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गुरुग्राम: फर्जी आईपीएस गिरफ्तार, वर्दी का रौब दिखाकर करता था ठगी

गुरुग्राम पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया है. आरोपी गौरव मिश्रा पर प्लॉट दिलाने के नाम पर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप हैं. फिलहाल पुलिस इस नकली आईपीएस से पूछताछ कर रही है.

fake ips haryana
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Published : Sep 7, 2019, 4:58 PM IST

Updated : Sep 7, 2019, 5:41 PM IST

गुरुग्राम: आईपीएस ऑफिसर की तरह दमकती वर्दी और किसी के कंधे पर अशोक स्तंभ जैसे सितारे देखकर कोई भी आसानी से धोखा खा सकता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है गुरुग्राम से. अपने आपको आईपीएस बताकर प्लॉट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोपी ग्रेटर नोएडा निवासी फर्जी आईपीएस गौरव मिश्रा पुलिस के हथे चढ़ा है.

गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया, सुनिए एसीपी का बयान.

खुद का आईपीएस बता करता था धोखाधड़ी
आरोपी को खेड़कीदौला थाना पुलिस ने बृहस्पतिवार को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया है. उसे 4 सितंबर को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी आजकल घरेलू सामान की होम डिलीवरी का काम करता है. उसके खिलाफ गुरुग्राम के साथ ही नोएडा एवं हापुड़ में प्लॉट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के कुल पांच मामले दर्ज हैं.

आरोपी गौरव मिश्रा बीटेक करने के बाद निजी कंपनी में नौकरी करता था. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में वह अपने साथियों के साथ फर्जी आईपीएस बनकर ठगी करने लगा. आरोपी ने इंटरनेट की मदद से आईपीएस के हावभाव की ट्रेनिंग ली. इसके बाद आईपीएस की वर्दी की व्यवस्था कर पांच वारदातों को अंजाम दिया.

क्या है पूरा मामला?
8 सितंबर 2018 को सेक्टर-82 निवासी लोकेश शर्मा ने खेड़कीदौला थाने में शिकायत दी थी कि गौरव मिश्रा उनके साथ वर्ष 2009 में रुद्रपुर स्थित एक कंपनी में काम करता था. 2014 में दीपावली के दौरान उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति ने फोन किया. उसने अपना नाम आरके सिंह और खुद को इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि उनसे आईपीएस साहब गौरव मिश्रा बात करना चाहते हैं.

बातचीत में गौरव ने कहा कि उसने कंपनी छोड़ने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की और सफल हो गया. वर्ष 2012 बैच का आईपीएस है. अभी दिल्ली हेडक्वार्टर में कार्यरत है. इसके बाद वह उनके घर आया. उसके पास रिवाल्वर भी थी, जिसकी कीमत लगभग दस लाख रुपये बताई.

इसके बाद गौरव ने उन्हें मिलने के लिए एमजी रोड स्थित एक बार में बुलाया. वहां पर वह अपने पीआरओ आरके सिंह को साथ लेकर आया. आरके सिंह पुलिस यूनिफार्म में था. गौरव ने बताया कि उसकी शादी उसके ही बैच की आईपीएस अनिकेता से हुई है. अनिकेता हरियाणा कैडर की अधिकारी है. बातचीत के दौरान ही उसने कहा कि ग्रेटर नोएडा में वह 100 वर्ग गज का एक प्लॉट 15 लाख रुपये में दिलवा सकता है.

बात फाइनल होने पर लोकेश ने गौरव मिश्रा को एडवांस के रूप में 9 लाख रुपये दे दिए. बाकी रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ. इसके बाद गौरव को कई बार फोन करके प्लॉट दिलवाने या फिर उनके पैसे वापस करने की प्रार्थना की लेकिन वह कभी विदेश जाने की बात तो कभी अपने स्थानांतरण की बात करके लोकेश को अनसुना करता रहा.

जब गौरव व उसकी पत्नी ने फोन उठाना बंद कर दिया तब लोकेश गौरव से मिलने के लिए उनके स्थाई निवास पर अनेकों बार गया लेकिन गौरव मिलने नहीं आया. फिर न ही रजिस्ट्री कराई और न ही उधार के पैसे लौटाए. शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर खेड़कीदौला थाना पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी. एसीपी शमशेर सिंह ने बताया कि आरोपी नकली आईपीएस ने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है और पहले भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है. इसका साथी अभी भी जेल में है. ऐसे में पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है और पुलिस को उम्मीद है कि इससे और भी खुलासे हो सकते हैं.

