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टिकट कटने के बाद विपुल गोयल पलवल से मांग रहे टिकट तो राव नरबीर को रेवाड़ी से टिकट की उम्मीद

विपुल गोयल और राव नरबीर का बीजेपी की पहली लिस्ट में नाम नहीं था. लेकिन टिकट कटने के बाद दोनों मंत्रियों ने हार नहीं मानी है. अब ये दोनों नए सिरे से जुगाड़ में लग गए हैं. लेकिन जहां से ये दोनों टिकट मांग रहे हैं वहां भी टिकट की टक्कर कड़ी है.

ticket ki takkar
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Published : Oct 1, 2019, 3:42 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 5:41 PM IST

चंडीगढ़ः विपुल गोयल और राव नरबीर को चौंकाते हुए बीजेपी ने इनका टिकट काट दिया. दोनों ही मनोहर लाल की कैबिनेट के सदस्य थे. लेकिन दोनों का टिकट कट गया जिसके बाद दोनों नेता नए तरीके से टिकट के जुगाड़ में लगे हैं.

राव नरबीर को मिल सकता है रेवाड़ी से टिकट
राव नरबीर का टिकट कटना काफी चौंकाने वाला था. क्योंकि राव नरबीर मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं. लेकिन अब खबरें हैं कि राव नरबीर रेवाड़ी विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं और यहां से उन्हें टिकट मिल भी सकता है क्योंकि रेवाड़ी से बीजेपी के मौजूदा विधायक रणधीर कापड़ीवास का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है. इसीलिए उम्मीद है कि राव नरबीर को बीजेपी यहां से टिकट दे सकती है.

टिकट कटने के बाद विपुल गोयल पलवल से मांग रहे टिकट तो राव नरबीर को रेवाड़ी से टिकट की उम्मीद

रेवाड़ी में राव नरबीर के लिए टिकट की टक्कर कड़ी है
रेवाड़ी में भले ही मौजूदा विधायक का टिकट कटने की उम्मीद राव नरबीर को राहत देती हो लेकिन इसी सीट से राव इंद्रजीत सिंह से उन्हें टक्कर लेनी पड़ सकती है क्योंकि रेवाड़ी से ही वो आरती राव के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. अगर आरती राव को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो अरविंद यादव और सतीश खोला भी टिकट के दावेदार हैं जिनसे राव नरबीर को पार पाना होगा.

ये भी पढ़ें- करनाल से मनोहर लाल खट्टर ने नामांकन किया, योगी आदित्यनाथ रहे मौजूद

राव नरबीर का टिकट क्यों कटा ?
राव इंद्रजीत और राव नरबीर का 36 का आंकड़ा है. जानकार मानते हैं कि राव नरबीर का टिकट कटने में राव इंद्रजीत की बड़ी भूमिका है. लेकिन टिकट कटने के बाद राव नरबीर की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है न ही उनके समर्थक कहीं दिखाई दिए हैं. इन सब बातों को नजर में रखते हुए लगता है कि राव नरबीर को शायद कहीं और से टिकट दे दिया जाएगा.

रेवाड़ी विधानसभा 2014 के नतीजे
2014 में बीजेपी के रणधीर कापड़ीवास ने यह सीट जीती थी. उन्हें 81,103 वोट मिले थे जबकि इनेलो के सतीश यादव दूसरे नंबर पर रहे थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के कैप्टन अजय याव रहे थे जो लगातार 6 बार से यहां विधायक थे. उन्हें मात्र 31,471 वोट मिले थे.

ये भी पढ़ें- BJP ने जारी की 78 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, जानें किसे कहां से मिला टिकट

विपुल गोयल मांग रहे पलवल से टिकट
विपुल गोयल 2014 में फरीदाबाद से जीते थे. लेकिन इस बार उनका टिकट कट गया तो वो पलवल से टिकट की मांग कर रहे हैं जिसके लिए उन्होंने अमित शाह से भी वक्त मांगा है. उनके समर्थक भी टिकटों के ऐलान के बाद से ही डटे हुए हैं. टिकट कटने के बाद विपुल गोयल ने कहा था कि पार्टी उनकी मां है और वो पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.

