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गुरुग्राम लोकसभा सीट: हावी रहेगा जातीय समीकरण, देखिए पूरी रिपोर्ट

पिछले पांच सालों में सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र की कितनी सूरत बदली और जनता अपने सांसद के कार्यों से खुश है या नहीं ये जानने के लिए देखिये गुरुग्राम लोकसभा सीट से हमारी खास रिपोर्ट.

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Published : Apr 10, 2019, 6:49 PM IST

Updated : Apr 10, 2019, 11:30 PM IST

गुरुग्राम: देश के सबसे बड़े त्यौहार यानि लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. सभी नेता अपने क्षेत्र की जनता को लुभाने का काम कर रहे हैं.

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पिछले पांच सालों में सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र की कितनी सूरत बदली और जनता अपने सांसद के कार्यों से खुश है या नहीं ये जानने के लिए देखिये गुरुग्राम लोकसभा सीट से हमारी खास रिपोर्ट.

फाइल फोटो.
फाइल फोटो.

मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत का सफर

राव इंद्रजीत 2005 से लेकर अब तक सांसद हैं. 2009 से 2014 तक कांग्रेस के सांसद रहते हुए अपनी ही सरकार पर गुरुग्राम लोकसभा में विकास के नाम पर भेदभाव करने के आरोप लगाए. उसके बाद इंद्रजीत ने हरियाणा इंसाफ मंच पार्टी बनाई. 2014 में राव इंद्रजीत बीजेपी ज्वाइन कर गुरुग्राम लोकसभा से चुनाव लड़कर फिर सांसद बने और उसके बाद उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया.

गुरुग्राम लोकसभा में मतदाता

  • करीब 21 लाख
    कांसेप्ट इमेज.
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गुरुग्राम लोकसभा पर हावी रहता है जातिगत समीकरण

लोकसभा चुनाव में अहीर व मेव मतदाता बड़ा फैक्टर बनते हैं. गुरुग्राम लोकसभा सीट में 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जातिगत समीकरणों के हिसाब से गुरुग्राम में सबसे अधिक अहीर मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर मेव मतदाताओं की संख्या हैं. इसके बाद दलित, सैनी, पंजाबी, जाट, ब्राह्मण, बनिया, राजपूत, गुर्जर समुदाय के मतदाता हैं.

फाइल फोटो.
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तीन हिस्सों में बंटा है गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र

  • गुरुग्राम जिला- गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना और पटौदी विधानसभा क्षेत्र जिले से आते हैं. बादशाहपुर और गुरुग्राम विधानसभाओं में करीब 6.5 लाख वोट हैं. इन दोनों क्षेत्रों में बाहरी मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है. गुरुग्राम विधानसभा की बात करें, तो यहां पंजाबी वोट की संख्या अच्छी-खासी है. बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में अहीर, जाट अधिक हैं. वहीं सोहना व पटौदी विधानसभा क्षेत्रों में मेव, गुर्जर, राजपूत व अहीर मतदाता अधिक हैं. पटौदी विधानसभा क्षेत्र को मौजूदा सांसद का गढ़ माना जाता है.
  • नूंह जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र- नूंह जिले के 3 विधानसभा क्षेत्र नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका हैं. करीब 6 लाख मतदाता हैं. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते सबसे अधिक मतदाता अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. यहां कांग्रेस हमेशा से ही मजबूत दावेदार के रूप में रही है.
  • रेवाड़ी व बावल विधानसभा क्षेत्र- इन दो विधानसभा क्षेत्रों में करीब 3 लाख मतदाता हैं. रेवाड़ी में अहीर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. तो वहीं बावल विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यहां से अक्सर अहीर मतदाता ही भारी पड़ते हैं.
    फाइल फोटो.
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2014 लोकसभा चुनाव का परिणाम

  • राव इंद्रजीत सिंह (BJP)- 6,44,780 वोट
  • जाकिर हुसैन (INLD)- 3,70,058 वोट
  • जीत का अंतर- 2,74,722
    फाइल फोटो.
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कब कौन बना यहां से सांसद

  • 2014 - राव इन्द्रजीत सिंह - बीजेपी
  • 2009 - राव इन्द्रजीत सिंह - कांग्रेस
  • 1971 - तैयब हुसैन - कांग्रेस
  • 1967- ए गनी - निर्दलीय
  • 1962 -गजराज सिंह - कांग्रेस
  • 1957 - मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद - कांग्रेस
  • 1952 - ठाकर दास - कांग्रेस
    कांसेप्ट इमेज.
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गुरु द्रोणाचार्य का गांव गुड़गांव

गुरुग्राम हरियाणा का छठा सबसे बड़ा शहर है. हरियाणा का ओद्योगिक और वितीय केंद्र है. गुरुग्राम, गुरु द्रोणाचार्य का गांव है. यहीं पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी थी. यहां शीतला माता का मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है.

