फरीदाबाद: 12 साल पहले भारत आये दो पाकिस्तानी और एक अफगानी हिंदू नागरिक को गुरुवार को फरीदाबाद में भारतीय नागरिकता दी गई. फरीदाबाद डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने इन विदेशी नागरिकों को अपने कार्यालय में भारतीय नागरिक होने का प्रमाण पत्र सौंपा. पाकिस्तानी नागरिकों में एक लड़की और युवक शामिल हैं. वहीं अफगानिस्तान के एक बुजुर्ग को भी भारतीय नागरिकता प्रदान की गई.
पाकिस्तान में बहुसंख्यकों के जुल्म से परेशान होकर करीब 12 साल पहले काजल और मनीष पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गये थे. आज 12 साल बाद वो भारतीय नागरिक बन गये. काजल और मनीष ने भारत में रहकर ही अपनी पढ़ाई की है. काजल 12वीं कक्षा में पढ़ रही है जबकि मनीष लाल ग्रेजुएशन पूरा कर चुका है. 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही काजल ने बताया कि पाकिस्तान में उनका कोई भविष्य नहीं था. वहां पर ना तो पढ़ाई थी ना ही सुरक्षित माहौल. पाकिस्तान में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद वो भारत आ गए.
मनीष ने बताया कि पाकिस्तान में ना तो पढ़ाई होती है, ना ही वहां पर अच्छा माहौल होता है. यही सबसे बड़ी वजह होती है कि उन्होंने पाकिस्तान छोड़कर भारत आने का फैसला किया. भारत और पाकिस्तान के लोगों में जमीन आसमान का अंतर है. यहां पर वह अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. यहां पर उनको लग रहा है कि उनका भविष्य सुरक्षित है. फरीदाबाद में अब तक 25 विदेशी मूल के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा चुकी है.
जिला उपायुक्त फरीदाबाद जितेंद्र यादव ने बताया कि हरियाणा में केवल फरीदाबाद कमिश्नर को ही गृह मंत्रालय की तरफ से यह शक्ति दी गई है कि वह विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दे सकता है. उन्होंने कहा कि आईबी जांच और गृह मंत्रालय से क्लीयरेंस मिलने के बाद किसी विदेशी को भारतीय नागरिकता दी जाती है.