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निजी लैब SRL ने जांच में बताया कोरोना पॉजिटिव, सरकारी रिपोर्ट निकली नेगेटिव

फरीदाबाद की एसआरएल डायग्नोस्टिक सेंटर की कोविड-19 रिपोर्ट पर एक बार फिर सवाल उठे हैं. लैब के टेस्ट में एक मरीज को कोरोना पॉजिटिव बताया गया. जबकि सरकारी टेस्ट में वो मरीज कोरोना नेगेटिव निकला.

Lab negligence in coronavirus test Faridabad
फरीदाबाद में लैब की लापरवाही
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Published : Apr 24, 2020, 11:21 AM IST

Updated : Apr 24, 2020, 5:46 PM IST

फरीदाबाद: कोविड-19 के टेस्ट के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक निजी लैब एसआरएल द्वारा किए गए कोविड-19 के सैंपल में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब इस लैब के टेस्ट में एक मरीज को कोरोना पॉजिटिव बताया गया. जबकि सरकारी टेस्ट में वो मरीज कोरोना नेगेटिव निकला. जिसके बाद अब लैब पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

इलाज कराने गए मरीज को बता दिया कोरोना पॉजिटिव

फरीदाबाद के रहने वाले 67 वर्षीय रामगोपाल अग्रवाल अपनी किसी दूसरी बीमारी का इलाज कराने के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में गए थे. जहां डॉक्टर ने उनको कोविड-19 का टेस्ट कराने की सलाह दी. जिसके बाद रामगोपाल अग्रवाल ने निजी लैब एसआरएल में कोविड-19 का टेस्ट कराया.

निजी लैब ने जांच में बताया कोरोना पॉजिटिव

टेस्ट में रामगोपाल अग्रवाल को कोरोना से संक्रमित पाया गया. जिसके बाद रामगोपाल को सरकारी अस्पताल में आइसोलेट किया गया और उनके घर वालों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. बाद में जांच के दौरान रामगोपाल के सभी परिवार के लोगों के कोविड-19 के सैंपल नेगेटिव पाए गए. जिसके बाद डॉक्टरों ने रामगोपाल अग्रवाल का सरकारी अस्पताल में कोविड-19 का दो बार टेस्ट किया और दोनों ही बार रिपोर्ट नेगेटिव मिली. जिसके बाद रामगोपाल अग्रवाल को डिस्चार्ज कर दिया गया.

'SRL को लापरवाही की कीमत चुकानी होगी'

पीड़ित रामगोपाल अग्रवाल का कहना है कि लैब की गलती के कारण उनको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है. उनके घर वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है और उनके परिवार की छवि खराब हुई है. रामगोपाल अग्रवाल ने बताया कि लैब के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

पहले भी सामने आ चुकी है लापरवाही

हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी लैब एसआरएल द्वारा पहले भी इस तरह की लापरवाही का मामला सामने आ चुका है. कुछ दिनों पहले अंबाला में इस लैब द्वारा कोविड-19 की टेस्टिंग के बाद 4 लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. लेकिन अगले ही दिन सरकारी अस्पताल में जांच के बाद चारों मरीजों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई. मामला स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के संज्ञान में गया तो उन्होंने भी जांच के आदेश दे दिए और इस लैब द्वारा कोविड-19 की टेस्टिंग पर रोक लगा दी गई.

रोक के बावजूद फिर कैसे हुई टेस्टिंग?

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा अंबाला में हुई लापरवाही के बाद एसआरएल लैब पर टेस्टिंग की रोक लगाने के आदेश दिए थे. लेकिन रोक के बावजूद फरीदाबाद में हुई टेस्टिंग से एसआरएल लैब सवालों के घेरे में है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के कारण रुका फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले पुल का काम

फरीदाबाद: कोविड-19 के टेस्ट के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक निजी लैब एसआरएल द्वारा किए गए कोविड-19 के सैंपल में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब इस लैब के टेस्ट में एक मरीज को कोरोना पॉजिटिव बताया गया. जबकि सरकारी टेस्ट में वो मरीज कोरोना नेगेटिव निकला. जिसके बाद अब लैब पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

इलाज कराने गए मरीज को बता दिया कोरोना पॉजिटिव

फरीदाबाद के रहने वाले 67 वर्षीय रामगोपाल अग्रवाल अपनी किसी दूसरी बीमारी का इलाज कराने के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में गए थे. जहां डॉक्टर ने उनको कोविड-19 का टेस्ट कराने की सलाह दी. जिसके बाद रामगोपाल अग्रवाल ने निजी लैब एसआरएल में कोविड-19 का टेस्ट कराया.

निजी लैब ने जांच में बताया कोरोना पॉजिटिव

टेस्ट में रामगोपाल अग्रवाल को कोरोना से संक्रमित पाया गया. जिसके बाद रामगोपाल को सरकारी अस्पताल में आइसोलेट किया गया और उनके घर वालों को क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. बाद में जांच के दौरान रामगोपाल के सभी परिवार के लोगों के कोविड-19 के सैंपल नेगेटिव पाए गए. जिसके बाद डॉक्टरों ने रामगोपाल अग्रवाल का सरकारी अस्पताल में कोविड-19 का दो बार टेस्ट किया और दोनों ही बार रिपोर्ट नेगेटिव मिली. जिसके बाद रामगोपाल अग्रवाल को डिस्चार्ज कर दिया गया.

'SRL को लापरवाही की कीमत चुकानी होगी'

पीड़ित रामगोपाल अग्रवाल का कहना है कि लैब की गलती के कारण उनको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है. उनके घर वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है और उनके परिवार की छवि खराब हुई है. रामगोपाल अग्रवाल ने बताया कि लैब के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

पहले भी सामने आ चुकी है लापरवाही

हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी लैब एसआरएल द्वारा पहले भी इस तरह की लापरवाही का मामला सामने आ चुका है. कुछ दिनों पहले अंबाला में इस लैब द्वारा कोविड-19 की टेस्टिंग के बाद 4 लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. लेकिन अगले ही दिन सरकारी अस्पताल में जांच के बाद चारों मरीजों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई. मामला स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के संज्ञान में गया तो उन्होंने भी जांच के आदेश दे दिए और इस लैब द्वारा कोविड-19 की टेस्टिंग पर रोक लगा दी गई.

रोक के बावजूद फिर कैसे हुई टेस्टिंग?

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा अंबाला में हुई लापरवाही के बाद एसआरएल लैब पर टेस्टिंग की रोक लगाने के आदेश दिए थे. लेकिन रोक के बावजूद फरीदाबाद में हुई टेस्टिंग से एसआरएल लैब सवालों के घेरे में है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन के कारण रुका फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले पुल का काम

Last Updated : Apr 24, 2020, 5:46 PM IST
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