गुरुग्राम: हाई कोर्ट ने गुरुग्राम शहर के सबसे बड़े और आलीशान एंबिएंस मॉल के निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. आदेश के अनुसार सीबीआई को जांच 6 महीने के भीतर पूरी करने और 3 महीने के भीतर अंतरिम सीलबंद रिपोर्ट सौंपनी होगी.
याचिकाकर्ता डॉ. अमिताभ सेन ने उच्च न्यायालय को बताया कि गुरुग्राम-लीला होटल और एंबिएंस मॉल, हरियाणा-दिल्ली सीमा पर रजोकरी एयरफोर्स स्टेशन के साथ बना हुआ है. इसका काफी क्षेत्र रजोकरी आयुध डिपो के प्रतिबंधित दायरे में भी आता है. इसके बावजूद भी सरकारी तंत्र के साथ सांठगांठ कर एम्बिएंस मॉल का निर्माण किया गया. करीब 65 एकड़ जमीन पर कमर्शियल और रिहायशी प्रोजेक्ट बनाए गए हैं.
याचिका में बताया गया है कि 20 फरवरी 1992 को एचएलएफ इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 19 एकड़ जमीन पर ग्रुप हाउसिंग और 4 एकड़ जमीन पर होटल के निर्माण का लाइसेंस का आवेदन किया. रजोकरी आयुध प्रतिबंधित क्षेत्र होने के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर 1993 में ग्रुप हाउसिंग और होटल निर्माण के लिए लाइसेंस दे दिया गया.
2001 में इस कंपनी ने 106 एकड़ जमीन पर लाइसेंस लेने के लिए आवेदन किया. तत्कालीन सरकार ने इस पर भी लाइसेंस दे दिया. राष्ट्रीय राजमार्ग से कनेक्टिविटी नहीं होने के बाद भी लाइसेंस दिया गया. जानकारी के मुताबिक लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय कई तथ्यों को छुपाया गया. लाइसेंस के लिए 25 मीटर की सड़क होना जरूरी था. जबकि 18 मीटर के रास्ते पर ही लाइसेंस दे दिया गया. इस जमीन में काफी हिस्सा वन क्षेत्र भी था. साल 1992 के केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक इस जमीन पर कोई निर्माण नहीं हो सकता. वन मंत्रालय की बिना अनुमति के ही इस जमीन पर निर्माण कर दिया गया. इस सब तथ्यों को ध्यान में रख कर हाई कोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं.
ये भी पढ़ें- शराब घोटाला: शराब ठेकेदार भूपेंद्र के फरार भाई पर 5 हजार का इनाम घोषित