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गीतिका शर्मा खुदकुशी केस के आरोपी गोपाल कांडा के समर्थन पर घिरी बीजेपी, सोशल मीडिया पर कांडा का विरोध

एक वक्त विवादों में रहे हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा का नाम सोशल मीडिया के टॉप ट्रेंड में आ गया है. चर्चाएं ये हैं कि क्या गोपाल कांडा से समर्थन लेने के लिए बीजेपी इनके ऊपर लगे आरोपों को दरकिनार कर देगी, क्या वो भूल जाएगी गीतिका शर्मा खुदकुशी कांड.

गोपाल कांडा
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Published : Oct 25, 2019, 12:00 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. नतीजों के बाद जो एक शख्स चर्चा में आया है वो हैं हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा. क्योंकि अब गोपाल कांडा समेत 5 और निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ बीजेपी सरकार बनाने की तैयारी कर रही है.

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे गोपाल कांडा के 'कांड'
भले ही बीजेपी सत्ता पर काबिज होने के लिए इन बातों को दरकिनार कर दे, लेकिन सोशल मीडिया पर गोपाल कांडा के कांड को बार फिर से परत-दर-परत खोला जा रहा है. ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली बीजेपी गोपाल कांडा के पुराने दाग को भूला देगी.

गोपाल कांडा पर कई मुकदमे दर्ज
आपको बता दें कि गोपाल कांडा इस समय अपनी ही कंपनी की एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा खुदकुशी केस में आरोपी हैं और उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और वह इस समय जमानत पर बाहर हैं. पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र में कांडा पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), धारा 471 (धोखाधड़ी), और उत्पीड़न सहित कई अन्य धाराएं लगाई हैं. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 भी लगाई गई हैं. आरोप पत्र में कांडा पर गीतिका का गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया गया है.

फंदे पर लटकी मिली थी गीतिका की लाश
गीतिका की लाश अशोक विहार स्थित अपने घर में फंदे से लटकी मिली थी. उसने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा एवं उसकी कंपनी में काम करने वाली एक अन्य कर्मचारी अरुणा चड्ढा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद कांडा को गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. मामले ने तूल पकड़ा तो10-15 दिनों तक कांडा अंडरग्राउंड भी रहे थे. लेकिन बाद में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया.

गीतिका की आत्महत्या के लगभग 6-7 महीनों बाद उनकी मां ने भी सुसाइड कर लिया. फिर एक और सुसाइड नोट मिला. इसमें भी कांडा का नाम था. इसके बाद कांडा को 18 महीने जेल में भी रहना पड़ा. इतना ही नहीं गोपाल कांडा और उनके भाई गोविंद कांडा पर अवैध संपत्ति के मामले में भी कई आरोप लग चुके हैं.

  • #GopalKanda showing his happiness while going in chartered plan to support the development(Vikas) in Delhi. This is new India!! @BJP4India very simple question why can’t you remain out of power in Haryana for one term? Why there is hunger of power? pic.twitter.com/g40qGRNDyk

    — Lovely India (@DaminiIndia) October 25, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जमानत पर बाहर हैं गोपाल कांडा
मार्च 2014 की बात है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर लगे आरोप हटा लिए. कांडा को जमानत मिल गई. कांडा ने अपने छोटे भाई गोबिंद कांडा के साथ मिलकर हरियाणा लोकहित पार्टी बनाई. ऐसा कहा जाता है कि कांडा पहले सिरसा में ही हवाई चप्पलों का काम करते थे. उनका एक शोरुम था. इसके बाद धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया. वो रियल एस्टेट के धंधे में आए.यहां तक कि उन्होंने MDLR एयरलाइन की शुरुआत भी की थी. जो बाद में आर्थिक संकटों के कारण बंद हो गई.

ये भी पढ़ें: बीजेपी के 7 दिग्गजों को ले डूबा ओवर कॉन्फिडेंस! 3 मंत्रियों को नई नवेली जेजेपी ने किया 'बोल्ड'

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. नतीजों के बाद जो एक शख्स चर्चा में आया है वो हैं हरियाणा के विधायक गोपाल कांडा. क्योंकि अब गोपाल कांडा समेत 5 और निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ बीजेपी सरकार बनाने की तैयारी कर रही है.