गुरुग्राम: देश के सबसे बड़े त्यौहार यानि लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. सभी नेता अपने क्षेत्र की जनता को लुभाने का काम कर रहे हैं.

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पिछले पांच सालों में सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र की कितनी सूरत बदली और जनता अपने सांसद के कार्यों से खुश है या नहीं ये जानने के लिए देखिये गुरुग्राम लोकसभा सीट से हमारी खास रिपोर्ट.

फाइल फोटो.
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मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत का सफर

राव इंद्रजीत 2005 से लेकर अब तक सांसद हैं. 2009 से 2014 तक कांग्रेस के सांसद रहते हुए अपनी ही सरकार पर गुरुग्राम लोकसभा में विकास के नाम पर भेदभाव करने के आरोप लगाए. उसके बाद इंद्रजीत ने हरियाणा इंसाफ मंच पार्टी बनाई. 2014 में राव इंद्रजीत बीजेपी ज्वाइन कर गुरुग्राम लोकसभा से चुनाव लड़कर फिर सांसद बने और उसके बाद उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया.

गुरुग्राम लोकसभा में मतदाता

  • करीब 21 लाख
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गुरुग्राम लोकसभा पर हावी रहता है जातिगत समीकरण

लोकसभा चुनाव में अहीर व मेव मतदाता बड़ा फैक्टर बनते हैं. गुरुग्राम लोकसभा सीट में 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जातिगत समीकरणों के हिसाब से गुरुग्राम में सबसे अधिक अहीर मतदाता हैं. दूसरे नंबर पर मेव मतदाताओं की संख्या हैं. इसके बाद दलित, सैनी, पंजाबी, जाट, ब्राह्मण, बनिया, राजपूत, गुर्जर समुदाय के मतदाता हैं.

फाइल फोटो.
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तीन हिस्सों में बंटा है गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र

  • गुरुग्राम जिला- गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना और पटौदी विधानसभा क्षेत्र जिले से आते हैं. बादशाहपुर और गुरुग्राम विधानसभाओं में करीब 6.5 लाख वोट हैं. इन दोनों क्षेत्रों में बाहरी मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है. गुरुग्राम विधानसभा की बात करें, तो यहां पंजाबी वोट की संख्या अच्छी-खासी है. बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में अहीर, जाट अधिक हैं. वहीं सोहना व पटौदी विधानसभा क्षेत्रों में मेव, गुर्जर, राजपूत व अहीर मतदाता अधिक हैं. पटौदी विधानसभा क्षेत्र को मौजूदा सांसद का गढ़ माना जाता है.
  • नूंह जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र- नूंह जिले के 3 विधानसभा क्षेत्र नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका हैं. करीब 6 लाख मतदाता हैं. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते सबसे अधिक मतदाता अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. यहां कांग्रेस हमेशा से ही मजबूत दावेदार के रूप में रही है.
  • रेवाड़ी व बावल विधानसभा क्षेत्र- इन दो विधानसभा क्षेत्रों में करीब 3 लाख मतदाता हैं. रेवाड़ी में अहीर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. तो वहीं बावल विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यहां से अक्सर अहीर मतदाता ही भारी पड़ते हैं.
    फाइल फोटो.
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2014 लोकसभा चुनाव का परिणाम

  • राव इंद्रजीत सिंह (BJP)- 6,44,780 वोट
  • जाकिर हुसैन (INLD)- 3,70,058 वोट
  • जीत का अंतर- 2,74,722
    फाइल फोटो.
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कब कौन बना यहां से सांसद

  • 2014 - राव इन्द्रजीत सिंह - बीजेपी
  • 2009 - राव इन्द्रजीत सिंह - कांग्रेस
  • 1971 - तैयब हुसैन - कांग्रेस
  • 1967- ए गनी - निर्दलीय
  • 1962 -गजराज सिंह - कांग्रेस
  • 1957 - मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद - कांग्रेस
  • 1952 - ठाकर दास - कांग्रेस
    कांसेप्ट इमेज.
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गुरु द्रोणाचार्य का गांव गुड़गांव

गुरुग्राम हरियाणा का छठा सबसे बड़ा शहर है. हरियाणा का ओद्योगिक और वितीय केंद्र है. गुरुग्राम, गुरु द्रोणाचार्य का गांव है. यहीं पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी थी. यहां शीतला माता का मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है.

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गुरुग्राम लोकसभा सीट: हावी रहेगा जातीय समीकरण, पढ़िए पूरी रिपोर्ट





गुरुग्राम: देश के सबसे बड़े त्यौहार यानि लोकसभा चुनाव को लेकर शंखनाद हो चुका है. सभी नेता अपने क्षेत्र की जनता को लुभाने का काम कर रहे हैं. पिछले पांच सालों में सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र की कितनी सूरत बदली और जनता अपने सांसद के कार्यों से खुश है या नहीं ये जानने के लिए देखिये गुरुग्राम लोकसभा सीट से हमारी खास रिपोर्ट.



