हिसार: जिले के गौ अभ्यारण को लोगों ने गौ हत्यारण की संख्या देनी शुरू कर दी है. हिसार के गौ अभ्यारण में हुई सैकड़ों गायों की मौत अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल बन गई है. लोगों ने इसकी उच्च स्तरीय जांच कर संबंधित दोषियों पर सख्त कार्रवाई किए जाने की भी मांग की है. वीरवार को भी गौ अभ्यारण में एक बछड़ी मृत पाई गई. वहीं चार से पांच गाय बेहद गंभीर पाई गईं.
नहीं रुक रहीं मौतें
11 दिसंबर से 11 जनवरी तक हिसार के गौ अभ्यारण में लगभग 529 गायों के मरने का आंकड़ा नगर निगम की तरफ से बताया जा रहा है, लेकिन ये आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है. अधिकारियों के अनुसार दिसंबर में लगभग 2400 गाय अभ्यारण में मौजूद थी, लेकिन वर्तमान में ये संख्या अभ्यारण में कार्यरत कर्मचारियों के अनुसार केवल 1100 के आसपास बताई जा रही है. गायों कि मौत प्लास्टिक से कम बल्कि ठंड एवं चारा न मिलने के कारण हुई है जिसको लेकर शहरवासियों में भारी रोष है.
सरकार खामोश!
गाय, गीता और गंगा की बात करने वाली बीजेपी की सरकार इस मुद्दे पर मौन नजर आ रही है. लोगों का कहना है कि इस गौ अभ्यारण में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है. सामाजिक संगठनों ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
गौ अभ्यारण में गायों के लिए नहीं चारा और दवाई
हिसार के गो अभ्यारण में शानदार शैड बनाए जा रहे हैं. आलीशान ऑफिस और ऑफिस के सामने सुंदर-सुंदर झूले लगाए गए हैं, जिसका गायों से कोई संबंध नहीं है. लोगों का कहना है कि यहां का सारा पैसा ठेकेदारों द्वारा हजम करवा दिया गया है. गायों को मुख्य रूप से चारा एवं दवाई की आवश्यकता है, लेकिन हिसार के गौ अभ्यारण में गाय बीमारी और भूख के कारण मर रही हैं.
प्लास्टिक से हुई गायों की मौत- कमिश्नर
नगर निगम के कमिश्नर जय कृष्ण आभीर ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि प्रशासन की तरफ से गौ अभ्यारण में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं पहले ही की जा चुकी थीं. लगातार हो रही गायों की मौत को लेकर उन्होंने कहा कि जितनी भी मृत गायों का पोस्टमार्टम किया गया है उनके पेट से प्लास्टिक मिला है जिसके कारण उनकी मौत हुई है.
कमिश्नर ने डॉक्टरों का हवाला देते हुए कहा कि डाक्टरों की तरफ से भी कहा गया है कि आज नहीं तो कल इन गायों की मौत स्वभाविक है. निगम कमिश्नर ने कहा कि मौसम में परिवर्तन, तनाव, सर्दी और जगह परिवर्तन के कारण मौत हुई है.
ये भी पढ़ें- IAS अशोक खेमका ने फिर लिखा सीएम को पत्र, जांच कमेटी पर उठाए सवाल