चंडीगढ़: विधायकों को धमकियां मिलने के मामले में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता (Haryana assembly speaker gyan chand gupta) ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज को पत्र लिखा है. शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता करके विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मेरे पास 6 विधायकों को धमकियां मिलने की बात आई है, जो बहुत ही गंभीर मुद्दा है. लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधियों को कोई धमकी दे, उनसे पैसे मांगे या उनको किसी अन्य तरह से डराने कोशिश करे तो यह सही नहीं है.
ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को धमकी देने का मामला बहुत गंभीर है. इस मामले को लेकर मैंने आदरणीय मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि सभी विधायकों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जाए. ताकि विधायक जनता के साथ अपने विधानसभा के लोगों की सेवा कर सकें. मैंने यह भी कहा है कि इस मामले की जांच भी होनी चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा मैंने पत्र में सभी विधायकों की सुरक्षा को बढ़ाए जाने की बात भी कही है.
हरियाणा में कुछ दिनों में कई विधायकों को जान से मारने और रंगदारी मांगने की धमकी (Threats to MLAs in Haryana) मिल चुकी है. इनमें से कुछ विधायकों को विदेशी फोन नंबर से धमकी दी गई है. धमकी देने वाले खुद को कुख्यात गैंगस्टर बता रहे हैं. जिन विधायकों को धमकी मिल रही है उनमें बीजेपी के विधायक भी शामिल हैं. साढौरा से कांग्रेस विधायक रेनू बाला, सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार, फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान, सफीदों से कांग्रेस के विधायक सुभाष गांगोली और सोहना से बीजेपी विधायक संजय सिंह को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है.
इसी मामले को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की थी. मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल से तुरंत विधायकों की सुरक्षा बढ़ाने और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी. साथ ही कुमारी सैलजा ने इन मामलों की उच्चस्तरीय जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में कराए जाने की मांग भी की. पूर्व मंत्री सैलजा ने कहा कि प्रदेश में चरमराई हुई कानून व्यवस्था का आलम यह है कि प्रदेश में जनप्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं हैं. एक के बाद एक विधायकों को धमकी मिलना प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था का प्रमाण है.