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फरीदाबाद: मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन

फरीदाबाद में अजरौंदा और दौलताबाद के किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर सेक्टर-12 लघु सचिवालय पर जमकर प्रदर्शन किया और जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

Azaronda and Daulatabad farmers protest in Faridabad
मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Sep 3, 2020, 11:44 AM IST

फरीदाबाद: मुआवजे की राशि को लेकर अजरौंदा और दौलताबाद के किसानों ने किसान संघर्ष समिति के बैनर तले सेक्टर-12 लघु सचिवालय पर जमकर प्रदर्शन किया और जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. किसानों का आरोप है कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी सरकार उन्हें मुआवजा नहीं दे रही है. ये किसान पिछले लगभग 10 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं.

नारेबाजी करते नजर आ रहे ये लोग फरीदाबाद के अजरौंदा और दौलताबाद के किसान हैं. इन किसानों का आरोप है कि 1995 में इनकी जमीनों को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. जो कि 1998 में पूरी हो गई. बाद में मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर ये लोग कोर्ट गए. जहां 2019 में इनके पक्ष में फैसला सुना दिया गया. किसानों के मुताबिक कोर्ट ने सरकार को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.

अधिकारियों के खिलाफ किसानों का आरोप

किसानों का आरोप है कि 2019 में कोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश सुनाया था. लेकिन अब तक उन्हें मुआवजे की पूरी राशि नहीं दी गई है. आरोप है कि अधिकारी लगातार चंडीगढ़ के चक्कर लगवा रहे हैं. वहीं अब अधिकारी कह रहे हैं कि सरकार के पास अभी किसानों का भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है.

ये भी पढ़ें: कोरोना ने ली CRPF इंस्पेक्टर की जान, तिगांव के थे रहने वाले

किसानों का कहना है कि सरकार को इन दोनों गांव के किसानों को लगभग 400 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. अगर सरकार के पास उन्हें भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है तो उन्हें जमीन वापस दे दी जाए. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे.

फरीदाबाद: मुआवजे की राशि को लेकर अजरौंदा और दौलताबाद के किसानों ने किसान संघर्ष समिति के बैनर तले सेक्टर-12 लघु सचिवालय पर जमकर प्रदर्शन किया और जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. किसानों का आरोप है कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी सरकार उन्हें मुआवजा नहीं दे रही है. ये किसान पिछले लगभग 10 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं.

नारेबाजी करते नजर आ रहे ये लोग फरीदाबाद के अजरौंदा और दौलताबाद के किसान हैं. इन किसानों का आरोप है कि 1995 में इनकी जमीनों को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी. जो कि 1998 में पूरी हो गई. बाद में मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर ये लोग कोर्ट गए. जहां 2019 में इनके पक्ष में फैसला सुना दिया गया. किसानों के मुताबिक कोर्ट ने सरकार को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के आदेश दिए हैं.

अधिकारियों के खिलाफ किसानों का आरोप

किसानों का आरोप है कि 2019 में कोर्ट ने उनके पक्ष में आदेश सुनाया था. लेकिन अब तक उन्हें मुआवजे की पूरी राशि नहीं दी गई है. आरोप है कि अधिकारी लगातार चंडीगढ़ के चक्कर लगवा रहे हैं. वहीं अब अधिकारी कह रहे हैं कि सरकार के पास अभी किसानों का भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है.

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किसानों का कहना है कि सरकार को इन दोनों गांव के किसानों को लगभग 400 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. अगर सरकार के पास उन्हें भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है तो उन्हें जमीन वापस दे दी जाए. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे.

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