सोहना: प्रतिबंधित जमीन की रजिस्ट्रियां करने का मामला जब ज्यादा गर्माता है तो तहसीलदार का ट्रांसफर कर मामले को दबा दिया जाता है लेकिन अभी तक सरकार ने कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की जिसका मतलब स्पष्ट दिखता है कि सोहना तहसील में होने वाली अवैध रजिस्ट्रियों से आने वाले काले धन की आवाजाही ऊपर से लेकर नीचे तक की जाती है.
लोगों द्वारा आरटीआई भी लगाई जाती हैं जिनमें अवैध रजिस्ट्रियों के खुलासे भी हो जाते हैं. अधिकारियों और स्थानीय विधायक द्वारा कार्रवाई करने की बात तो जरूर की जाती है लेकिन कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं की जाती.
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ताजा मामला पांच दिन पहले का है. सोहना तहसील में कार्यरत तहसीलदार व नायब तहसीलदार दोनों छुट्टी पर चले गए हैं. उनकी जगह मानेसर के तहसीलदार ने एक दिन के लिए सोहना तहसील का कार्यभार संभाला. बीते वीरवार को विधायक अपने कार्यालय में बैठ कर जनता दरबार लगा रहे थे. वहीं दूसरी ओर एक दिन के लिए सोहना तहसील में आये मानेसर के तहसीलदार प्रतिबंधित जमीन की रजिस्ट्रियां करने में लगे हुए थे.
इस बात को लेकर जब सोहना विधायक कंवर संजय सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि ये बात आप तहसीलदार व डिप्टी कमिश्नर से जाकर पूछो. जब हमारी टीम ने कहा कि आप सोहना के विधायक हैं और आपने कहा था कि सोहना में अवैध रजिस्ट्री करने के लिए तहसीलदार को मना कर दिया है तो विधायक महोदय कहने लगे कि मैं तहसीलदार को ही नहीं आपको भी देखूंगा.
विधायक की इस बात के बाद से तो शायद यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायक महोदय मीडिया द्वारा उठाई जाने वाली आवाज को दबाना चाहते हैं. हालांकि उसके बाद विधायक ने कहा कि मेरी बात डिप्टी कमिश्नर से हो गई है अगर किसी तहसीलदार ने गलत किया होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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