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चंडीगढ़ में भी हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, सकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 2 दिन की हड़ताल शुरू कर दी है जिससे सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो रहा है.

bank strike in chandigarh
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Published : Jan 31, 2020, 1:38 PM IST

चंडीगढ़: वेतन संशोधन को लेकर प्रबंधन के साथ बातचीत में सहमति नहीं बनने पर देश की सभी बैंक यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया था. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन यूएसबीयू के कन्वीनर संजय कुमार शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों का वेतन संशोधन नवंबर 2017 से अधूरा पड़ा है. बैंक कर्मचारी नवंबर 2017 से ही सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक गंभीरता से नहीं लिया.

संजय कुमार शर्मा ने बताया कि पहले वेतन संशोधन में सरकार की ओर से अधिकतम 12.25% तक की बढ़ोतरी का ऑफर दिया गया था लेकिन यूनियनों को यह मंजूर नहीं था. इसके बाद सरकार की ओर से 15% बढ़ोतरी का ऑफर दिया गया लेकिन बैंक कर्मियों कहना है कि 5 साल पहले जब वेतन संशोधन किया गया था उस समय 15% की बढ़ोतरी की गई थी लेकिन अब 5 साल बीत जाने के बाद यह बढ़ोतरी 15 की बजाय 20% तक होनी चाहिए.

चंडीगढ़ में भी हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, सकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन.

साथ ही उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारी सरकार से 5 दिन काम की मांग भी कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस मांग को मानने से मना कर दिया है. संजय कुमार ने कहा कि जब तक हमारी इन मांगों को माना नहीं जाएगा तब तक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और अगर इस हड़ताल के बाद सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो मार्च महीने में 11, 12 और 13 तारीख को फिर से हड़ताल की जाएगी और अगर इसके बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो 1 अप्रैल से बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

ये भी पढे़ं- फतेहाबाद में भी दिखा बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर, बंद रहे सभी बैंक

चंडीगढ़: वेतन संशोधन को लेकर प्रबंधन के साथ बातचीत में सहमति नहीं बनने पर देश की सभी बैंक यूनियन ने हड़ताल का आह्वान किया था. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन यूएसबीयू के कन्वीनर संजय कुमार शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों का वेतन संशोधन नवंबर 2017 से अधूरा पड़ा है. बैंक कर्मचारी नवंबर 2017 से ही सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक गंभीरता से नहीं लिया.

संजय कुमार शर्मा ने बताया कि पहले वेतन संशोधन में सरकार की ओर से अधिकतम 12.25% तक की बढ़ोतरी का ऑफर दिया गया था लेकिन यूनियनों को यह मंजूर नहीं था. इसके बाद सरकार की ओर से 15% बढ़ोतरी का ऑफर दिया गया लेकिन बैंक कर्मियों कहना है कि 5 साल पहले जब वेतन संशोधन किया गया था उस समय 15% की बढ़ोतरी की गई थी लेकिन अब 5 साल बीत जाने के बाद यह बढ़ोतरी 15 की बजाय 20% तक होनी चाहिए.

चंडीगढ़ में भी हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, सकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन.

साथ ही उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारी सरकार से 5 दिन काम की मांग भी कर रहे हैं लेकिन सरकार ने इस मांग को मानने से मना कर दिया है. संजय कुमार ने कहा कि जब तक हमारी इन मांगों को माना नहीं जाएगा तब तक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और अगर इस हड़ताल के बाद सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो मार्च महीने में 11, 12 और 13 तारीख को फिर से हड़ताल की जाएगी और अगर इसके बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो 1 अप्रैल से बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

ये भी पढे़ं- फतेहाबाद में भी दिखा बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर, बंद रहे सभी बैंक

Intro:सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 2 दिन की हड़ताल शुरू कर दी है ।जिससे सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो रहा है । वेतन संशोधन को लेकर प्रबंधन के साथ बातचीत में सहमति नहीं बनने पर देश की सभी बैंक यूनियन ने हड़ताल का आवाहन किया था।


Body:यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन यूएसबीयू के कन्वीनर संजय कुमार शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों का वेतन संशोधन नवंबर 2017 से अधूरा पड़ा है । बैंक कर्मचारी नवंबर 2017 से ही सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं । लेकिन अभी तक गंभीरता से नहीं लिया। संजय कुमार शर्मा ने बताया कि पहले वेतन संशोधन में सरकार की ओर से अधिकतम 12.25% तक की बढ़ोतरी का ऑफर दिया गया था। लेकिन यूनियनों को यह मंजूर नहीं था। इसके बाद सरकार की ओर से 15% बढ़ोतरी का ऑफर दिया गया ।लेकिन बैंक कर्मियों कहना है कि 5 साल पहले जब वेतन संशोधन किया गया था। उस समय 15% की बढ़ोतरी की गई थी। लेकिन अब 5 साल बीत जाने के बाद यह बढ़ोतरी 15 की बजाय 20% तक होनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा की बैंक कर्मचारी सरकार से 5 डेज वीक की मांग भी कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने इस मांग को मानने से मना कर दिया है।
संजय कुमार ने कहा कि जब तक हमारी इन मांगों को माना नहीं जाएगा तब तक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और अगर इस हड़ताल के बाद सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो मार्च महीने में 11, 12 और 13 तारीख को फिर से हड़ताल की जाएगी और अगर इसके बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो 1 अप्रैल से बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

बाइट- संजय कुमार शर्मा, कन्वीनर, यू एफ बी यू


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