गुरुग्राम: आईपीएस ऑफिसर की तरह दमकती वर्दी और किसी के कंधे पर अशोक स्तंभ जैसे सितारे देखकर कोई भी आसानी से धोखा खा सकता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है गुरुग्राम से. अपने आपको आईपीएस बताकर प्लॉट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोपी ग्रेटर नोएडा निवासी फर्जी आईपीएस गौरव मिश्रा पुलिस के हथे चढ़ा है.

गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया, सुनिए एसीपी का बयान.

खुद का आईपीएस बता करता था धोखाधड़ी
आरोपी को खेड़कीदौला थाना पुलिस ने बृहस्पतिवार को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया है. उसे 4 सितंबर को नोएडा से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी आजकल घरेलू सामान की होम डिलीवरी का काम करता है. उसके खिलाफ गुरुग्राम के साथ ही नोएडा एवं हापुड़ में प्लॉट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने के कुल पांच मामले दर्ज हैं.

आरोपी गौरव मिश्रा बीटेक करने के बाद निजी कंपनी में नौकरी करता था. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में वह अपने साथियों के साथ फर्जी आईपीएस बनकर ठगी करने लगा. आरोपी ने इंटरनेट की मदद से आईपीएस के हावभाव की ट्रेनिंग ली. इसके बाद आईपीएस की वर्दी की व्यवस्था कर पांच वारदातों को अंजाम दिया.

क्या है पूरा मामला?
8 सितंबर 2018 को सेक्टर-82 निवासी लोकेश शर्मा ने खेड़कीदौला थाने में शिकायत दी थी कि गौरव मिश्रा उनके साथ वर्ष 2009 में रुद्रपुर स्थित एक कंपनी में काम करता था. 2014 में दीपावली के दौरान उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति ने फोन किया. उसने अपना नाम आरके सिंह और खुद को इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि उनसे आईपीएस साहब गौरव मिश्रा बात करना चाहते हैं.

बातचीत में गौरव ने कहा कि उसने कंपनी छोड़ने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की और सफल हो गया. वर्ष 2012 बैच का आईपीएस है. अभी दिल्ली हेडक्वार्टर में कार्यरत है. इसके बाद वह उनके घर आया. उसके पास रिवाल्वर भी थी, जिसकी कीमत लगभग दस लाख रुपये बताई.

इसके बाद गौरव ने उन्हें मिलने के लिए एमजी रोड स्थित एक बार में बुलाया. वहां पर वह अपने पीआरओ आरके सिंह को साथ लेकर आया. आरके सिंह पुलिस यूनिफार्म में था. गौरव ने बताया कि उसकी शादी उसके ही बैच की आईपीएस अनिकेता से हुई है. अनिकेता हरियाणा कैडर की अधिकारी है. बातचीत के दौरान ही उसने कहा कि ग्रेटर नोएडा में वह 100 वर्ग गज का एक प्लॉट 15 लाख रुपये में दिलवा सकता है.

बात फाइनल होने पर लोकेश ने गौरव मिश्रा को एडवांस के रूप में 9 लाख रुपये दे दिए. बाकी रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ. इसके बाद गौरव को कई बार फोन करके प्लॉट दिलवाने या फिर उनके पैसे वापस करने की प्रार्थना की लेकिन वह कभी विदेश जाने की बात तो कभी अपने स्थानांतरण की बात करके लोकेश को अनसुना करता रहा.

जब गौरव व उसकी पत्नी ने फोन उठाना बंद कर दिया तब लोकेश गौरव से मिलने के लिए उनके स्थाई निवास पर अनेकों बार गया लेकिन गौरव मिलने नहीं आया. फिर न ही रजिस्ट्री कराई और न ही उधार के पैसे लौटाए. शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर खेड़कीदौला थाना पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी. एसीपी शमशेर सिंह ने बताया कि आरोपी नकली आईपीएस ने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है और पहले भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है. इसका साथी अभी भी जेल में है. ऐसे में पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है और पुलिस को उम्मीद है कि इससे और भी खुलासे हो सकते हैं.

