हिसार: इफको के विपणन प्रबंधक डॉक्टर पुष्पेंद्र ने कहा कि नैनो यूरिया पर भारत के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों सहित बड़े संस्थानों में शोध के साथ-साथ किसानों के खेतों में भी बड़े स्तर पर परीक्षण किए गए हैं. परीक्षण में इसके परिणाम पारंपरिक यूरिया से बेहतर मिले हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल पारंपरिक यूरिया का एक तिहाई हिस्सा देश को विदेशों से आयात करना पड़ता है. डॉ पुष्पेंद्र ने कहा कि नैनो यूरिया को लांच किए जाने के बाद से अब तक लगभग 17 लाख बोतल किसानों को ब्रिकी की जा चुकी है. इस उत्पाद की सफलता को देखते हुए इफको द्वारा आगामी एक वर्ष में नैनो डीएपी लांच किए जाने की पूरी उम्मीद है. इस पर शोध कार्य चल रहा है.
नेनो यूरिया को इफको के वैज्ञानिकों द्वारा नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर कलोल, गुजरात में कई सालों की रिसर्च के बाद विकसित किया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research), कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके), राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और भारत के प्रगतिशील किसानों के सहयोग से 11 हजार स्थानों पर 94 से अधिक फसलों पर इसका परीक्षण किया गया है. सफल परीक्षणों के आधार पर भारत सरकार द्वारा इफको नैनो यूरिया को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (एफसीओ) में शामिल किया गया है. नैनो यूरिया की तकनीक पूरी दूनिया में केवल इफको के पास है.
नैनो यूरिया की विशेषता- नैनो यूरिया की 500 एमएल की एक बोतल का प्रयोग पारंपरिक यूरिया के 45 किग्रा के एक बैग के बराबर है. अब ऐसे में किसानों को परंपरागत यूरिया की जरूरत बेहद कम हो जाती है. नेनो यूरिया नाइट्रोजन का एक अनुठा स्रोत है. अधिकांश भारतीय मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी पाई जाती है. फसल नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, नैनो यूरिया पारंपरिक यूरिया में 30 प्रतिशत की तुलना में 85 से 90 प्रतिशत प्रभावकारी होती है. नैनो यूरिया मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता में भी सुधार लाता है.
नैनो यूरिया का इस्तेमाल- इफको के अनुसार एक एकड़ खेत के लिए 500 ML नैनो यूरिया तरल को 125 लीटर पानी में मिलाकर, अंकुरण/रोपाई के 30 से 35 दिन बाद खड़ी फसल में छिड़काव करना बेहद प्रभावी रहता है. इफको की लिक्विड नैनो यूरिया किसानों की फसल उत्पादन में 8 से 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी और लागत में कमी लाता है. पारंपरिक यूरिया को स्टोर करने की समस्या भी खत्म हो जाती है क्योंकि एक एकड़ की जरूरत का यूरिया छोटी सी बोतल आ जाता है. परंपरिक यूरिया खाद को स्टोर करने के लिए और मौसमी मार से बचाने के लिए अच्छी जगह चाहिए होती है. लेकिन नैनो यूरिया की बोतल कहीं भी आसानी से रखी जा सकती है.
नैनो यूरिया कहां से खरीदें- नैनो-यूरिया जैविक सुरक्षा और विषाक्तता टेस्टिंग में इसे वनस्पतियों और जीवों के लिए सुरक्षित पाया गया है. यह नैनो यूरिया इफको किसान सेवा केंद्रों, इफको ई-बाजार के बिक्री केंद्रों एवं सहकारी समितियों से 200 रुपये प्रति बोतल (500 ml) खरीदा जा सकता है. इसका मूल्य कट्टे वाले यूरिया के मूल्य से 10 प्रतिशत तक कम है. पहले समय में किसानों को ले जाने के लिए ट्रैक्टर या अन्य साधन की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब दस कट्टे यूरिया की बजाए 5 लीटर नैनो यूरिया किसान आसानी से कहीं भी ले जा सकता है.