फरीदाबाद: कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन से जहां इंसानों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है. तो दूसरी तरफ पशुओं के चारे पर भी संकट गहराने लगा है.
बल्लभगढ़ के ऊंचा गांव में बनी गौशाला में चारा खत्म होने की कगार पर है. लॉकडाउन 3 मई के बाद भी चला तो गौशाला में गायें बिना चारे के भूखे मरने पर मजबूर हो जाएंगी. जिस कारण गौशाला संचालकों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ने लगी हैं.
गौशाला में 530 गाय
ऊंचा गांव की गौशाला में लगभग 530 गाय हैं. जिनके सामने जल्द ही चारे का संकट खड़ा होने वाला है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में कैद हो चुके हैं. जिस कारण गौशाला में चारा दानदाताओं की संख्या ना के बराबर रह गई है. वर्तमान में चारे का स्टॉक खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है.
लॉकडाउन के कारण दान आना बंद
गौशाला टीम के सदस्य रूपेश ने बताया कि पहले आम दिनों में रोजाना लगभग 80 लोग दान करने के लिए आते थे, जिसमें कोई चारा दान करता था. कोई नगद दान करता था. ऐसे लोगों की सहायता से गौशाला में गायों के चारे का इंतजाम होता था. लेकिन लॉकडाउन के कारण कोई भी गौशाला में नहीं पहुंच पा रहा.
सहायता के लिए सरकार को लिखी चिट्टी
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने केवल 200 रुपये प्रति गाय के हिसाब से पूरे साल का खर्चा दिया था. 200 रुपये में पूरे साल गाय का खर्चा नहीं चलाया जा सकता. सहायता के लिए हरियाणा गौ सेवा आयोग को चिट्ठी लिखी गई है. उन्होंने कहा कि अगर हालात जल्द ही नहीं सुधरे तो बिना चारे के गाये भूखी मरने पर मजबूर हो जाएंगी.
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