Intro:असली IPS के सामने नकली IPS
पुलिस गिरफ्त में फर्जी आईपीएस
सर्विस रिवाल्वर,गार्ड,और लग्जरी गाड़ी का दिखाता था रॉब।
एनआईए हेडक्वार्टर में तैनाती का हवाला देकर करता था ठगी।
धोखाधड़ी के आरोप में खेड़की दौला पुलिस ने किया गिरफ्तार।
Body:इंडियन पुलिस सर्विस यानी आइपीएस ऑफिसर की तरह दमकती वर्दी और कंधे पर अशोक स्तंभ जैसे सितारे देख कर कोई भी आसानी से धोखा खा सकता है ..........एक आईपीएस की रॉब की दास्तान में वर्दी और सितारे ही नही बल्कि वर्दी में सुरक्षा कर्मी लाल बत्ती की गाड़ी और सर्विस रिवाल्वर भी शामिल है.......इस शक्श को देख कर असली आईपीएस अधिकारी भी सहम जाए .....कुछ ऐसा रुतबा था ......लेकिन कहते है न कि सचाई छुप नही सकती बनावट की उसूलो से.....ठीक वैसे ही इस शक्श के मुखौटे भी परत दर परत खुल गए........गुरुग्राम पुलिस के गिरफ्त में आए इस शक्श का नाम गौरव मिश्रा है और ये ग्रेटर नोएडा के रहने वाला है....आरोपी पहले ग्रोसरी का होम डिलीवरी करता था और पिछले कुछ सालों से ठगी के कारोबार में शामिल था। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।

