गुरुग्राम: छठे चरण में हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर कुल 70.30 मतदान हुआ. वहीं गुरुग्राम लोकसभा सीट पर 68.45 प्रतिशत मतदान हुआ. हरियाणा में सबसे कम मतदान फरीदाबाद में और सबसे ज्यादा मतदान सिरसा में हुआ.
गुरुग्राम लोकसभा सीट पर मतदान को लेकर सुबह के समय शहरवासियों में जोश देखने को मिला. इसके बावजूद मत देने के मामले में शहरी वोटर ग्रामीण इलाके के मतदाताओं से पिछड़ गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में 72.14 प्रतिशत मत पड़े थे. इस बार गुरुग्राम में कम मतदान हुआ है.
सुबह में जैसा उत्साह दिखा उससे लगा कि इस बार पिछली बार का रिकॉर्ड टूट जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चुनाव आयोग ने अधिक से अधिक मतदान करवाने के मकसद से कई 'मतदाता जागरुक अभियान' भी चलाए थे लेकिन फिर भी मतदाता घर से बाहर नहीं निकले.
वहीं साइबर सिटी में ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं ने शहरी वोटर्स को पीछे छोड़ते हुए ज्यादा मतदान किया. गुरुग्राम लोकसभा सीट में इस बार नूंह विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 67 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में यहां 77.81 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
सबसे खराब स्थिति बादशाहपुर विधानसभा सीट की रही. यहां 44 फीसदी मतदान हुआ. वोटिंग के रुझान को देखा जाए तो दोपहर 12 से शाम 6 बजे के बीच सबसे अधिक वोटिंग हुई. बावल, गुड़गांव, सोहना, फिरोजपुर झिरका विधानसभा में 60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. इस दौरान कई खामियां भी देखने को मिली. कहीं ईवीएम में दिक्कत हुई तो कई जगह देरी से मतदान शुरू हुआ.
लोकसभा चुनाव: गुरुग्राम में शहरी लोगों को पीछे छोड़ आगे निकले ग्रामीण - loksabha election
हरियाणा में इस बार लोकसभा चुनाव में 2014 के लोकसभा चुनाव से कम मतदान हुआ. वहीं गुरुग्राम में ग्रामीणों ने मतदान करने के मामले में शहरवासियों को पीछे छोड़ दिया.
गुरुग्राम: छठे चरण में हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर कुल 70.30 मतदान हुआ. वहीं गुरुग्राम लोकसभा सीट पर 68.45 प्रतिशत मतदान हुआ. हरियाणा में सबसे कम मतदान फरीदाबाद में और सबसे ज्यादा मतदान सिरसा में हुआ.
गुरुग्राम लोकसभा सीट पर मतदान को लेकर सुबह के समय शहरवासियों में जोश देखने को मिला. इसके बावजूद मत देने के मामले में शहरी वोटर ग्रामीण इलाके के मतदाताओं से पिछड़ गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में 72.14 प्रतिशत मत पड़े थे. इस बार गुरुग्राम में कम मतदान हुआ है.
सुबह में जैसा उत्साह दिखा उससे लगा कि इस बार पिछली बार का रिकॉर्ड टूट जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चुनाव आयोग ने अधिक से अधिक मतदान करवाने के मकसद से कई 'मतदाता जागरुक अभियान' भी चलाए थे लेकिन फिर भी मतदाता घर से बाहर नहीं निकले.
वहीं साइबर सिटी में ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं ने शहरी वोटर्स को पीछे छोड़ते हुए ज्यादा मतदान किया. गुरुग्राम लोकसभा सीट में इस बार नूंह विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 67 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में यहां 77.81 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
सबसे खराब स्थिति बादशाहपुर विधानसभा सीट की रही. यहां 44 फीसदी मतदान हुआ. वोटिंग के रुझान को देखा जाए तो दोपहर 12 से शाम 6 बजे के बीच सबसे अधिक वोटिंग हुई. बावल, गुड़गांव, सोहना, फिरोजपुर झिरका विधानसभा में 60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. इस दौरान कई खामियां भी देखने को मिली. कहीं ईवीएम में दिक्कत हुई तो कई जगह देरी से मतदान शुरू हुआ.
villagers voted more then people of city in gurugram
लोकसभा चुनाव: गुरुग्राम में शहरी वोटर्स को पीछे छोड़ आगे निकले ग्रामीण
गुरुग्राम: छठे चरण में हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर कुल 70.30 मतदान हुआ. वहीं गुरुग्राम लोकसभा सीट पर 68.45 प्रतिशत मतदान हुआ. हरियाणा में सबसे कम मतदान फरीदाबाद में और सबसे ज्यादा मतदान सिरसा में हुआ.
गुरुग्राम लोकसभा सीट पर मतदान को लेकर सुबह के समय शहरवासियों में जोश देखने को मिला. इसके बावजूद मत देने के मामले में शहरी वोटर ग्रामीण इलाके के मतदाताओं से पिछड़ गए. 2014 के लोकसभा चुनाव में 72.14 प्रतिशत मत पड़े थे. इस बार गुरुग्राम में कम मतदान हुआ है.
सुबह में जैसा उत्साह दिखा उससे लगा कि इस बार पिछली बार का रेकॉर्ड टूट जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चुनाव आयोग ने अधिक से अधिक मतदान करवाने के मकसद से कई मतदाता जागरुक अभियान भी चलाए थे लेकिन फिर भी मतदाता घर से बाहर नहीं निकले.
वहीं साइबर सिटी में ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं ने शहरी वोटर्स को पीछे छोड़ते हुए ज्यादा मतदान किया. गुरुग्राम लोकसभी सीट में इस बार नूंह विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 67 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में यहां 77.81 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
सबसे खराब स्थिति बादशाहपुर विधानसभा सीट की रही. यहां 44 फीसदी मतदान हुआ. वोटिंग के रुझान को देखा जाए तो दोपहर 12 से शाम 6 बजे के बीच सबसे अधिक वोटिंग हुई. बावल, गुड़गांव, सोहना, फिरोजपुर झिरका विधानसभा में 60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. इस दौरान कई खामियां भी देखने को मिली. कहीं ईवीएम में दिक्कत हुई तो कई जगह देरी से मतदान शुरू हुआ.
Conclusion: