हिसार: हरियाणा को मेडल की खान के नाम से भी जाना जाता है. चाहे ओलंपिक हो, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) हो, नेशनल हो या फिर इंटरनेशनल गेम्स हो, हरियाणा के खिलाड़ी देश में सबसे आगे रहते हैं. कबड्डी, कुश्ती और बॉक्सिंग के बाद हॉकी में भी हरियाणा का अहम योगदान है. वर्तमान में भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian women hockey team) में 9 खिलाड़ी हरियाणा से तीन खिलाड़ी हिसार के एचएयू हॉकी ग्राउंड से हैं, जिन्हें कोच आजाद सिंह मलिक ने हॉकी के गुर सिखाए हैं. महिला हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद कोच आजाद सिंह मलिक और खिलाड़ियों के परिवार में खुशी का माहौल है. पदक जीतने वाली खिलाड़ियों का भव्य स्वागत 10 अगस्त को उसी ग्राउंड पर किया जाएगा जहां से उन्होंने बचपन में खेलना शुरू किया था.
साल 2005 से सीखा रहे हॉकी: कोच आजाद सिंह मलिक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय स्पोर्ट कॉलेज (Haryana Agricultural University Sport College) में बतौर शिक्षक तैनात हैं. वह साल 2005 से महिलाओं को हॉकी सिखा रहे हैं. आजाद सिंह मलिक से प्रशिक्षण लेकर महिला खिलाड़ी ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप खेल चुकी हैं. करीब 350 लड़कियां इस ग्राउंड से जूनियर, सब जूनियर, सीनियर, और नेशनल प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी हैं. सविता पूनिया कप्तान, उदिता, सोनिका, ये सब वो महिला हॉकी खिलाड़ी हैं जो भारतीय हॉकी टीम के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स खेल रही हैं. इसी ग्राउंड से सीखकर ये खिलाड़ी आज कामयाबी के शिखर पर पहुंची हैं.
जिस ग्राउंड पर शुरू किया था खेलना अब वहीं होगा इन महिला हॉकी खिलाड़ियों का भव्य स्वागत लंबे समय बाद जीता मेडल: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कोच आजाद सिंह मलिक ने बताया कि साल 2003 में यहां करीब 13 साल की उम्र में सविता पूनिया, उदिता सिंह व सोनी का हॉकी सीखने आई थी. लगातार उन्होंने यहां प्रैक्टिस की और आज भारतीय टीम के लिए खेल रही हैं. अब कॉमनवेल्थ गेम्स में जिसने ब्रांज मेडल जीता है यह इस ग्राउंड के लिए भी और शहर के लिए भी बहुत खुशी की बात है. बड़े लंबे समय के बाद भारतीय हॉकी टीम ने कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games)में मेडल जीते हैं.
प्लेयर्स के जीतने के पीछे कोच का होता है अहम रोल महिला हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन: कोच मलिक ने बताया कि पिछले ओलंपिक में भी भारतीय महिला हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन रहा है, क्योंकि इससे पहले के वर्ल्ड कप में महिला हॉकी टीम चौथे स्थान पर रही थी. हमारी टीम में कुछ एस्पेक्ट्स पर डाउन थी जैसे पेनल्टी कॉर्नर और उस पर और अच्छा काम किया जाए तो टीम का जो फॉरमेशन है और जिस तरीके से खेल रही है उससे लगता है कि आने वाले समय में महिला हॉकी का सुनहरा भविष्य है.
बिना शुल्क के सिखाया जाता है हॉकी 10 अगस्त करेंगे भव्य स्वागत: कोच मलिक ने बताया कि तीनों खिलाड़ियों से मेरी बातचीत होती रहती है और अब आने वाले 10 अगस्त को वह वापस आएंगे तो इसी ग्राउंड पर शहर के गणमान्य लोगों और हॉकी सीख रहे बच्चों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया जाएगा. इससे उन बच्चियों को भी मोटिवेशन मिलेगा जो फिलहाल हॉकी सीख रही हैं. इस बार मैच में मुकाबला बेहद आसान नहीं था क्योंकि न्यूजीलैंड टीम पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट है. टीम पर प्रेशर तो रहता ही है लेकिन हमारी भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है.
हिसार हॉकी ग्राउंड में खेलते खिलाड़ी बिना शुल्क के सिखाया जाता है हॉकी: हिसार हॉकी ग्राउंड (Hisar Hockey Ground) में प्रदेश से कोई भी लड़की यहां हॉकी सीखने के लिए आ सकती है. उसके लिए कोई भी फीस नहीं ली जाती. इसके साथ किसी भी तरह का ट्रेनिंग चार्ज या कोई शुल्क बच्चों से नहीं लिया जाता और साथ ही बच्चों को जहां तक संभव हो सके स्पॉन्सर के जरिए हॉकी ड्रेस व अन्य सामान भी उपलब्ध करवाया जाता है.
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