बाइट=शमशेर सिंह ,एसीपी,गुरुग्राम पुलिस

जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता लोकेश शर्मा जो सेक्टर -82, गुरुग्राम में रहता है ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर बतलाया कि गौरव मिश्रा जो कि इसके साथ वर्ष 2009 में कंपनी थाई सुनील ऑटो रुद्रपुर में कार्य करता था। सन् 2014 दीपावली के समय इसके मोबाईल पर फोन आया जिसने अपने आप को इंस्पेक्टर आर. के. सिंह बतलाया और जय हिंद संबोधित करते हुए कहने लगा कि IPS साहब श्री गौरव मिश्रा जी बात करना चाहते हैं बातचीत में श्री गौरव ने बताया कि 2001 में कंपनी छोड़ने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी करने के बाद वो सफल हुएऔर 2012 बैच के IPS बने तथा वर्तमान में आई. एन. ए. हेड क्वार्टर दिल्ली में कार्यरत है। उसके बाद गौरव के फोन लगातार आने लगा तथा वह आर के सिंह साथ दो बार लाल बत्ती की गाड़ी में इसके घर पर भी आए तथा हर बार वह अपनी सर्विस रिवाल्वर भी साथ लाए श्री गौरव ने बताया कि वो रिवाल्वर जिसकी कीमत करीब दस लाख रुपये है उन्हें ट्रेनिंग पूरी होने पर गृह मन्त्री ने दी है। इस दौरान गौरव ने एक बार इसे मिलने के लिए गुडगाँवा MG रोड स्थित वेपर बार में बुलाया और वह अपने पी.आर.ओ. श्री आर के सिंह के साथ आए श्री आर. के. सिंह यू.पी. पुलिस के दरोगा की यूनिफार्म में थे और श्री गौरव पुलिस के जूते पहने हुए थे इनकी बातचीत के दौरान गौरव ने अपने रीवाल्वर मेज पर रखी हुई थी बिल पेमेंट के दौरान गौरव ने अटेंडेंट से कहा कि बिल में डिस्काउंट के लिए क्या यहां की डी.एस.पी. को फोन करूं जिस पर इसने फोन के लिए यह कहते हुए मना कर दिया कि बिल ये पे कर देगा और 2-4 हजार के लिए DSP को क्यों फोन किया जाए। गौरव ने बताया कि अपने बैच की आई.ए.एस. अधिकारी श्रीमती अनिकेता से उसकी शादी हुई है तथा श्रीमती अनिकेता जोकि हरियाणा कैडर के अधिकारी है एवं मोहाली में कार्यरत है फोन पर जब गौरव ने श्रीमती अनिकेता से बात करवाई तो उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की उन दिनों श्रीमती अनिकेता से कई बार बात हुई बातचीत के दौरान श्रीमती अनिकेता ने कहा कि हरियाणा भास्कर मोहाली से संबंधित कोई भी काम हो तो वह मदद के लिए तैयार हैं। इसी दौरान गौरव का परिचय इसके दोस्त श्री नसीब सिँह से हुआ तथा गौरव ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में सोसाइटी गोल्फ लिंक-1 जिसमें कि गौरव की पत्नी श्रीमती अनिकेत मिश्रा तथा साला श्री आशुतोष राठी निवासी एच. 271, बीता-1 ग्रेटर नोएडा पार्टनर है एक प्लाट रक्बा 100 वर्ग गज कीमत 1500000 रुपए (पन्द्रह लाख रुपये) में दिलवा सकता है। गौरव एवं श्री नसिब के बीच सहमति होने पर गौरव ने श्री नसीब को प्लाट दिलवाने के लिए श्री नसीब के साथ एक करार किया जिसके तहत ₹900000 एन.ई.एफ.टी./नगद के माध्यम से देना तय हुआ तथा शेष ₹600000 रजिस्ट्री के समय देना तय हुआ था। उपरोक्त प्लाट की के लिए जो कि दिनांक 23.06.2015 को मुबलिक 499500/-रूपये (4 लाख निन्यानवे हजार पाँच सो रूपये) व दिनांक 24.06.2015 को मुबलिक 100000/-रूपये (एक लाख रूपये) गौरव मिश्रा के साले के खाता संख्या 15174422471 बैंक HDFC ग्रेटर नोएडा में एनईएफटी के द्वारा जमा करवाए गए। इसके दोस्त नसीब सिंह के उधार मांगने पर इसने अपनी पत्नी श्रीमती सारिका शर्मा के अकाउंट से गौरव मिश्रा की पत्नी श्रीमती अनिकेता मिश्रा के खाता संख्या 5010007254111 Bank HDFC IFSC 00027 डी. अल्फा वन ग्रेटर नोएडा में दिनांक 07.09.2015 को 100000 रूपये (एक लाख रूपये) एन.ई.एफ.टी के माध्यम से जमा करवाए। गौरव ने वायदा किया कि 9 लाख रूपय मिलने के 2 महिने के अंदर श्री नसीब को प्लाट दिलवा दिया जाएगा। गौरव मिश्रा के बार-बार फोन करने पर तथा मेरे मित्र नसीब सिंह के आग्रह पर इसने अपने रिश्तेदारों से उधार लेकर 200000 रूपये (दो लाख नगद) श्री नसीब एवं श्रीमती सारिका की उपस्थिति में गौरव को दिनांक 24.10.2015 को नगद दिए दिनांक 25.11.2015 को गौरव का फोन आया और कहा कि 100000 रूपये जो कि उनकी अधिकारी पत्नी के खाते में जमा किए गए है वह उनको नगद चाहिए क्योंकि एक अधिकारी होने के कारण उनकी पत्नी को कोई समस्या ना हो इसलिए वो 100000 रू उसी खाते में जमा करेंगे जिससे श्रीमती अनिकेत के खाते में जमा हुए थे तथा अपने पी.आर.ओ. श्री सत्येंद्र को भेजकर नगद मंगा लेंगे और कहे अनुसार दिनांक 26.11.2015 को 100000 रूपये एक लाख रूपये श्रीमती सारिका के खाते में जमा करवा दिए। दिनांक 27.11.2017 को इसके पास गौरव का फोन आया तथा अपने पी.आर.ओ. श्री सत्येंद्र को भेजने की बात बताई इसने श्री सत्येंद्र को 100000 रूपये (एक लाख रूपये) देकर गौरव को सूचित कर दिया इसके पश्चात इसने गौरव को अनेको बार फोन करके श्री नसीब को प्लाट दिलवाने है या फिर उनके पैसे वापस करने की प्रार्थना की परंतु वह कभी विदेश जाने की बात तो कभी अपने स्थानांतरण की बात करके इसके निवेदन को अनसुना करता रहा व फोन पर वार्तालाप एवं संदेशों के माध्यम से गौरव ने पैसे लौटाने की बात की जिसके सभी साक्ष्य इसके पास मौजूद है जब गौरव व उनकी पत्नी ने फोन उठाना बंद कर दिया तब इसने अपनी पत्नी के साथ गौरव से मिलने के लिए उनके स्थाई निवास मकान पर अनेकों बार गया परन्तु शुरु में गौरव घर में मौजूद होने पर भी हमसे मिलने नहीं आया तथा बाद में मिलने पर मेरे तथा इसकी पत्नी के साथ अभद्रता की इस बात के गवाह इसके छोटे बच्चे भी हैं। गौरव ने इन्हे धमकी दी कि भविष्य में यदि पैसे को लेकर उससे कोई भी संपर्क करने की कोशिश की तो इसकी पत्नी एवं बच्चों के लिए अच्छा नहीं होगा। गौरव की धमकी पर संज्ञान लेते हुए इसके परिवार की रक्षा करें व इसके दोस्त श्री नसीब द्वारा दिए गए पैसे ब्याज सहित वापस दिलवाने की कृपा करें।इस शिकायत पर थाना खेङकी दौला, गुरुग्राम में अभियोग संख्या 294 दिनांक 08.09.2018 धारा 406.420,120B IPC के तहत अंकित किया गया।

बाइट=शमशेर सिंह,एसीपी,गुरुग्राम पुलिसConclusion:आरोपी पहले भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है और इसका साथी अभी भी जेल में है ऐसे में पुलिस आरोपी से सघन पूछताछ कर रही है ऐसे में पुलिस को उम्मीद है कि इससे और भी खुलासे हो सकते है ।
Last Updated : Sep 7, 2019, 5:41 PM IST
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