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे गोपाल कांडा के 'कांड'
भले ही बीजेपी सत्ता पर काबिज होने के लिए इन बातों को दरकिनार कर दे, लेकिन सोशल मीडिया पर गोपाल कांडा के कांड को बार फिर से परत-दर-परत खोला जा रहा है. ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली बीजेपी गोपाल कांडा के पुराने दाग को भूला देगी.

गोपाल कांडा पर कई मुकदमे दर्ज
आपको बता दें कि गोपाल कांडा इस समय अपनी ही कंपनी की एक महिला कर्मचारी गीतिका शर्मा खुदकुशी केस में आरोपी हैं और उनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है और वह इस समय जमानत पर बाहर हैं. पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र में कांडा पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), धारा 471 (धोखाधड़ी), और उत्पीड़न सहित कई अन्य धाराएं लगाई हैं. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 भी लगाई गई हैं. आरोप पत्र में कांडा पर गीतिका का गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया गया है.

फंदे पर लटकी मिली थी गीतिका की लाश
गीतिका की लाश अशोक विहार स्थित अपने घर में फंदे से लटकी मिली थी. उसने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा एवं उसकी कंपनी में काम करने वाली एक अन्य कर्मचारी अरुणा चड्ढा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद कांडा को गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. मामले ने तूल पकड़ा तो10-15 दिनों तक कांडा अंडरग्राउंड भी रहे थे. लेकिन बाद में उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया.

गीतिका की आत्महत्या के लगभग 6-7 महीनों बाद उनकी मां ने भी सुसाइड कर लिया. फिर एक और सुसाइड नोट मिला. इसमें भी कांडा का नाम था. इसके बाद कांडा को 18 महीने जेल में भी रहना पड़ा. इतना ही नहीं गोपाल कांडा और उनके भाई गोविंद कांडा पर अवैध संपत्ति के मामले में भी कई आरोप लग चुके हैं.

  • #GopalKanda showing his happiness while going in chartered plan to support the development(Vikas) in Delhi. This is new India!! @BJP4India very simple question why can’t you remain out of power in Haryana for one term? Why there is hunger of power? pic.twitter.com/g40qGRNDyk

    — Lovely India (@DaminiIndia) October 25, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जमानत पर बाहर हैं गोपाल कांडा
मार्च 2014 की बात है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उन पर लगे आरोप हटा लिए. कांडा को जमानत मिल गई. कांडा ने अपने छोटे भाई गोबिंद कांडा के साथ मिलकर हरियाणा लोकहित पार्टी बनाई. ऐसा कहा जाता है कि कांडा पहले सिरसा में ही हवाई चप्पलों का काम करते थे. उनका एक शोरुम था. इसके बाद धीरे-धीरे कारोबार बढ़ता गया. वो रियल एस्टेट के धंधे में आए.यहां तक कि उन्होंने MDLR एयरलाइन की शुरुआत भी की थी. जो बाद में आर्थिक संकटों के कारण बंद हो गई.

ये भी पढ़ें: बीजेपी के 7 दिग्गजों को ले डूबा ओवर कॉन्फिडेंस! 3 मंत्रियों को नई नवेली जेजेपी ने किया 'बोल्ड'

Intro:कोसली की जनता की हुई प्रचंड जीत: लक्ष्मण यादव
रेवाड़ी, 24 अक्टूबर।Body:हरियाणा विधानसभा चुनाव परिमाणों में भाजपा ने 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर अब सरकार बनाने के जुगाड़ में जुटी हुई है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर कोसली विधानसभा से लक्षमण यादव ने भी कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से पराजित करते हुए पार्टी का मान बढ़ाया है। कोसली से नवनिर्वाचित विधायक लक्षमण यादव ने अपनी जीत का श्रेय कोसली की जनता को देते हुए कहा है की मेरी नहीं बल्कि कोसली की जनता की प्रचंड जीत हुई है। इसके लिए मैं यहां की जनता का आभारी हूँ, पीएम, सीएम और शाह ने मुझे इस काबिल समझा की मैं अपनी जनता की सेवा करूँ। जो विश्वास कोसली की जनता ने मुझपर जताया है मैं उसपर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। मैने जो वायदे कोसली की जनता से किये है मैं उनपर खरा उतरने का प्रयास करते हुए उन्हें पूरा करूंगा।
बाइट--लक्षमण यादव, नवनिर्वाचित विधायक कोसली। Conclusion:मैने जो वायदे कोसली की जनता से किये है मैं उनपर खरा उतरने का प्रयास करते हुए उन्हें पूरा करूंगा।
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