चंडीगढ़ः सागर हत्याकांड में सलाखों के पीछे पहुंचे रेसलर सुशील कुमार को मिट्टी से मिली शोहरत मिट्टी में मिल गई. उनकी एक गलती ऐसा धोबी पछाड़ दिया कि सीधे जेल पहुंच गए. वो सुशील कुमार जो कल तक दुनिया भर में भारत के हीरो के रूप में जाना जाता था, देखते ही देखते कानून की नजर में मुल्जिम बन गया. आसमान पर पहुंचकर जमीन पर औंधे मुंह गिरने वाले इस पहलवान की कहानी कई तरह के रोचक तथ्यों से भरी है. कड़े संघर्ष से यहां तक का सफर तय करने वाले सुशील कुमार (sushil kumar) के लिए अब सब बदल गया है. इससे पहले कि हम उनके विवादों तक आपको लेकर चलें ये जान लीजिए कि बचपन से लेकर यहां तक का उनका सफर कैसा था.
शर्मीला और गठीला लड़का
हरियाणा के एक साधारण से परिवार में जन्म लेने वाले सुशील कुमार बचपन से ही काफी शर्मीले थे. उनके पिता रोडवेज में ड्राइवर थे और किशोर अवस्था में ही सुशील कुमार को खेल का चस्का लग गया था, रेसलिंग उन्हें सबसे ज्यादा पसंद थी. फिर क्या था सुशील कुमार ने मिट्टी से अपना नाता जोड़ा और महाबली सतपाल से अखाड़े में पहलवानी सीखनी शुरू कर दी. 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स (commonwealth games) में गोल्ड जीतने के बाद महाबली सतपाल ने अपनी बेटी की सगाई सुशील कुमार के साथ करने का ऐलान कर दिया.
उस वक्त सुशील कुमार देश के हीरो हुआ करते थे, कैसे हीरो इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि उनकी शादी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (rahul gandhi), मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(rajnath singh) और पूर्व क्रिकेटर कपिल देव(kapil dev) जैसे ना जाने कितने ही नामचीन लोग शामिल हुए. कहा ये जाता है कि शादी से पहले सुशील कुमार ने अपने गुरू की बेटी को देखा तक नहीं था.
आसमान में चमकता सितारा थे सुशील कुमार
2010 के बाद से पहलवान सुशील कुमार आसमान में चमकता वो सितारा थे जिसकी चमक लगातार बढ़ रही थी. वो कई बार विवादों में भी घिरे लेकिन उनके नाम और शोहरत में कभी कमी नहीं आई. इज्जत के साथ-साथ उन्होंने दौलत भी खूब कमाई. ओलंपिक (olympic) में दो मेडल जीतने वाले वो एकमात्र भारतीय हैं. जिसकी बदौलत उन पर विज्ञापनों की भरमार थी. हरियाणा के एक छोटे से गांव से निकलने वाले इस छोरे के पास वो सबकुछ था जिससे कोई भी रश्क करने लगे. उनके पास दो ओलंपिक मेडल, कॉमनवेल्थ में 3 गोल्ड, एक बार वर्ल्ड टाइटल, पद्मश्री अवॉर्ड, अर्जुन अवॉर्ड के साथ-साथ राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड भी है.
वक्त कभी भी बदल सकता है
10 साल तक शिखर पर रहने वाले सुशील कुमार के हाथ से शोहरत रेत की तरह फिसल गई. बरसों की मेहनत से कमाई इज्जत उनकी एक गलती ने मिट्टी में मिला दी. 4 मई 2021 से पहले के वक्त को याद करके सुशील कुमार अब पछता रहे होंगे. क्योंकि पुलिस कह रही है कि इसी दिन सुशील कुमार अपने कुछ साथियों के साथ मॉडल टाउन के एक फ्लैट में पहुंचे, और सागर धनखड़ नाम के पहलवान के साथ 3 और लोगों को किडनैप कर लिया. गन प्वाइंट पर सागर धनखड़ और उनके तीन साथियों को लेकर सुशील कुमार और उनके साथी छत्रसाल स्टेडियम(chhatrasal stadium) पहुंचे.
यहां वो हुआ जिसकी वजह से अब सुशील कुमार जेल की हवा खा रहे हैं. सुशील कुमार पर आरोप हैं कि उन्होंने कई बदमाशों के साथ मिलकर सागर धनखड़ (sagar dhankhar) और उनके साथियों की जमकर पिटाई की और वीडियो बनवाया. सागर धनखड़ को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
सबकुछ पूरी प्लानिंग के साथ हुआ!
पुलिस की मानें तो उस रात जो कुछ हुआ वो सबकुछ एक प्लानिंग जैसा था. यहां से पिटाई और फायरिंग के बीच किसी तरह से निकले सागर के एक साथी ने पुलिस को फोन कर दिया. आनन-फानन में पुलिस पहुंच भी गई लेकिन स्टेडियम के गार्ड ने सुशील कुमार को पहले ही इत्तला कर दी. जिसके बाद वो अपने साथियों के साथ वहां से फरार हो गए लेकिन स्टेडियम के बाहर गाड़ियों की तलाशी लेने पर एक लड़का पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस को लगा कि वो सागर का साथी है और डरकर यहां छिप गया है लेकिन अगले दिन पता लगा कि वो तो सुशील का ही साथी है.
अब कहानी में यहां से और ट्विस्ट आने शुरू हुए क्योंकि सागर की मौत हो गई और पुलिस उनका बयान भी नहीं ले पाई लेकिन सागर के दोस्तों ने जो खौफनाक कहानी सुनाई उससे पुलिस के भी होश उड़ गए. उन्होंने पूरी वारदात पुलिस को सिलसिलेवार बताई. इसके बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ लेकिन कुश्ती के दंगल में अपने पैंतरों से सामने वाले को चित कर देने वाला सुशील कुमार यहां भी काफी चालाक साबित हुआ. वो एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश भागता रहा. लॉकडाउन में भी लगातार पुलिस को चकमा देता रहा. हारकर पुलिस ने सुशील कुमार पर एक लाख का इनाम घोषित कर दिया और पासपोर्ट जब्त कर लिया.
फिर शुरू हुए कानूनी पैंतरे
जाने-माने पहलवान से भगोड़े बने सुशील कुमार के वकील ने 18 मई को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की. लेकिन उनके वकील की एक ना चली और अदालत ने ये याचिका खारिज कर दी. इसके बाद कई राज्यों में अपना ठिकाना बनाने वाले सुशील कुमार ज्यादा छिप नहीं सके और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर 6 दिन की रिमांड पर ले लिया और ऐसे जो नाम, रुतबा और शोहरत सुशील कुमार ने मिट्टी से कमाई थी वो मिट्टी में ही जा मिली.