मौजूदा सांसद राव इंद्रजीत का सफर 

राव इंद्रजीत 2005 से लेकर अब तक सांसद हैं. 2009 से 2014 तक कांग्रेस के सांसद रहते हुए अपनी ही सरकार पर गुरुग्राम लोकसभा में विकास के नाम पर भेदभाव करने के आरोप लगाए. उसके बाद इंद्रजीत ने लोगों के हित में हरियाणा इंसाफ मंच पार्टी बनाई. 2014 में राव इंद्रजीत बीजेपी ज्वाइन कर गुरुग्राम लोकसभा से चुनाव लड़कर फिर सांसद बने और उसके बाद उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया. 



गुरुग्राम लोकसभा में मतदाता

करीब 21 लाख 

                                                                

गुरुग्राम लोकसभा पर हावी रहता है जातिगत समीकरण



लोकसभा चुनाव में अहीर व मेव मतदाता बनते हैं जीत फैक्टर

गुरुग्राम लोकसभा सीट में 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. 

जातिगत समीकरणों के हिसाब से गुरुग्राम में सबसे अधिक अहीर मतदाता हैं. 

दूसरे नंबर पर मेव मतदाताओं की संख्या हैं. 

इसके बाद दलित, सैनी, पंजाबी, जाट, ब्राह्मण, बनिया, राजपूत, गुर्जर समुदाय के मतदाता हैं. 





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तीन हिस्सों में बंटा हैं गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र



नूंह जिले की तीनों सीटें (नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका) मेव बाहुल्य क्षेत्र हैं.

वहीं, गुरुग्राम व बादशाहपुर दो विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां बाहरी मतदाताओं की संख्या अधिक हैं. सोहना विधानसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां गुर्जर, मेव, राजपूत व अहीर मतदाता अपनी-अपनी भूमिका अदा करते है. पटौदी में अहीर मतदाताओं की तादाद ज्यादा हैं.

इसके अलावा रेवाड़ी व बावल क्षेत्र में भी अहीर मतदाताओं की तादाद ज्यादा हैं.



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गुरुग्राम व बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र



इन दोनों विधानसभाओं में करीब 6.5 लाख वोट हैं. 

इन दोनों क्षेत्रों में बाहरी मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है. 

गुरुग्राम विधानसभा की बात करें, तो यहां पंजाबी वोट की संख्या अच्छी-खासी है.

बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में अहीर, जाट अधिक हैं.





सोहना व पटौदी विधानसभा क्षेत्र

इन विधानसभा क्षेत्रों में मेव, गुर्जर, राजपूत व अहीर मतदाता अधिक हैं. 

पटौदी विधानसभा क्षेत्र को मौजूदा सांसद का गढ़ माना जाता है. 





नूंह जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र

नूंह जिले के 3 विधानसभा क्षेत्र नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका हैं.

करीब 6 लाख मतदाता हैं.

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र- सबसे अधिक मतदाता अल्पसंख्यक समुदाय से. 

यहां कांग्रेस मजबूत दावेदार के रूप में रही है. 





रेवाड़ी व बावल विधानसभा क्षेत्र

इन दो विधानसभा क्षेत्रों में करीब 3 लाख मतदाता हैं. 

रेवाड़ी में अहीर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. 

बावल विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या ज्यादा.

यहां से अक्सर अहीर मतदाता ही भारी पड़ते हैं.



2014 लोकसभा चुनाव का परिणाम



राव इंद्रजीत सिंह (BJP)- 6,44,780 वोट

जाकिर हुसैन (INLD)- 3,70,058 वोट

जीत का अंतर-  2,74,722





कब कौन बना यहां से सांसद

2014 - राव इन्द्रजीत सिंह -  बीजेपी  

2009 - राव इन्द्रजीत सिंह - कांग्रेस  

1971 - तैयब हुसैन - कांग्रेस  

1967- ए गनी -  निर्दलीय  

1962 -गजराज सिंह - कांग्रेस  

1957 - मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद - कांग्रेस  

1952 - ठाकर दास - कांग्रेस  





गुरु द्रोणाचार्य गांव गुड़गांव 

गुरुग्राम हरियाणा का छठा सबसे बड़ा शहर है. 

हरियाणा का ओद्योगिक और वितीय केंद्र है. 

गुरुग्राम, गुरु द्रोणाचार्य का गांव है. 

यहीं पर गुरु द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को शिक्षा दी थी. 

इसकी स्थापना 15 अगस्त 1979 ई. को की गई थी. 

यहां शीतला माता का मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है. 


Conclusion:
Last Updated : Apr 10, 2019, 11:30 PM IST
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