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फरीदाबाद में जलभराव: तालाब में तब्दील सड़कें, पानी में बहे स्मार्ट सिटी के सपने

फरीदाबाद में जलभराव होने से सड़कें तालाब का रूप ले चुकी हैं. आलम यह है कि पैदल चलने वाले लोगों को तो परेशानी हो ही रही है साथ ही वाहन चालकों को भी सड़कों में गाड़ी चलाना मुश्किल हो रहा है.

water logging problem in faridabad
पानी में बहे स्मार्ट सिटी के सपने
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Published : Oct 8, 2022, 5:04 PM IST

फरीदाबाद: एक दिन की बारिश और पूरे जिले में तालाब जैसा नजारा अमूमन यही स्थिति रहती है बारिश के बाद फरीदाबाद की. फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी (Waterlogging in Smart City Faridabad) का नाम तो दे दिया गया, लेकिन स्मार्टनेस कहीं गायब हो गई है. यही वजह है कि बारिश के बाद लोग अपने घरों से नहीं निकल पाते. मजबूरन जब लोग घरों से निकलते भी हैं तो उन्हें सड़कों में बह रहे सीवर क गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है.

बात करें वार्ड नंबर-26 (Water logging in ward number 26 of Faridabad) की तो यहां पर स्थानीय पार्षद बीजेपी नेता की पत्नी गीता रेक्सवाल हैं. वहीं ओम प्रकाश रेक्सवाल खुद भी यहां से पार्षद रह चुके हैं. स्थानीय विधायक भी बीजेपी के हैं, लेकिन काम के नाम पर यहां पर सिर्फ आरोप और प्रत्यारोप का दौर ही चलता है, जिसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ता है. वार्ड नंबर-26 स्थित सेहतपुर में जब भी बारिश होती है तो सड़के तालाब में तब्दील हो जाती हैं.

फरीदाबाद में जलभराव की समस्या

न सिर्फ वार्ड नंबर-26 बल्कि पूरे फरीदाबाद में एक जैसा ही नजारा देखने को मिलता है. फरीदाबाद में जितने अंडर पास हैं उसमें पानी भर जाता (Faridabad Road full of Sewer water) है. फिर उसको बंद कर दिया जाता है. आलम यह हो जाता है कि सड़कों पर पैदल नहीं बल्कि नाव से चलने की नौबत आ जाती है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां हमेशा एक जैसी ही स्थिति रहती है. जनता की सुनने वाला कोई नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता इलेक्शन के समय पर तो आ जाते हैं लेकिन बात काम करने की आती है तो काम कहीं दिखता नहीं है. कभी-कभी तो बारिश ना भी हो तो भी यहां पर नालियों का पानी सड़कों पर आ जाता है.

water logging problem in faridabad
फरीदाबाद के वार्ड नंबर 26 में जलजमाव

गौरतलब है कि पूरे फरीदाबाद में एक जैसा ही नजारा देखने को मिलता है. फरीदाबाद में जलभराव (Waterlogging in Faridabad) से सड़कों से निकलना मुश्किल हो जाता है. पूरे फरीदाबाद की बात करें तो नौबत एक जैसी ही रहती है. बारिश के बाद घरों से निकलना दूभर हो जाता है. कहीं-कहीं नालियां सड़क से कई फीट ऊंची बनाई गई हैं. जलभराव का कारण इसे भी माना जाता है. फरीदाबाद में जलभराव की समस्या (water logging problem in faridabad) पर नगर निगम भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है. बात करें स्थानीय जेई के एसडीओ की तो उनका भी कोई ध्यान इन सड़कों की तरफ नहीं जाता है.

यह भी पढ़ें-फरीदाबाद में सड़कों में भरा सीवर का गंदा पानी, अधिकारी नहीं सुन रहे लोगों की फरियाद

फरीदाबाद: एक दिन की बारिश और पूरे जिले में तालाब जैसा नजारा अमूमन यही स्थिति रहती है बारिश के बाद फरीदाबाद की. फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी (Waterlogging in Smart City Faridabad) का नाम तो दे दिया गया, लेकिन स्मार्टनेस कहीं गायब हो गई है. यही वजह है कि बारिश के बाद लोग अपने घरों से नहीं निकल पाते. मजबूरन जब लोग घरों से निकलते भी हैं तो उन्हें सड़कों में बह रहे सीवर क गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है.

बात करें वार्ड नंबर-26 (Water logging in ward number 26 of Faridabad) की तो यहां पर स्थानीय पार्षद बीजेपी नेता की पत्नी गीता रेक्सवाल हैं. वहीं ओम प्रकाश रेक्सवाल खुद भी यहां से पार्षद रह चुके हैं. स्थानीय विधायक भी बीजेपी के हैं, लेकिन काम के नाम पर यहां पर सिर्फ आरोप और प्रत्यारोप का दौर ही चलता है, जिसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ता है. वार्ड नंबर-26 स्थित सेहतपुर में जब भी बारिश होती है तो सड़के तालाब में तब्दील हो जाती हैं.

फरीदाबाद में जलभराव की समस्या

न सिर्फ वार्ड नंबर-26 बल्कि पूरे फरीदाबाद में एक जैसा ही नजारा देखने को मिलता है. फरीदाबाद में जितने अंडर पास हैं उसमें पानी भर जाता (Faridabad Road full of Sewer water) है. फिर उसको बंद कर दिया जाता है. आलम यह हो जाता है कि सड़कों पर पैदल नहीं बल्कि नाव से चलने की नौबत आ जाती है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यहां हमेशा एक जैसी ही स्थिति रहती है. जनता की सुनने वाला कोई नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि नेता इलेक्शन के समय पर तो आ जाते हैं लेकिन बात काम करने की आती है तो काम कहीं दिखता नहीं है. कभी-कभी तो बारिश ना भी हो तो भी यहां पर नालियों का पानी सड़कों पर आ जाता है.

water logging problem in faridabad
फरीदाबाद के वार्ड नंबर 26 में जलजमाव

गौरतलब है कि पूरे फरीदाबाद में एक जैसा ही नजारा देखने को मिलता है. फरीदाबाद में जलभराव (Waterlogging in Faridabad) से सड़कों से निकलना मुश्किल हो जाता है. पूरे फरीदाबाद की बात करें तो नौबत एक जैसी ही रहती है. बारिश के बाद घरों से निकलना दूभर हो जाता है. कहीं-कहीं नालियां सड़क से कई फीट ऊंची बनाई गई हैं. जलभराव का कारण इसे भी माना जाता है. फरीदाबाद में जलभराव की समस्या (water logging problem in faridabad) पर नगर निगम भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है. बात करें स्थानीय जेई के एसडीओ की तो उनका भी कोई ध्यान इन सड़कों की तरफ नहीं जाता है.

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