हिसार: नामीबिया से भारत लाये गये चीतों के लिये मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतल हिरण छोड़ने का मामला अब सियासी हो गया है. हरियाणा और राजस्थान का बिश्नोई समाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले का विरोध कर रहा है. चीतल हिरणों को चीतों का भोजन बनाए जाने की खबरों से जीव प्रेमी काफी आहत हैं. बिश्नोई समाज के बड़े नेता कुलदीप बिश्नोई को भी अब आदमपुर के उपचुनाव में ये चिंता सताने लगी है. कुलदीप बिश्नोई को चुनावी मैदान में इसका विरोध झेलना पड़ेगा.
कूनो नेशनल पार्क में चीतल हिरण छोड़ने के मामले पर जहां एक तरफ धरना शुरू हो गया है तो वहीं बिश्नोई समाज के एक शख्स ने आत्मदाह तक करने की धमकी दी है. ऐसे में आदमपुर उपचुनाव के समय मामले को फिर तूल दिया जा सकता है. आदमपुर क्षेत्र में करीब 26 हजार बिश्नोई वोटर है, जो सरकार के इस फैसले से नाराज हैं.
गौरतलब है कि बिश्नोई समाज में कई जगह हिरण को पूजा जाता है और उनकी सुरक्षा करने की परंपरा है. हाल ही में भाजपा में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई भी ट्वीट करके इस निर्णय का विरोध कर चुके हैं. सोशल मीडिया पर भी इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है. वहीं इसको लेकर कुलदीप बिश्नोई से सवाल पूछे जा रहे हैं कि अब इस मामले में वह बीजेपी का साथ देंगे या फिर अपने बिश्नोई समाज का. बिश्नोई समाज के लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री इस प्रकार हिरणों की जान नहीं ले सकते.
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कुलदीप बिश्नोई ने भी इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए अपने फेसबुक पेज पर लिखा है- मेरी केंद्र सरकार से बातचीत हो चुकी है. चीतों को एक भी चीतल हिरण नहीं भेजा गया है. इस तरह के समाचार पूरी तरह से भ्रामक एवं झूठे हैं. मेरा सभी से अनुरोध है कि इस तरह की बेबुनियाद बातों पर विश्वास न करें. जीव सरंक्षण की दिशा में केंद्र सरकार ने बहुत सराहनीय कार्य किए हैं. मेरी केन्द्र सरकार से बात के बाद भोपाल (मध्य प्रदेश) प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जसबीर सिंह ने भी आधिकारिक पुष्टी कर दी है कि किसी भी हिरण या चीतल को नहीं भेजा गया. सभी से मेरा अनुरोध है कि इस मामले में फैलाई जा रही झूठी खबरों से सावधान रहें.
कुलदीप बिश्नोई ने कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी जसबीर सिंह द्वारा जारी किया गया एक लेटर भी दिखाया है. जिसमें लिखा गया है कि सोशल मीडिया व अन्य चैनलों पर कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाये गये चीतों के लिए राजस्थान से चीतल हिरण लाए जाने की खबरें गलत हैं. राजस्थान से कोई भी चीतल हिरण यहां नहीं लाया जाएगा बल्कि कूनो नेशनल पार्क में ही 20 हजार से ज्यादा चीतल हिरण मौजूद हैं. दूसरी जगह से यहां हिरण लाकर छोड़ा जाना एक कल्पना मात्र है.