फरीदाबाद: यमुना में जब भी जलस्तर (Yamuna river water level) बढ़ता है तो सबसे ज्यादा खतरा नदी किनारे बसे गांव के लोगों को होता है. यमुना की तलहटी में बसे गांव बसंतपुर (Basantpur village flood) के लोग इन दिनों इसी चिंता में हैं की यमुना का पानी कही उनके घरों ने न घुस जाए. दरअसल ये गांव दिल्ली से सटा हुआ है और ऐसे में जब भी दिल्ली से पानी छोड़ा जाता है तो सबसे पहले बसंतपुर गांव में ही पानी घुस जाता है. इस बार भी यमुना में जलस्तर बढ़ने से गांव में पानी घुसने लगा है और यहां के लोगों को मजबूरन घर छोड़कर जाना पड़ रहा है.
हर साल बसंतपुर गांव के लोगों को अपने मकान खाली करके किराए के मकानों में रहना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक बार पानी घुस जाए तो करीब महीने भर बाद पानी उतरता है जिसके बाद हम लोग अपने घरों में वापस आ पाते हैं. यानी कि जब भी पानी का जलस्तर बढ़ता है इन लोगों को बेघर होना पड़ता है. वहीं गांव में पानी भरने की दूसरी वजह ये भी है कि ये गांव यमुना नदी की तलहटी में बसा हुआ है और इसकी गहराई भी ज्यादा है जिसकी वजह से पानी जल्द ही भर जाता है.
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आपको बता दें कि 28 जुलाई को यमुनानगर में हथिनी कुंड बैराज (Hathni Kund barrage) से 1.32 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जो फरीदाबाद आते-आते 27,000 क्यूसेक रह गया था. लेकिन अब फिर से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों ने अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है. घर को खाली करने वाली एक महिला ने बताया कि उनके घर में छोटे बच्चे हैं और इसीलिए वो बढ़ते जलस्तर की वजह से पहले ही अपने मकान को खाली करने की तैयारी कर चुकी है. अब वो किराए के मकान में रहेंगे और पानी कम होने के बाद वापस आ जाएंगे.