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एक कैदी की पत्नी ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार, मांगा वंश वृद्धि का अधिकार - Punjab and Haryana HIghcourt on seeking permission for producing children

एक कैदी की पत्नी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि उसके पति 2018 से गुरुग्राम के भोंडसी जिला जेल में बंद है और उसे संतान की चाहत है और वे अपने पति से संबंध बनाना चाहती है.

Punjab Highcourt
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Published : Mar 21, 2021, 12:43 PM IST

चंडीगढ़: क्या जेल की सलाखें एक कैदी को उसके वंश वृद्धि के अधिकार को रोक सकती है? पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह सवाल एक कैदी की पत्नी को अपने पति के साथ संतान की चाहत के लिए संबंध बनाने की मांग पर हरियाणा सरकार से पूछा है.

याचिकाकर्ता पत्नी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि उसके पति को गुरुग्राम जिला अदालत द्वारा हत्या और अन्य अपराधों का दोषी ठहराया गया था और उसका पति 2018 से गुरुग्राम के भोंडसी जिला जेल में बंद है.

पत्नी ने अपनी याचिका में कहा कि उसे संतान की चाहत है और वे अपने पति से संबंध बनाना चाहती है. इसपर महिला के वकील ने कहा कि मानव अधिकारों के तहत उसे वंश वृद्धि का अधिकार है.

ये भी पढ़े- फतेहाबाद: सरकारी स्कूल की 16 छात्राएं मिली कोरोना पॉजिटिव, जिले से कुल 32 नए मामले आए सामने

याची की तरफ से दलील दी गई कि क्या संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसे जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है. कोर्ट को बताया गया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जसबीर सिंह बनाम पंजाब राज्य के केस का निपटारा करते हुए सरकार को कैदियों को वंश वृद्धि के पत्नी से संबंध बनाने पर सरकार को नीति बनाने को कहा था.

सभी दलील सुनने के बाद जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस कर्मजीत सिंह की खंडपीठ ने हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या राज्य सरकार ने जसबीर सिंह केस में हाईकोर्ट के आदेश पर इस तरह की कोई नीति बनाई है. कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस बाबत विस्तृत हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.

क्या था जसवीर सिंह केस?

साल 2015 में फिरौती और उसके बाद बर्बरता से की गई नाबालिग की हत्या के मामले में फांसी और उम्रकैद की सजा भुगत रहे पति-पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जेल में कैदियों के लिए वैवाहिक संबंध स्थापित करने व फैमिली बजट की व्यवस्था करने के लिए सरकार को जेल रिफॉर्म कमिटी बनाने के निर्देश दिए थे.

ये भी पढ़े- हरियाणा में गुंडाराज! हर रोज हो रही हत्या, पुलिसवालों को गैंगस्टर दे रहे सुपारी, रोहतक, सोनीपत बने अपराधियों के 'मनोहर' अड्डे

पटियाला की सेंट्रल जेल में फांसी की सजा का इंतजार कर रहे जसवीर सिंह और उम्र कैद की सजा भुगत रही उसकी पत्नी सोनिया की याचिका हाईकोर्ट में पहुंची थी. दोनों ने मिलकर एक नाबालिक बच्चे का अपहरण किया था और इसके बाद उस बच्चे की हत्या कर दी थी.

इस जुर्म में जसवीर सिंह को फांसी और उसकी पत्नी सोनिया को उम्र कैद की सजा हुई थी. जसवीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उसे अपना वंश आगे बढ़ाना है और ऐसा करने के लिए हाईकोर्ट उसे बच्चा ना होने तक उसकी पत्नी के साथ रहने की अनुमति दें ताकि उसका वंश आगे बढ़ सके.

हाईकोर्ट ने अपील को भी ठुकरा दिया था, परंतु हरियाणा पंजाब और चंडीगढ़ से जेल रिफॉर्म कमिटी बनाने को कहा था. कमेटी को जेल में कैदियों के लिए वैवाहिक संबंध स्थापित करने व फैमिली बजट की व्यवस्था की संभावनाओं पर विचार करने को कहा था.

चंडीगढ़: क्या जेल की सलाखें एक कैदी को उसके वंश वृद्धि के अधिकार को रोक सकती है? पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह सवाल एक कैदी की पत्नी को अपने पति के साथ संतान की चाहत के लिए संबंध बनाने की मांग पर हरियाणा सरकार से पूछा है.

याचिकाकर्ता पत्नी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि उसके पति को गुरुग्राम जिला अदालत द्वारा हत्या और अन्य अपराधों का दोषी ठहराया गया था और उसका पति 2018 से गुरुग्राम के भोंडसी जिला जेल में बंद है.

पत्नी ने अपनी याचिका में कहा कि उसे संतान की चाहत है और वे अपने पति से संबंध बनाना चाहती है. इसपर महिला के वकील ने कहा कि मानव अधिकारों के तहत उसे वंश वृद्धि का अधिकार है.

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याची की तरफ से दलील दी गई कि क्या संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसे जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है. कोर्ट को बताया गया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जसबीर सिंह बनाम पंजाब राज्य के केस का निपटारा करते हुए सरकार को कैदियों को वंश वृद्धि के पत्नी से संबंध बनाने पर सरकार को नीति बनाने को कहा था.

सभी दलील सुनने के बाद जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस कर्मजीत सिंह की खंडपीठ ने हरियाणा के एडिशनल एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या राज्य सरकार ने जसबीर सिंह केस में हाईकोर्ट के आदेश पर इस तरह की कोई नीति बनाई है. कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इस बाबत विस्तृत हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.

क्या था जसवीर सिंह केस?

साल 2015 में फिरौती और उसके बाद बर्बरता से की गई नाबालिग की हत्या के मामले में फांसी और उम्रकैद की सजा भुगत रहे पति-पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जेल में कैदियों के लिए वैवाहिक संबंध स्थापित करने व फैमिली बजट की व्यवस्था करने के लिए सरकार को जेल रिफॉर्म कमिटी बनाने के निर्देश दिए थे.

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पटियाला की सेंट्रल जेल में फांसी की सजा का इंतजार कर रहे जसवीर सिंह और उम्र कैद की सजा भुगत रही उसकी पत्नी सोनिया की याचिका हाईकोर्ट में पहुंची थी. दोनों ने मिलकर एक नाबालिक बच्चे का अपहरण किया था और इसके बाद उस बच्चे की हत्या कर दी थी.

इस जुर्म में जसवीर सिंह को फांसी और उसकी पत्नी सोनिया को उम्र कैद की सजा हुई थी. जसवीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उसे अपना वंश आगे बढ़ाना है और ऐसा करने के लिए हाईकोर्ट उसे बच्चा ना होने तक उसकी पत्नी के साथ रहने की अनुमति दें ताकि उसका वंश आगे बढ़ सके.

हाईकोर्ट ने अपील को भी ठुकरा दिया था, परंतु हरियाणा पंजाब और चंडीगढ़ से जेल रिफॉर्म कमिटी बनाने को कहा था. कमेटी को जेल में कैदियों के लिए वैवाहिक संबंध स्थापित करने व फैमिली बजट की व्यवस्था की संभावनाओं पर विचार करने को कहा था.

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