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हिसार में बिजली बिल-2020 के विरोध में उतरे बिजली कर्मी - हिसार बिजली 2020 विरोध

हिसार में बिजली कर्मचारियों ने बिजली बिल-2020 के विरोध में प्रदर्शन किया. इस दौरान बिजली कर्मियों ने कोयला खाद्यानों के निजीकरण को लेकर भी नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी.

hisar protest
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Published : Jul 2, 2020, 10:29 PM IST

हिसार: इलेक्ट्रिसिटी फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर हिसार में सातरोड सब डिविजन पर शुक्रवार को गेट मीटिंग आयोजित की गई. इसमें कर्मचारियों ने भारी संख्या में एकत्र होकर हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मीटिंग की अध्यक्षता सब यूनिट प्रधान लीलूराम वर्मा ने की व संचालन सचिव मुकेश गौतम ने किया.

यूनिट प्रधान ओमप्रकाश वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बिजली बिल 2020 को लागू करने व कोयले की खाद्यानों का निजीकरण करने जा रही है, जोकि किसान, मजदूर व कर्मचारियों के हित में नहीं है. बिजली बिल 2020 में सभी बिजली के विभाग पूंजीपतियों के हाथ में चले जाएंगे, जिससे किसान, मजदूर से मनमाने रेट पर बिजली का बिल वसूला जाएगा.

ये भी पढ़ें- हिसारः दो नए कंटेनमेंट जोन बनाए गए और पहले कंटेनमेंट जोन का दायरा बढ़ा

वहीं कोयले की खाद्यानों का निजीकरण करने से हजारों मजदूर व कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और मजदूरों का पूंजीपतियों द्वारा मनमाने तरीके से शोषण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज पूरे भारत में सरकार की उक्त नीतियों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. उन्होंने मजदूर, किसानों व कर्मचारियों सभी को इस तरह की विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर सरकार के खिलाफ लड़ने की अपील की.

हिसार: इलेक्ट्रिसिटी फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर हिसार में सातरोड सब डिविजन पर शुक्रवार को गेट मीटिंग आयोजित की गई. इसमें कर्मचारियों ने भारी संख्या में एकत्र होकर हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मीटिंग की अध्यक्षता सब यूनिट प्रधान लीलूराम वर्मा ने की व संचालन सचिव मुकेश गौतम ने किया.

यूनिट प्रधान ओमप्रकाश वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बिजली बिल 2020 को लागू करने व कोयले की खाद्यानों का निजीकरण करने जा रही है, जोकि किसान, मजदूर व कर्मचारियों के हित में नहीं है. बिजली बिल 2020 में सभी बिजली के विभाग पूंजीपतियों के हाथ में चले जाएंगे, जिससे किसान, मजदूर से मनमाने रेट पर बिजली का बिल वसूला जाएगा.

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वहीं कोयले की खाद्यानों का निजीकरण करने से हजारों मजदूर व कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और मजदूरों का पूंजीपतियों द्वारा मनमाने तरीके से शोषण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज पूरे भारत में सरकार की उक्त नीतियों को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. उन्होंने मजदूर, किसानों व कर्मचारियों सभी को इस तरह की विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर सरकार के खिलाफ लड़ने की अपील की.

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