फरीदाबाद: केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा में स्वच्छता के बड़े-बड़े दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है. फरीदाबाद के जलाहका गांव में जलभराव के कारण लोगों के घरों में गंदा पानी घुसने से लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. गंदे पानी के कारण जहां कई लोग बीमारियों से ग्रस्त हो चुके हैं, तो वहीं बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो (Waterlogging Problem in Jalhaka village) रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि इतनी गंदगी की वजह से पूरे गांव में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है. लोगों को डेंगू का खतरा सताने लगा है, लेकिन उनकी ओर ना स्वास्थ्य विभाग ध्यान दे रहा है ना ही प्रशासन. गांव में पानी की निकासी नहीं हो पा रही है और सारा पानी घरों और गलियों में भर गया (Waterlogging Problem in Faridabad) है. वहीं लोग ग्राम पंचायत की व्यस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ग्राम पंचायत ने उनके हित में कोई काम नहीं किया है. इतने लंबे वक्त से वो परेशानियां झेल रहे हैं, लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है. यहां ज्यादातर लोग गरीब परिवारों से आते हैं, ऐसे में इलाज के अभाव में कुछ लोगों की जान जाने से इनकार नहीं किया जा सकता. वहीं महिलाओं का कहना है कि वह अपने घरेलू कामों को करने के लिए भारी परेशानियों का सामना कर रही हैं. उनके पैरों में गंदे पानी में घुसने से घाव हो गए हैं.
लगातार बीमार होने का खतरा बना हुआ है. बच्चों को कंधों पर बैठाकर स्कूल छोड़कर आती है. वहीं पशुओं के लिए चारा डालने के लिए इसी गंदे पानी से होकर जाना पड़ता है. उनका कहना है कि वे कई बार इस समस्या को लेकर अधिकारियों और नेताओं से शिकायत कर चुके हैं. इसके अलावा सीएम विंडो पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक इसका कोई भी हल नहीं निकल पाया है और यही कारण है कि यहां पर ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को मजबूर है. ऐसे में एक बार फिर ग्रामीणों ने सरकार से समस्या के समाधान की गुहार लगाई है.
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