चंडीगढ़: जैसे शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था. ऐसे ही चंडीगढ़ के विजय कुमार ने अपनी पत्नी की याद में संगमरमर की मूर्ति बनवाई है. पत्नी की मौत के बाद विजय ने उनकी हूबहू दिखने वाली संगमरमर की मूर्ति बनवाई.
आपको बता दें के विजय कुमार की पत्नी वीणा का देहांत इसी साल मार्च में हुआ था. वीणा ब्लड कैंसर से पीड़ित थी. उनके देहांत के बाद विजय की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. विजय अवसाद का शिकार होने लगे. वो हर समय अपनी पत्नी को याद करते रहते थे.
जिसके बाद विजय ने संगमरमर की मूर्ति बनवाई. इस मूर्ति को बनाने में करीब डेढ़ महीने का समय लगा. विजय इस मूर्ति को हमेशा अपनी आंखों के सामने रखते हैं. इस मूर्ति से बातें करते हैं. हर रोज मूर्ति की सफाई करते हैं और देखभाल करते हैं.
विजय ने बताया कि इस मूर्ति को देखकर एक बार हिमाचल की महिला ने उनको शादी का ऑफर दिया था. महिला का दावा था कि वो उनकी पत्नी के जैसी ही दिखती है. इसलिए वो उनके साथ रहने के लिए तैयार है. लेकिन विजय ने उनके ऑफर को ठुकरा दिया.
विजय बताते हैं कि उनकी शादी साल 1972 में हुई थी. वे दोनों 48 साल साथ तक साथ रहे. इन 48 सालों में कई देश एक साथ घूमे. पूरे देश का भृमण किया. जहां भी जाते साथ जाते. हमेशा साथ रहते और साथ खाते. दिनभर के सारे फैसले साथ ही लेते थे. पत्नी वीणा के जाने के बाद वे बहुत अकेले हो गए. वीणा की याद में विजय ने कई किताबें लिखी हैं.