गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम के मानेसर में मंगलवार को जीएसटी सेमिनार (Seminar on GST in Gurugram) का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में भारत सरकार के अधिकारियों के साथ हरियाणा के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया. सेमिनार के जरिए Goods And Services Tax (GST) में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर से लेकर इसकी अन्य जटिलताओं पर चर्चा की गई. साथ ही एक बुकलेट बनाई गई है जिसमें जीएसटी की प्रक्रिया से लेकर जीएसटी से जुड़ी अन्य चीजें शामिल की गई हैं ताकि अधिकारियों को कोई दिक्कत ना आए.
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि हरियाणा सरकार का प्रयास है कि जीएसटी से होने वाले रेवेन्यू को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए. इसके लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. उसी ट्रेनिंग के लिए ब्रिटिश हाई कमीशन अब हरियाणा का सहयोग करेगा. जिसमें यूनाइटेड किंग्डम से अधिकारी हरियाणा आएंगे और 3-3 दिन के 4 सेमिनार आयोजित करके अधिकारियों को बेहतर ट्रेनिंग देंगे. इसके अलावा हरियाणा सरकार उन देशों से भी सुझाव लेगी जहां जीएसटी को सरल और सफलता पूर्वक लागू किया गया है.
हरियाणा में जीएसटी कलेक्शन कितना है- उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पिछले साल 31 हजार करोड़ का GST हरियाणा ने कलेक्ट किया था. जबकि इस साल यह बढ़कर 35 हजार करोड़ हो गया है. अभी भी हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि इसको बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये किया जाये. दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि GST की चोरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाये. इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जिन लोगों का GST पेंडिंग है या जो लोग जीएसटी समय पर नहीं भर रहे हैं उन पर भी कार्रवाई करें ताकि हरियाणा ज्यादा से ज्यादा जीएसटी के मार्फत रेवेन्यू कलेक्ट कर सके.
गूड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को भारत सरकार ने 1 जुलाई 2017 की आधी रात को लागू किया. संसद की दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में इस फैसले का ऐलान किया गया था. इस कार्यक्रम में रतन टाटा समेत उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियां शामिल रहीं. हलांकि विपक्ष ने सरकार की इस बैठक का बहिष्कार किया था. विपक्ष के मुताबिक इस कानून में कई सुधार की जरूरत है जिसकी वजह से मध्यम और निम्न वर्ग को समस्या होगी. इसकी शुरूआत से अब तक जीएसटी की दरों में कई बार संशोनधन किया जा चुका है.