क्यों कटा विपुल गोयल का टिकट ?
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि विपुल गोयल को कृष्णपाल गुर्जर के सामने खुलकर खड़े हो जाना महंगा पड़ा है. दरअसल पहले विपुल गोयल कृष्णपाल गुर्जर का चुनाव मैनेजमेंट देखते थे 2014 में उन्हें टिकट दिलाने के पीछे भी कृष्णपाल गुर्जर का बड़ा हाथ माना जाता है. लेकिन उसके बाद वो कृष्णपाल गुर्जर से ही अदावत कर बैठे और अब उनका टिकट कट गया. इसके अलावा जानकार ये भी मानते हैं कि वो सीएम बनने के सपने देख रहे थे जिसकी भनक मुख्यमंत्री मनोहर लाल को थी.

ये भी पढ़ें- बीजेपी ने काटा मंत्री विपुल गोयल और राव नरबीर का टिकट, डिप्टी स्पीकर संतोष यादव समेत इन 6 विधायकों का भी पत्ता साफ

विपुल गोयल को टिकट मिल भी गया तब भी राह आसान नहीं
अगर पलवल से विपुल गोयल को टिकट मिल भी जाती है तो उनकी राह आसान नहीं होगी क्योंकि वहां से कांग्रेस के करण दलाल विधायक हैं जो लगातर 5 बार से इस विधानसभा सीट से चुने जा रहे हैं. करण दलाल इस बीच में कई पार्टियों में रहे हैं लेकिन उन्होंने हर बार जीत दर्ज की है. ऐसे में विपुल गोयल को उनसे टक्कर लेनी होगी.

ये भी पढ़ें- बीजेपी ने पहली लिस्ट में 9 महिलाओं पर जताया भरोसा, कालका से लतिका शर्मा को मिला टिकट

पलवल विधानसभा 2014 के नतीजे
2014 में पलवल से कांग्रेस करण दलाल ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 57,423 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी के दीपक मंगला रहे थे जिन्हें 51,781वोट मिले थे. पलवल विधानसभा से तीसरे नंबर पर इनेलो के सुभाष चौधरी रहे थे जिन्हें 32,676 वोट मिले थे. करण दलाल ने यहां पिछले 6 चुनावों में से 5 चुनाव जीते हैं.

चंडीगढ़ः विपुल गोयल और राव नरबीर को चौंकाते हुए बीजेपी ने इनका टिकट काट दिया. दोनों ही मनोहर लाल की कैबिनेट के सदस्य थे. लेकिन दोनों का टिकट कट गया जिसके बाद दोनों नेता नए तरीके से टिकट के जुगाड़ में लगे हैं.

राव नरबीर को मिल सकता है रेवाड़ी से टिकट
राव नरबीर का टिकट कटना काफी चौंकाने वाला था. क्योंकि राव नरबीर मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं. लेकिन अब खबरें हैं कि राव नरबीर रेवाड़ी विधानसभा से टिकट मांग रहे हैं और यहां से उन्हें टिकट मिल भी सकता है क्योंकि रेवाड़ी से बीजेपी के मौजूदा विधायक रणधीर कापड़ीवास का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है. इसीलिए उम्मीद है कि राव नरबीर को बीजेपी यहां से टिकट दे सकती है.

टिकट कटने के बाद विपुल गोयल पलवल से मांग रहे टिकट तो राव नरबीर को रेवाड़ी से टिकट की उम्मीद

रेवाड़ी में राव नरबीर के लिए टिकट की टक्कर कड़ी है
रेवाड़ी में भले ही मौजूदा विधायक का टिकट कटने की उम्मीद राव नरबीर को राहत देती हो लेकिन इसी सीट से राव इंद्रजीत सिंह से उन्हें टक्कर लेनी पड़ सकती है क्योंकि रेवाड़ी से ही वो आरती राव के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. अगर आरती राव को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो अरविंद यादव और सतीश खोला भी टिकट के दावेदार हैं जिनसे राव नरबीर को पार पाना होगा.

