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मिर्चपुर में फिर तनाव की स्थिति, मुर्गी खरीदने को लेकर भिड़े दो पक्ष - मुर्गी फार्म

हिसार के मिर्चपुर गांव में एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई है. मंगलवार को दो पक्षों के बीच झगड़े में विवाद बढ़ गया. विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई जिसके बाद गांव में भारी पुलिस बल पहुंचा.

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Published : Jul 31, 2019, 6:09 PM IST

हिसार: मिर्चपुर गांव में मंगलवार रात करीब 9 बजे वाल्मीकि बस्ती में 9 साल बाद फिर से जातीय तनाव पैदा हो गया. इस बार झगड़ा मुर्गी खरीदने की बात को लेकर हुआ है. दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई. घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. हमले में वाल्मीकि बस्ती का तेजभान घायल हो गया. घायल व्यक्ति के परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया. सूचना मिलने पर डीएसपी जोगिंद्र राठी और नारनौंद थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए.

क्यों हुआ झगड़ा ?
पीड़ित तेजभान सिविल अस्पताल में डीसी रेट पर हेल्पर का काम करता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद चिकन कॉर्नर चलाता है. तेजभान ने बताया कि मंगलवार रात को ड्यूटी खत्म करके वह गांव पहुंचा था. घर आने के बाद वह मिर्चपुर से कोथ कला रोड पर सुरेंद्र के मुर्गी फार्म पर मुर्गी लेने गया. वहां पर सुरेंद्र का पार्टनर सतीश बैठा था. उसके साथ 3-4 अन्य युवक बैठे थे.

यहां देखें वीडियो.

तेजभान के फार्म पर जाते ही वह अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे. उसने जब विरोध किया तो सभी ने मिलकर उस पर हमला कर दिया. वह किसी तरह से बचकर बस्ती में पहुंचा और परिजनों को आपबीती सुनाई. तेजभान के परिजन ने पुलिस को मामले से अवगत करवाया. तुरंत उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी गई. तनाव ज्यादा होने पर भारी पुलिस बल गांव में तैनात किया गया.

वहीं मिर्चपुर चौकी इंचार्ज एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि तेजभान नामक युवक के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की है. सूचना मिलते ही वह पुलिस कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे. पीड़ित के बयान लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की तफ्तीश नारनौंद डीएसपी जोगिंद्र राठी करेंगे.

2010 में हुआ था जातीय तनाव, दो को जलाया था जिंदा

21 अप्रैल 2010 को मिर्चपुर गांव में दो पक्षों के बीच झगड़ा हो गया था. उस दौरान भीड़ ने वाल्मीकि बस्ती में आग लगा दी थी. उस घटना में ताराचंद और उसकी दिव्यांग बेटी सुमन की मौत हो गई थी. उस झगड़े में काफी लोग घायल हुए थे. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में 20 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

हिसार: मिर्चपुर गांव में मंगलवार रात करीब 9 बजे वाल्मीकि बस्ती में 9 साल बाद फिर से जातीय तनाव पैदा हो गया. इस बार झगड़ा मुर्गी खरीदने की बात को लेकर हुआ है. दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई. घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए. हमले में वाल्मीकि बस्ती का तेजभान घायल हो गया. घायल व्यक्ति के परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया. सूचना मिलने पर डीएसपी जोगिंद्र राठी और नारनौंद थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए.

क्यों हुआ झगड़ा ?
पीड़ित तेजभान सिविल अस्पताल में डीसी रेट पर हेल्पर का काम करता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद चिकन कॉर्नर चलाता है. तेजभान ने बताया कि मंगलवार रात को ड्यूटी खत्म करके वह गांव पहुंचा था. घर आने के बाद वह मिर्चपुर से कोथ कला रोड पर सुरेंद्र के मुर्गी फार्म पर मुर्गी लेने गया. वहां पर सुरेंद्र का पार्टनर सतीश बैठा था. उसके साथ 3-4 अन्य युवक बैठे थे.

यहां देखें वीडियो.

तेजभान के फार्म पर जाते ही वह अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे. उसने जब विरोध किया तो सभी ने मिलकर उस पर हमला कर दिया. वह किसी तरह से बचकर बस्ती में पहुंचा और परिजनों को आपबीती सुनाई. तेजभान के परिजन ने पुलिस को मामले से अवगत करवाया. तुरंत उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी गई. तनाव ज्यादा होने पर भारी पुलिस बल गांव में तैनात किया गया.

वहीं मिर्चपुर चौकी इंचार्ज एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि तेजभान नामक युवक के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की है. सूचना मिलते ही वह पुलिस कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे. पीड़ित के बयान लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की तफ्तीश नारनौंद डीएसपी जोगिंद्र राठी करेंगे.

