चंडीगढ़: भारत सरकार द्वारा गुरुवार को जारी की गई स्वच्छ सर्वेक्षण सूची में चंडीगढ़ एक बार से पिछड़ गया है. इस बार चंडीगढ़ को 16वां स्थान मिला है. कभी टॉप पर रहने वाला चंडीगढ़ आखिर बार-बार पिछड़ता क्यों जा रहा है और इस साल के स्वच्छ सर्वेक्षण में परिणाम में चंडीगढ़ अच्छी रैंक क्यों नहीं ला पाया, इन सब सवालों के जवाब दिए चंडीगढ़ के सीनियर डिप्टी मेयर रवि कांत शर्मा ने.
सीनियर डिप्टी मेयर ने बताए पिछड़ने के कारण
रवि कांत शर्मा ने बताया कि चंडीगढ़ के पिछड़ने के कई कारण हैं, जिसमें एक कारण ये है कि पहले ये सर्वेक्षण एक ही कैटेगरी पर होता था, लेकिन अब इसमें कई अलग तरह की कैटेगरी बना दी गई हैं. इस बार चंडीगढ़ डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन और सेग्रीगेशन कैटेगरी में पिछड़ गया.
उन्होंने कहा कि जहां तक सफाई की बात है तो चंडीगढ़ में सफाई व्यवस्था बेहतरीन है. सफाई के मामले में चंडीगढ़ देश में आज भी नंबर वन शहर है. नगर निगम ने करीब 398 गाड़ियों का ऑर्डर दे रखा है. ये गाड़ियां डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन करेंगी और उसे सैग्रीगेट भी करेंगी. जिससे चंडीगढ़ इस कैटेगरी में भी बेहतर प्रदर्शन करेगा. हमें उम्मीद है कि नई गाड़ियां आने के बाद चंडीगढ़ अगली बार इस सर्वेक्षण में भी देश का नंबर वन शहर बन कर उभरेगा.
उन्होंने कहा कि गीले और सूखे कचरे को अलग करने के लिए नगर निगम की ओर से चंडीगढ़ के लोगों को करीब 5 लाख हरे और नीले डस्टबिन बांटे गए थे. उसके बाद गार्बेज कलेक्टर्स के साथ कुछ समस्याएं शुरू हो गई थी. जिसमें 1 साल निकल गया, लेकिन अब वे सभी समस्याएं सुलझा ली गई हैं जिससे अब कचरे का सैग्रीगेशन भी सुचारू रूप से होगा.
अगले साल बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि फंड की कमी की वजह से चंडीगढ़ में स्वच्छता का काम कभी नहीं रुका. हालांकि लॉकडाउन की वजह से कई योजनाएं रूक गई थी. ये भी एक पिछड़ने के कारण हो सकता हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि अगले साल चंडीगढ़ बेहतरीन प्रदर्शन करेगा और देश में नंबर वन स्थान हासिल करेगा.
उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों को भी निराधार बताया जिसमें विपक्ष ने सर्वेक्षण को लेकर नगर निगम द्वारा नकली आंकड़े दिए जाने की बात कही थी. सीनियर डिप्टी मेयर ने कहा कि जो भी आंकड़े भेजे गए थे वह सब सही है. कचरे को लेकर जो भी समस्याएं आ रही थी, वह अब दूर हो जाएंगी क्योंकि कचरे का निष्पादन करने वाले जेपी प्लांट को अब नगर निगम ने अपने हाथों में ले लिया है.
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 परिणाम में फिर इंदौर अव्वल
गौरतलब है कि भारत सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के परिणामों की घोषणा कर दी है और एक बार फिर से इंदौर ने बाजी मारी है. इंदौर इस साल भी टॉप पर है, वहीं गुजरात का सूरत शहर दूसरे स्थान पर काबिज है. इंदौर पिछले तीन साल से टॉप पर था और यह उसका लागातार चौथा साल है. तीसरा स्थान नवी मुंबई का है. वहीं गंगा किनारे बसे शहरों में उत्तर प्रदेश का वाराणसी अव्वल है. वहीं बिहार की राजधानी पटना सबसे निचले पायदान पर है.
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