गुरुग्राम: मानसून में डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है. अगर बात सोहना की करें तो यहां हर साल डेंगू और मलेरिया के काफी केस देखने को मिलते हैं. बावजूद इसके प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया था. ईटीवी भारत ने जब खबर को प्रमुखता से दिखाया तब जाकर डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग कुंभकर्णी नींद टूटी. नींद से जागने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को डेंगू और मलेरिया से बचाने के लिए फॉगिंग और पानी जमा होने वाले स्थानों पर दवाई डालनी शुरू कर दी है, ताकि मच्छरों के लारवा को खत्म किया जा सके.
इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव-गांव जाकर बुखार से पीड़ित लोगों के सैंपल ले रही है. इतना ही नहीं बुखार के मरीजों को दवाइयां भी बांट रही है. जिससे ग्रामीण इलाके में तेजी से फेल रहे मलेरिया और डेंगू के मरीजों में कमी आई है.
कुंभकर्णी नींद से जागा प्रशासन
गौरतलब है कि सोहना में डेंगू और मलेरिया के मरीजो के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी तरह की कोई व्यवस्था अस्पताल में नहीं की थी. ना ही फॉगिंग कराई गई थी और ना ही पानी जमा होने वाले स्थानों पर दवाई डलवाई जा रही थी. जिसके चलते ग्रामीण एरिया में डेंगू और मलेरिया के मरीजो में दिनों दिन इजाफा हो रहा था. वहीं नागरिक अस्पताल में किसी तरह के चेकअप और उपचार की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग निजी अस्पतालों में जाकर लूटने के लिए मजबूर हो रहे थे.
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