2010 में हुआ था जातीय तनाव, दो को जलाया था जिंदा

21 अप्रैल 2010 को मिर्चपुर गांव में दो पक्षों के बीच झगड़ा हो गया था. उस दौरान भीड़ ने वाल्मीकि बस्ती में आग लगा दी थी. उस घटना में ताराचंद और उसकी दिव्यांग बेटी सुमन की मौत हो गई थी. उस झगड़े में काफी लोग घायल हुए थे. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में 20 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.

Intro:मिर्चपुर में फिर तनाव की स्थिति इस बार मुर्गा खरीदने को लेकर भिड़े।

मिर्चपुर गांव में मंगलवार रात करीब 9:00 बजे वाल्मीकि बस्ती में 9 साल बाद फिर से जातीय तनाव पैदा हो गया। मंगलवार को दो पक्षों के बीच झगड़े में विवाद बढ़ गया। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। हमले में बाल्मीकि बस्ती का तेजभान घायल हो गया। घायल और उसके परिवार के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने पर डीएसपी जोगिंद्र राठी और नारनौंद थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने घायलों के बयान पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

तेजभान सिविल अस्पताल में डीसी रेट पर हेल्पर का काम करता है। वह ड्यूटी खत्म होने के बाद चिकन कॉर्नर चलाता है।

वीओ - तेजभान ने बताया कि मंगलवार रात को ड्यूटी खत्म करके वह गांव पहुंचा था। घर आने के बाद वह मिर्चपुर से कोथ कला रोड पर सुरेंद्र के मुर्गा फार्म पर गया था। वहां पर सुरेंद्र का पार्टनर सतीश बैठा था। उसके साथ 3-4 अन्य युवक बैठे थे। तेजभान के फार्म पर जाते ही वह अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। उसने जब विरोध किया तो सभी ने मिलकर उस पर हमला कर दिया। वह किसी तरह से बचकर बस्ती में पहुंचाऔर परिजनों को आपबीती सुनाई। तेजभान और परिजन अन्य लोगों के साथ पुलिस के पास गए और उन को मामले से अवगत करवाया। पुलिस ने तुरंत उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी तनाव ज्यादा होने पर पुलिस बल गांव में पहुंच गया।

बाइट - तेजभान, पीड़ित।

वीओ - मिर्चपुर चौकी इंचार्ज एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि मंगलवार रात लगभग 9:00 बजे उन्हें फोन पर सूचना मिली कि तेजभान नामक युवक के साथ कुछ जाट समुदाय के लोगों ने मारपीट की है और पोल्ट्री फार्म पर उसे घेर रखा है। सुरेश कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही वह पुलिस कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे। एएसआई ने बताया कि सतीश और सुरेंद्र का यह पोल्ट्री फार्म है जहां से पहले भी पीड़ित युवक मुर्गे वगैरह लेकर जाता था। सुरेश कुमार ने बताया कि जब वह मौके पर जा रहे थे तो पीड़ित युवक के समुदाय से 10 - 15 मोटरसाइकिल सवार युवक उसे वहां से सुरक्षित ले आए थे। सुरेश कुमार एएसआई ने बताया कि उस वक्त भी दोनों समुदाय के लोगों में आपस में झड़प हुई जिसके बाद उन्होंने आरोपी पक्ष के तीन चार लोगों को अपनी गाड़ी में बिठा कर मौके से दूर लेकर गए। एएसआई ने बताया कि बाद में पीड़ित के बयान लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि मामले की तफ्तीश नारनौंद डीएसपी जोगिंद्र राठी करेंगे। वही उन्होंने बताया कि उन्हें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।

बाइट - सुरेश कुमार, एएसआई चौकी इंचार्ज मिर्चपुर।




Body:2010 में हुआ था जातीय तनाव दो को जलाया था जिंदा -

21 अप्रैल 2010 को मिर्चपुर गांव में दो पक्षों के बीच झगड़ा हो गया था। उस दौरान भीड़ ने वाल्मीकि बस्ती में आग लगा दी थी। उस घटना में ताराचंद और उसकी दिव्यांग बेटी सुमन की मौत हो गई थी। उस झगड़े में काफी लोग घायल हुए थे। पुलिस ने उस दौरान मामला दर्ज किया था। दिल्ली कोर्ट ने इस मामले में कई लोगों को उम्र कैद सहित 7 साल तक की सजा सुनाई थी । विवाद के समय कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी ने भी दौरा किया था और यह मामला संसद में भी गूंजा था। उस घटना के बाद आज भी काफी परिवार पलायन कर हिसार शहर में रह रहे हैं।


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