हिसार: प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर हिसार (cm khattar hisar tour) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने हिसार में निर्माणाधीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास कार्य का जायजा लिया और उसके बाद केंद्रीय भैंस रिसर्च संस्थान में क्लोन तकनीक से पैदा किए गए भैंसों को देखने पहुंचे. मुख्यमंत्री ने गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी के चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में अपने संबोधन के बाद बजट व प्रदेश के अन्य विकास कार्यों को लेकर लोगों के सवालों के जवाब भी दिए.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमनें बजट पेश करते हुए कुछ नई परंपराएं स्थापित की है, पहले बजट को वित्त मंत्री का विचार कहते थे, लेकिन अब बजट से पहले अलग-अलग पक्षकारों के साथ चर्चा कर प्रदेश का बजट बनाया गया है. अच्छे विचार किसी से भी आ सकते हैं, इसलिए हमने 8 बैठकें कर 550 के करीब लोगों से सुझाव लिए और बजट पेश करने के बाद विधानसभा की कमेटी बनाकर उस पर चर्चा की.
इस बार सत्र में 12 बैठक और 50 घंटे इस बजट पर चर्चा की, जो हरियाणा के इतिहास का सबसे लंबा सत्र है. बजट की तीन बातें खर्चा, घाटा, कर्ज को ध्यान में रखकर बनाया गया. ऋण का जीएसडीपी 25 फीसदी तक हो सकता है, लेकिन हम इस सीमा से बाहर नहीं गए. पड़ोसी राज्य पंजाब 48 फीसदी तक इस सीमा को लेकर गया है. जीएसडीपी की 3 फीसदी कर्ज सीमा जो बाद में 3.5 फीसदी हुई. सरकार ने उसे भी ध्यान रखते हुए केवल 2.8 फीसदी तक कर्ज की सीमा रखी है.
प्रदेश में बनाए जाएंगे 2 हजार वेलनेस सेंटर- मुख्यमंत्री ने कहा कि 1972 में जब वे दिल्ली गये तो उनके दादा ने कहा था कि एक रुपये अगर जेब में हो तो एक रुपये का ही कर्ज लेना. पिछले साल 1.53 लाख करोड़ का बजट था, जिसे 1.77 लाख करोड़ ले जाया गया. कृषि में सरकार मात्रा पर जोर दिया. पेस्टीसाइड का इस्तेमाल बढ़ने लगा, जीरो बजट खेती, ऑर्गेनिक खेती (organic farming in haryana) को ध्यान में रखकर बजट बनाया. उन्होंने कहा कि एलोपैथी पर हमारी चिकित्सा व्यवस्था निर्भर रही. सरकार ने आयुष नाम से विभाग बनाकर उसे विकसित करने का काम किया है. प्रदेश में 2 हजार वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे. जहां, एक डॉक्टर, एक योग शिक्षक एक डाइटिशियन होगा. कई राज्यों में फेक डिग्री का खेल चल रहा है. सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए 500 माडल संस्कृति स्कूल खोलेंगे. पिछले साल में 2.5 लाख बच्चे इन स्कूलों में पढ़ेंगे.
सूचना तंत्र मजबूत करने की कोशिश- पीपीपी के साथ-साथ जीसीपी (Government community partnership) का सिद्धांत पर हम काम करेंगे. समर्थ हरियाणा के तहत संचार और सूचना के तंत्र को हम मजबूत करेंगे. सब परिवारों के परिवार पहचान पत्र से जोड़ा, जिसमें परिवार की सभी सूचनाएं इकट्ठी की गयी है. अंत्योदय की भावना के तहत गरीब परिवारों के लिए योजना बनाई 180000 तक की वार्षिक आय वाले परिवार के हमनें बीपीएल परिवार माना है. दूसरे प्रदेशों की तरह हम फ्री लाभ देने में नहीं, लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का प्रयास हम कर रहें हैं. सरकारें कहती है कि हम नीचे से ऊपर तक ध्यान करेंगे, लेकिन हम कहते हैं कि हम शुरू ही नीचे से करेंगे.
माइक्रो इरिगेशन को दिया जाएगा बढ़ावा- मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को सही वातावरण मिले इसके लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करेंगे. पानी का प्रबंधन कर माइक्रो इरिगेशन को बढ़ावा दिया. सरकार का लक्ष्य है कि हर खेत तक हम पानी पहुंचे. पिछले साल तक 700 रिचार्जिंग वेल थे, जिसको इस बार 5000 तक ले जाने की कोशिश रहेगी. सीएम ने कहा कि उन्हें वैज्ञानिकों ने पता चला कि 1 किलो चावल को उगाने में करीब 2 हजार लीटर पानी की खपत होती है. इसके बाद हमने धान के बजाय दूसरी फसलों को बढ़ावा दिया. पिछले साल कृषि विभाग ने 1 लाख एकड़ धान का एरिया बचाया है. धान की खेती छोड़ने वाले किसानों को हमने ₹7000 मुआवजा देने का प्रावधान किया है. इसको लेकर एनसीआर के इलाके में 100 हाट स्पॉट चिन्हित किए हैं, जिन्हें ग्रीन स्पॉट बनाया जाएगा.
प्रदेश के 22 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज- इस बार बजट में हमने प्रावधान किया है कि पीडब्ल्यूडी का खर्चा 50 फीसदी नई सड़कें बनाने और 50 फीसदी मरम्मत के लिए खर्च होगा. सभी 22 जिलों में मेडिकल कालेज खोल रहे हैं, जिनसे हर साल 3000 नए डॉक्टर निकलेंगे. नई शिक्षा नीति को लागू करने का लक्ष्य 2030 रखा गया, लेकिन हरियाणा में सरकार 2025 तक ही ये नीति लागू करेंगी. साथ ही, रेवेन्यू का 7 फीसदी लोकल बॉडी को दिया जाएगा. इसके अलावा सोशल आडिट सिस्टम लागू किया जाएगा. समाज के लोगों से सरकारी सिस्टम का आडिट कराएंगे. मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज भी मौजूद रहे.
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