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IAS अशोक खेमका की याचिका पर हाई कोर्ट का हरियाणा सरकार को नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला

हाईकोर्ट के जस्टिस राजवीर सिंह सेहरावत ने शूटर विश्वजीत सिंह को खेल कोटा के तहत राज्य सिविल सेवा में नियुक्ति का आदेश दिया था. विश्वजीत ने एचसीएस अधिकारी के रूप में शामिल करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी क्योंकि खेमका ने विश्वजीत को जारी किए गए खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाया था.

Haryana Court
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Published : Apr 2, 2021, 9:40 AM IST

Updated : Apr 2, 2021, 12:10 PM IST

चंडीगढ़: शूटर विश्वजीत सिंह से जुड़े एक मामले में सिंगल बेंच द्वारा की गई तल्ख टिप्पणी से दुखी हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने टिप्पणी को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के सामने अपील दायर की है. वीरवार को हाईकोर्ट के जस्टिस अजय तिवारी पर आधारित डिवीजन बेंच ने अपील पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को 20 अप्रैल के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्यों ना वह सिंगल बेंच द्वारा की गई टिप्पणी पर रोक लगा दे.

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अपनी अपील में खेमका ने कहा कि सिंगल बेंच की तल्ख टिप्पणी पूरी तरह से निराधार व प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है. 29 जनवरी 2021 के अपने आदेश में हाईकोर्ट के जस्टिस राजवीर सिंह सेहरावत ने विश्वजीत मामले में खेमका के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी. विश्वजीत सिंह मामले में खेमका को बिना प्रतिवादी बनाएं व उनका पक्ष जाने बगैर उनके प्रति नकारात्मक में अपमानजनक टिप्पणी की थी.

जस्टिस सेहरावत ने शूटर विश्वजीत सिंह को खेल कोटा के तहत राज्य सिविल सेवा में नियुक्त का आदेश दिया था. विश्वजीत में एचसीएस अधिकारी के रूप में शामिल करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी क्योंकि खेमका ने विश्वजीत को जारी किए गए खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाया था.

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इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने खेमका के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि खेमका द्वारा खेल निर्देशन सर्टिफिकेट पर उठाए गए सवाल खेल गतिविधि के बारे में उनकी अज्ञानता को दिखाता है. इन सभी शिकायतों का कारण शिकायतकर्ता और याचिकाकर्ता के पिता के बीच कैडर प्रतिद्वंदिता है.

चंडीगढ़: शूटर विश्वजीत सिंह से जुड़े एक मामले में सिंगल बेंच द्वारा की गई तल्ख टिप्पणी से दुखी हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका ने टिप्पणी को वापस लेने के लिए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के सामने अपील दायर की है. वीरवार को हाईकोर्ट के जस्टिस अजय तिवारी पर आधारित डिवीजन बेंच ने अपील पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को 20 अप्रैल के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्यों ना वह सिंगल बेंच द्वारा की गई टिप्पणी पर रोक लगा दे.

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अपनी अपील में खेमका ने कहा कि सिंगल बेंच की तल्ख टिप्पणी पूरी तरह से निराधार व प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है. 29 जनवरी 2021 के अपने आदेश में हाईकोर्ट के जस्टिस राजवीर सिंह सेहरावत ने विश्वजीत मामले में खेमका के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी. विश्वजीत सिंह मामले में खेमका को बिना प्रतिवादी बनाएं व उनका पक्ष जाने बगैर उनके प्रति नकारात्मक में अपमानजनक टिप्पणी की थी.

जस्टिस सेहरावत ने शूटर विश्वजीत सिंह को खेल कोटा के तहत राज्य सिविल सेवा में नियुक्त का आदेश दिया था. विश्वजीत में एचसीएस अधिकारी के रूप में शामिल करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी क्योंकि खेमका ने विश्वजीत को जारी किए गए खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाया था.

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इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने खेमका के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि खेमका द्वारा खेल निर्देशन सर्टिफिकेट पर उठाए गए सवाल खेल गतिविधि के बारे में उनकी अज्ञानता को दिखाता है. इन सभी शिकायतों का कारण शिकायतकर्ता और याचिकाकर्ता के पिता के बीच कैडर प्रतिद्वंदिता है.

Last Updated : Apr 2, 2021, 12:10 PM IST
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