हिसार: स्वास्थ्य विभाग के एक आदेश के खिलाफ विभाग के बायोलॉजिस्ट डॉ. रमेश पूनिया को सोशल मीडिया और राजनीतिज्ञों का इतना समर्थन मिला कि स्वास्थ्य विभाग को अपना आदेश वापस लेना पड़ा. डॉ. रमेश पूनिया को सिविल सर्जन की तरफ से दोबारा कोविड-19 का कार्य दे दिया गया है. अब डॉ. पूनिया पहले की तरह मलेरिया कार्यक्रम के साथ कोविड-19 के खिलाफ जंग में होम क्वारंटाइन करने का कार्य संभालेंगे.
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि डॉ. रमेश पूनिया से उनका चार्ज वापस ले लिया गया था. हुआ यूं था कि डॉ. पूनिया की टीम 10 मई को एक संदिग्ध कोरोना पेशेंट को जांच के लिए अस्पताल ले गयी थी. उसकी रिपोर्ट नेगेटिव थी लेकिन डॉ. पूनिया की टीम ने उसे 14 दिन होम क्वारंटाइन रहने के लिए कहा था. बकायदा इसका पोस्टर युवक के घर के बाहर चस्पा भी दिया गया था. इसके बाद अगले दिन डॉ. पूनिया को उनकी कोरोना ड्यूटी से हटा दिया गया.
बताया जाता है कि डॉ. पूनिया ने अर्बन एस्टेट में जिसके घर के बाहर होम क्वारंटाइन का पोस्टर लगाया वो राजनीतिक रसूक रखता था. उसी वजह से डॉ. पूनिया को कोविड ड्यूटी से हटाया गया. डॉ. रमेश पूनिया को उनकी ड्यूटी से हटाए जाने की सभी विपक्षी पार्टियां काफी निंदा की और सोशल मीडिया पर भी उन्हें काफी समर्थन मिला.
फिर सौंपा गया कोविड 19 का कार्य
अब सिविल सर्जन की तरफ से डॉ. पूनिया को दोबारा कोविड कार्य संभालने के लिए पत्र जारी कर दिया गया. मगर डॉ. पूनिया ने पत्र जारी होने के अगले दिन यानि कि 14 मई को दोबारा कोविड कार्य संभाल लिया. इस पूरे मामले में ये भी बताया जाता है कि जिस प्रकार डॉ. पूनिया व उनकी टीम कोविड 19 में होम क्वारंटाइन करने का कार्य मुस्तैदी से कर रही थी, वैसी टीम जिला स्वास्थ्य विभाग के पास दूसरी नहीं है.
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साथ ही जिस महिला डाक्टर को डॉ. पूनिया की जगह कोविड कार्य सौंपा गया था. उसने भी ये कार्य करने से मना कर दिया था. जब होम क्वारंटाइन करने के इस कार्य को और कोई संभालने के लिए भी तैयार नहीं था. इसी कारण से राजनीतिक और सामाजिक दबाव और साथ ही दूसरा कोई विकल्प नहीं मिलने के कारण डॉ. रमेश पूनिया को उनका कार्य दोबारा सौंप दिया गया.