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राव नरबीर का टिकट क्यों कटा ?
राव इंद्रजीत और राव नरबीर का 36 का आंकड़ा है. जानकार मानते हैं कि राव नरबीर का टिकट कटने में राव इंद्रजीत की बड़ी भूमिका है. लेकिन टिकट कटने के बाद राव नरबीर की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है न ही उनके समर्थक कहीं दिखाई दिए हैं. इन सब बातों को नजर में रखते हुए लगता है कि राव नरबीर को शायद कहीं और से टिकट दे दिया जाएगा.

रेवाड़ी विधानसभा 2014 के नतीजे
2014 में बीजेपी के रणधीर कापड़ीवास ने यह सीट जीती थी. उन्हें 81,103 वोट मिले थे जबकि इनेलो के सतीश यादव दूसरे नंबर पर रहे थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के कैप्टन अजय याव रहे थे जो लगातार 6 बार से यहां विधायक थे. उन्हें मात्र 31,471 वोट मिले थे.

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विपुल गोयल मांग रहे पलवल से टिकट
विपुल गोयल 2014 में फरीदाबाद से जीते थे. लेकिन इस बार उनका टिकट कट गया तो वो पलवल से टिकट की मांग कर रहे हैं जिसके लिए उन्होंने अमित शाह से भी वक्त मांगा है. उनके समर्थक भी टिकटों के ऐलान के बाद से ही डटे हुए हैं. टिकट कटने के बाद विपुल गोयल ने कहा था कि पार्टी उनकी मां है और वो पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.

क्यों कटा विपुल गोयल का टिकट ?
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि विपुल गोयल को कृष्णपाल गुर्जर के सामने खुलकर खड़े हो जाना महंगा पड़ा है. दरअसल पहले विपुल गोयल कृष्णपाल गुर्जर का चुनाव मैनेजमेंट देखते थे 2014 में उन्हें टिकट दिलाने के पीछे भी कृष्णपाल गुर्जर का बड़ा हाथ माना जाता है. लेकिन उसके बाद वो कृष्णपाल गुर्जर से ही अदावत कर बैठे और अब उनका टिकट कट गया. इसके अलावा जानकार ये भी मानते हैं कि वो सीएम बनने के सपने देख रहे थे जिसकी भनक मुख्यमंत्री मनोहर लाल को थी.

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विपुल गोयल को टिकट मिल भी गया तब भी राह आसान नहीं
अगर पलवल से विपुल गोयल को टिकट मिल भी जाती है तो उनकी राह आसान नहीं होगी क्योंकि वहां से कांग्रेस के करण दलाल विधायक हैं जो लगातर 5 बार से इस विधानसभा सीट से चुने जा रहे हैं. करण दलाल इस बीच में कई पार्टियों में रहे हैं लेकिन उन्होंने हर बार जीत दर्ज की है. ऐसे में विपुल गोयल को उनसे टक्कर लेनी होगी.

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पलवल विधानसभा 2014 के नतीजे
2014 में पलवल से कांग्रेस करण दलाल ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 57,423 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी के दीपक मंगला रहे थे जिन्हें 51,781वोट मिले थे. पलवल विधानसभा से तीसरे नंबर पर इनेलो के सुभाष चौधरी रहे थे जिन्हें 32,676 वोट मिले थे. करण दलाल ने यहां पिछले 6 चुनावों में से 5 चुनाव जीते हैं.

Intro:Body:

vipul goyal and rao narbir demand ticket from panwal and rewari assembly constituency




Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 5:41 PM IST
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