चंडीगढ़: शहर के निर्माण के 70 साल बाद आज चंडीगढ़ की सड़कें ट्रैफिक को संभालने में पूरी तरह से असफल हो चुकी हैं. चंडीगढ़ में जगह-जगह लगे लंबे जाम को अक्सर देखा जा सकता. सुबह और शाम के वक्त चंडीगढ़ के लगभग हर चौक पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं. लोगों को कुछ किलोमीटर का रास्ता तय करने में भी काफी समय लग जाता है. वहीं चंडीगढ़ की सभी पार्किंग भी वाहनों से भरी हुई दिखाई देती हैं. इस बारे में हमने चंडीगढ़ पुलिस के डीएसपी चरणजीत सिंह विर्क से खास बातचीत की.
'वाहनों की संख्या बढ़ने से बढ़ी ट्रैफिक की समस्या'
इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा इस समय चंडीगढ़ जनसंख्या 12 लाख पहुंच चुकी है. जनसंख्या बढ़ने के साथ चंडीगढ़ में वाहनों की संख्या भी काफी बढ़ गई है और यही बढ़ी हुई संख्या की समस्याओं की जड़ है. लोग आने-जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कम करते हैं और अपने वाहनों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. एक घर में कई-कई वाहन है, जिस वजह से सड़कों पर वाहनों की संख्या काफी बढ़ गई है और इसी वजह से सड़कों पर जाम लगते हैं और दुर्घटनाओं में भी इजाफा होता है.
'सड़क पर वाहन खड़ा किया तो होगा चालान'
साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रैफिक को सुधारने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने नए नियम भी शुरू कर दिए हैं. जिसके तहत ट्रैफिक में बाधा पहुंचाने वाले लोगों का चालान किया जाएगा. जैसे कई बार लोग सड़क के किनारे कार खड़ी करके फोन पर बात करना शुरू कर देते हैं या वहां पर इंतजार करते हैं. जिस वजह से आने जाने वाला ट्रैफिक बाधित होता है. अगर आपसे कोई ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसका तुरंत चालान कर दिया जाएगा.
इसके अलावा कार चलाते वक्त अगर कोई वाहन चालक अपनी लाइन में नहीं चलता है तो उसका भी चालान कर दिया जाएगा. साथ ही जो वाहन चालक गलत लेन का इस्तेमाल करते हुए वाहनों को मोड़ देंगे. उनका भी चालान किया जाएगा. क्योंकि ऐसा करने वाले लोग सड़क पर दूसरे लोगों को भी परेशानी में डाल देते हैं.
'जुर्माना राशि बढ़ने से लोग हुए सजग'
डीएसपी चरणजीत सिंह ने बताया की केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले चालान की जुर्माना राशि को बढ़ा दिया था, जिसके बाद लोग यातायात के नियमों का पालन करने लग गए हैं और चालान में काफी कमी आई है.
'सड़क दुर्घटनाओं में आई कमी'
सड़क दुर्घटनाओं को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा की दुर्घटनाओं को लेकर चंडीगढ़ पुलिस गंभीरता से काम कर रही है. जहां एक तरफ 2015- 16 में 1 साल में दुर्घटनाओं का आंकड़ा 200 से ज्यादा था. वहीं 2019 में इसे 100 से कम कर दिया गया है. ये चंडीगढ़ पुलिस की मुस्तैदी की वजह से हुआ है.
'दिसंबर और जनवरी महीने में होते हैं ज्यादा सड़क हादसे'
उन्होंने कहा की दिसंबर और जनवरी के महीने में दुर्घटनाओं के मामले कुछ ज्यादा बढ़ जाते हैं. क्योंकि इन महीनों में सर्दी का मौसम होता है और धुंध की वजह से सड़कों पर विजिबिलिटी भी कम होती है. कई बार दुर्घटनाएं घट जाती हैं. ऐसे में पुलिस लोगों को लगातार जागरूक करती है कि लोग दिन के मौसम में वाहनों को धीमे चलाएं और फोग लाइट्स का भी इस्तेमाल करें और अगर संभव हो तो कम विजिबिलिटी के समय वाहनों को ना चलाएं, लेकिन कई बार लोगों की लापरवाही से दुर्घटना घट जाती है.
'साईकिल ट्रैक पर ही चलाएं साईकिल'
चंडीगढ़ में साइकिल चालकों के लिए अलग से साइकिल ट्रैक बनाए गए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी साइकल सवार दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं. इस बारे में बात करते हुए डीएसपी चरणजीत सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ में बहुत बढ़िया साइकिल ट्रैक बनाए गए हैं और साइकिल सवारों को हमेशा उन्हीं का इस्तेमाल करना चाहिए.
लेकिन फिर भी कई लोग साईकिल ट्रैक छोड़कर मेन सड़क पर साइकिल चलाते हैं और कई बार वह तेज गति से आ रहे वाहनों की चपेट में आ जाते हैं. जिससे उन्हें जान से हाथ धोना पड़ जाता है. ऐसी कई दुर्घटनाएं सामने आ चुकी है.
इसलिए चंडीगढ़ पुलिस साइकल चाहने वालों से हमेशा ये अपील करती है कि वो मेन सड़क पर कभी साइकिल ना चलाएं और साइकिल चलाने के लिए हमेशा साइकिल ट्रैक का ही इस्तेमाल करें. साथ ही उन्होंने कहा कि यातायात के नियमों का गंभीरता से पालन करें तभी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है.
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