनी को मजबूरन इसे ट्रक पर लादकर जयपुर ले जाना पड़ा, जिससे कंपनी को लगभग 2 साल में 2 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है.

Intro:हिसार को इंटीग्रेटेड एविएशन हब के रूप में विकसित करने की सरकार की योजना है। हिसार एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पहले चरण का लगभग पूरा हो चुका है। वही कुल 3 चरणों में एयरपोर्ट को तैयार करने की योजना है। 15 अगस्त 2018 को एयरपोर्ट का उद्घाटन होने और उड़ान का लाइसेंस मिलने के बाद एक भी कंपनी ने यहां से विमान उड़ाने की इच्छा जाहिर नहीं की।

वही बुधवार को पिनाकल कंपनी का डायमंड एयरक्राफ्ट जो हिसार एयरपोर्ट पर उड़ान के लिए लाया गया था उसने दोबारा यहां से उड़ान भरी, लेकिन हवाई रास्ते से नहीं बल्कि सड़क मार्ग से एयरक्राफ्ट को ट्रक में सवार होकर जयपुर के लिए रवाना होना पड़ा। वहीं 4 दिन पहले सार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का हेलीकॉप्टर भी इसी तरह ट्रक पर लोड होकर हिसार एयरपोर्ट से गया।

इसका कारण हिसार एयरपोर्ट से 40 वर्ष पुरानी मेंटेनेंस कंपनी सूर्या का अपना सामान समेट कर वापिस जाना बताया जा रहा है। जिसके बाद हिसार एयरपोर्ट की इमेज खराब होती गई।

इस एयरक्राफ्ट को प्राइवेट उड़ान के लिए इस्तेमाल करने के अलावा इसे हवाई एंबुलेंस के रूप में भी उपयोग किया जा सकता था। जिससे इमरजेंसी होने पर मरीज को दिल्ली या चंडीगढ़ कम समय में ले जाया जा सकता था।




Body:पिनाकल कंपनी के पास डीजीसीए की तरफ से देश में कहीं भी उड़ान भरने का परमिट है। हरियाणा सरकार की तरफ से पिनाकल कंपनी के साथ हिसार से दिल्ली व चंडीगढ़ के लिए एमओयू साइन हुआ था। जिसके बाद पिनाकल कंपनी की योजना थी कि 4 सीटर इस विमान की मेंटेनेंस के बाद इसे हिसार एयरपोर्ट से उड़ाया जाएगा। 2 साल से एयरपोर्ट पर विमान खड़ा रहने के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं हो पाई। जिसके बाद कंपनी को मजबूरन इसे ट्रक पर लादकर जयपुर ले जाना पड़ा, जिससे कंपनी को लगभग 2 साल में 2 करोड़ रुपए का नुकसान बताया जा रहा है।


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