फरीदाबाद: पाकिस्तान से अपना सब कुछ छोड़कर फरीदाबाद में रह रहे 12 परिवार शरणार्थियों को नागरिकता मिलने की आस अब जाग उठी है. नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा में पारित होने से इन लोगों में एक नई उम्मीद जगी है.
इन लोगों का कहना है कि 2008 में पाकिस्तान में वह मुसलमानों के अत्याचारों से तंग आकर अपना सब कुछ छोड़ कर रातोंरात भारत आए थे लेकिन भारत में आने के बाद भी उनको यहां का नागरिक नहीं माना गया.
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वह आज तक दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल के पास हो जाने से उन लोगों को जीने का एक नया मौका मिलेगा. 2008 में ये 12 परिवार पाकिस्तान से भारत में आए और फरीदाबाद एनआईटी-3 में रह रहे हैं और लगातार वह कई सालों से नागरिकता के लिए प्रयासरत रहे हैं लेकिन आज तक उनको भारत की नागरिकता नहीं मिली है.
ईटीवी भारत पर उन्होंने पाकिस्तान में अपने साथ हो रहे अत्याचारों को भी शेयर किया उन्होंने बताया कि नागरिकता मिल जाने से वह भारत के नागरिक बनेंगे जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा खुशी होगी और देश के विकास में वह अपना योगदान दे पाएंगे.
बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में पारित करने के बाद नागरिकता संशोधन बिल, 2019 आज राज्यसभा में पेश किया गया है. ये बिल अगर पास होता है तो देश को एक ऐसा कानून मिल जाएगा जिसके तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले और धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारत आने के बाद यहां की नागरिकता दी जा सकेगी.
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