फरीदाबाद: गांव पाली के सरकारी अस्पताल में बनाए गए कोरोना आइसोलेशन वार्ड का ग्रामीणों ने विरोध किया है. ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
ग्रामीणों ने की नारेबाजी
ग्रामीणों ने कहा कि जब गांव में ये बीमारी नहीं है तो यहां वार्ड क्यों बनाया गया है. दरअसल, प्रशासन द्वारा यहां पर बाहर के मरीजों के लिए कोरोना वार्ड तैयार किया गया. वहीं अस्पताल के डॉक्टर ने बताया है कि गांव पाली और तिगांव में कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए वार्ड बनाए गए हैं.
ग्रामीणों ने कहा कि बाहर के मरीजों के लिए यहां पर 1 वार्ड तैयार किया गया है. जहां पर कोरोना के मरीजों को रखा जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि जब ये बीमारी गांव के अंदर है ही नहीं तो फिर यहां पर वार्ड बनाने का क्या मतलब है. प्रशासन गांवों में भी इस बीमारी को फैलाना चाहता है.
उनका कहना है कि शहर में बड़े-बड़े अस्पताल हैं. वहां पर क्यों उन मरीजों को नहीं रखा जाता जो कि इस बीमारी से पीड़ित हैं जबकि गांव में किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं है. उसके बावजूद भी यहां पर वार्ड बनाया गया है. कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. ग्रमीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ताजा मामले महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से सामने आए हैं. लद्दाख में सेना के एक जवान को भी संक्रमित पाया गया है. नए मामलों के पुष्टि होने के बाद भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या 147 हो गई है, जिसमें 122 भारतीय और 25 विदेशी नागरिक हैं.
मंगलवार को कोरोना वायरस से भारत में एक और मौत हुई, जिससे मृतकों की कुल संख्या तीन हो गई. बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमित 14 लोग ठीक होकर अस्पताल से घर भी जा चुके हैं. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार ने कई प्रतिबंध लागू किए हैं.
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