चंडीगढ़/नई दिल्ली: दिल्ली के तुगलकाबाद में रविदास मंदिर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश स्पष्ट करते हुए सोमवार को कहा कि मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए पक्के निर्माण का आदेश जारी किया गया है. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर एवं पूर्व मंत्री प्रदीप जैन की याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने आदेश का स्पष्टीकरण दिया.
कोर्ट ने दिया आदेश
पीठ ने इसके बाद स्पष्ट किया कि उसका 21 अक्टूबर को दिया गया मंदिर के निर्माण का आदेश पक्के निर्माण के लिए ही था. अशोक तंवर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दलील दी और आदेश के स्पष्टीकरण का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया.
गौरतलब है कि गत 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश जारी करते हुए उसी जगह पर मंदिर बनाने के निर्देश दिए थे. शीर्ष अदालत के आदेश पर ही गुरु रविदास मंदिर को ध्वस्त किया गया था. गत नौ अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को ढांचा गिराने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए डीडीए ने 10 अगस्त को मंदिर ध्वस्त कर दिया था.
अशोक तंवर ने बताया अनुयायियों की जीत
इस फैसले के बाद अशोक तंवर ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की खंडपीठ द्वारा दिल्ली के तुगलकाबाद में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के स्थायी मंदिर के निर्माण की अनुमति दी गई. प्रत्यक्ष रूप से रविदास जी में आस्था रखने वाले सभी अनुयायियों की जीत है और मंदिर को तोड़ने वाले आप-बीजेपी की हार है.
अशोक तंवर ने अपनी राजनीति पर भी बात करते हुए कहा कि अभी किसी दल में जाने या नई पार्टी बनाने की कोई बात नहीं है. साथियों और कार्यकर्ताओं से बात करके इस पर फैसला लिया जाएगा. उन्होंने दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि सभी को साथ लेकर कोई फैसला किया जाएगा. पहले भी दिल्ली में राजनीति कर चुके हैं.
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